दिल्ली पुलिस का खुलासा, एक हफ्ते पहले ही रच ली गयी थी, जहांगीरपुरी में हनुमान जन्मोत्सव पर हिंसा की साजिश
दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रामनवमी वाले दिन अंसार की 10 से 12 लोगों के साथ कुशल चौक के पास बैठक हुई थी। इस बैठक में हिंसा की साजिश को रचा गया था जिसमें यह तय हुआ था कि शोभा यात्रा को कुशल चौक से नहीं गुजरने दिया जाएगा। शोभा यात्रा में बहस करने वाला आरोपी अंसार ही मुख्य साजिशकर्ता हैं। वह संगठित आपराधिक गिरोह चलाता था। यह खुलासा दिल्ली पुलिस ने गृहमंत्रालय को सौंपी रिपोर्ट में किया है।
दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हुई हिंसा की जांच तेजी से आगे बढ़ रही है. अब तक कई गिरफ्तारियां इस मामले में हो चुकी है। 14 टीमें मामले की जांच में जुटी हुई हैं। हिंसा के गुनहगारों तक पहुंचने के लिए फॉरेंसिक सबूत जुटाए जा रहे हैं।
जहांगीरपुरी में हनुमान जन्मोत्सव पर शोभा यात्रा के दौरान हिंसा की साजिश एक सप्ताह पहले ही रच ली गई थी जिसे अंजाम देने के लिए छतों पर पत्थर, रोड़ी व ईंटें एकत्रित कर ली गई थीं। शोभा यात्रा में बहस करने वाला आरोपी अंसार ही मुख्य साजिशकर्ता हैं। वह संगठित आपराधिक गिरोह चलाता था। यह खुलासा दिल्ली पुलिस ने गृहमंत्रालय को सौंपी रिपोर्ट में किया है।
छतों पर ईंटें व पत्थर एकत्रित करने की पुष्टि इस बात से होती है कि दिल्ली पुलिस की फोरेंसिक टीम जब छतों पर जांच करने गई तो वहां काफी मात्रा में ईंट व पत्थर मिले थे। पुलिस के अनुसार अंसार पर दो जानलेवा हमला, आर्मस एक्ट तथा सट्टेबाजी के पांच आपराधिक मामले दर्ज हैं। आपराधिक प्रवृति का अंसार सट्टेबाजी का संगठित गिरोह चला रहा था। ये भी बात सामने आई है कि वह झुग्गी बस्ती वालों से उगाही भी करता था। इलाके में उसका खौफ था और लोग उससे डरते थे।
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि जहांगीरपुरी हिंसा के अधिकांश आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं। जो भी बचे हुए हैं उनकी धरपकड़ के लिए दबिश दी जा रही हैं। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रामनवमी वाले दिन अंसार की 10 से 12 लोगों के साथ कुशल चौक के पास बैठक हुई थी। इस बैठक में हिंसा की साजिश को रचा गया था जिसमें यह तय हुआ था कि शोभा यात्रा को कुशल चौक से नहीं गुजरने दिया जाएगा।
यही मुद्दा था जिसके कारण हिंसा हुई थी। तीसरी बार जब यात्रा यहां से गुजर रही थी तो अंसार यात्रा में पीछे शामिल लोगों से बहस करने लग गया था। उसके बाद पथराव शुरू हो गया था। पुलिस अधिकारी ने खुलासा किया है कि साजिश को अंजाम देने के लिए एक सप्ताह पहले से ही घरों की छतों पर पत्थर, रोड़ी व ईंटें एकत्रित करना शुरू कर दिया गया था।
हालांकि, जहांगीरपुरी में हनुमान जन्मोत्सव के दिन पथराव होने के बाद स्थिति में कुछ सुधार होने लग गया था, मगर यहां बुधवार को अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के बाद हालत बिगड़ गए है। इलाके में बुधवार की शाम से ही कड़ी सुरक्षा व्यवस्था कर रखी है। इसका खामियाजा इलाके में रहने वाले एक सौ से अधिक परिवारों के सामने रोजी रोजी का संकट पैदा हो गया है। उनके समक्ष जीविका चलाने के लाले पड़ गए हैं। जहांगीरपुरी में हुई हिंसा के छठे दिन क्षेत्र में शांति बहाल करने की कोशिशें जारी हैं। क्षेत्र में दोबारा ऐसे हालात पैदा न हो इसके प्रयास किए जा रहे हैं। पिछले दिनों दो समुदायों के बीच हिंसा, पथराव की घटना के बाद सुरक्षाकर्मी तैनात हैं।