उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने किया स्वर्गीय विद्या सागर श्रीवास्तव रचित कविता संग्रह बिखरे मोती का विमोचन 

समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य आथिति ने कहा की किताबें वह अनमोल उपहार होती हैं जिन्हें हम बार बार देख सकते हैं और उनसे कुछ सीख सकते हैं। यह कविता संग्रह सरल और पठनीय है। कवितायें आनंदित भी करती हैं और जीवन का रूपान्तरण भी।

उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने किया स्वर्गीय विद्या सागर श्रीवास्तव रचित कविता संग्रह बिखरे मोती का विमोचन 

स्वर्गीय विद्या सागर श्रीवास्तव ‘नीरस  द्वारा अपने  जीवन काल में  रचित कविता संग्रह बिखरे मोती का विमोचन दिनांक 15/09/2024 को मुंशी प्रेम च्नद्र सभागार हिन्दी संस्थान हजरतगंज लखनऊ में माननीय उप मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार श्री ब्रजेश पाठक जी के मुख्य अथित्या में एवं प्रसिद्ध कवि और व्यंगकार श्री सर्वेश कुमार अस्थना की गरिमामयी उपस्थिति में सम्पन्न हुआ ।  

विमोचन के इस अवसर पर उपस्थित साहित्यकारो और प्रबुद्धजनों ने इस काव्य संग्रह पर चर्चा परिचर्चा करते हुए अपने विचार व्यक्त किये और कहा की इस किताब की प्रत्येक कविता में गहराई और अर्थपूर्णता का समावेश है । कविताओं में कवि नें दुख, पीड़ा, सुख, सुविचारों और समवेदनाओं को सूक्ष्मता से व्यक्त किया है । 

समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य आथिति ने कहा की किताबें वह अनमोल उपहार होती हैं जिन्हें हम बार बार देख सकते हैं और उनसे कुछ सीख सकते हैं। यह कविता संग्रह सरल और पठनीय है। कवितायें आनंदित भी करती हैं और जीवन का रूपान्तरण भी। इसी क्रम में मुख्य अतिथि श्री पाठक जी ने बिखरे मोती काव्य संग्रह से दो पंक्तियाँ कहीं, 

मुझे शिकस्त में शिकस्त हार चाहिए।

अज़ीज़ दोस्तों का फकत प्यार चाहिए॥ 

इस अवसर पर कार्यक्रम के आयोजक स्वर्गीय कवि के सुपुत्र ड़ा० अखिलेश श्रीवास्तव ने आये हुए सभी विशिस्ट जनों और आगन्तुको का आभार व्यक्त किया । कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार ज्ञानेंद्र शुक्ला नें किया। 

इस अवसर पर कवि के अनुज और पुस्तक के संपादक श्री श्याम सुंदर श्रीवास्तव , स्वर्गीय कवि की धर्म पत्नी श्रीमती शकुंतला  पुत्र ड़ा० अखिलेश, अमित , अनुज, पुत्री अल्का पुत्रवधु बीना, राखी और परिवार के रवि प्रकाश, अर्जुन जलोटा, अनिल श्रीवास्तव, राकेश श्रीवास्तव, अरविंद श्रीवास्तव, सुशील श्रीवास्तव, सतीश शर्मा, अनुपम मिश्रा, संजय चौधरी, संगीता चौधरी, पूनम, नूतन, रिध्हिमा आदि उपस्थित रहे। 
बिखरे मोती काव्य संग्रह आमेज़न और त्र्यंबक पब्लिकेसन की वैबसाइट पर उपलब्ध है।