1 दिसम्बर से आम आदमी के लिए लॉन्च होगा Digital Rupee, जानें फायदे और नुकसान

भारतीय रिजर्व बैंक ने 1 दिसबंर से रिटेल डिजिटल रुपये के लॉन्च का ऐलान कर दिया है, जो रिटेल डिजिटल करेंसी के लिए पहला पायलट प्रोजेक्ट होगा.

1 दिसम्बर से आम आदमी के लिए लॉन्च होगा Digital Rupee, जानें फायदे और नुकसान

आज के डिजिटल युग में जेब में कैश रखकर चलना अब पुराने जमाने की बात होगी. दरअसल, आम भारतीयों के लिए डिजिटल रुपया आने में बस दो दिन बाकी हैं. भारतीय रिजर्व बैंक ने 1 दिसबंर से रिटेल डिजिटल रुपये के लॉन्च का ऐलान कर दिया है, जो रिटेल डिजिटल करेंसी के लिए पहला पायलट प्रोजेक्ट होगा. 

इससे पहले 1 नवंबर को केंद्रीय बैंक ने होलसेल ट्रांजैक्शन के लिए डिजिटल रुपया लॉन्च किया था और अब सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी रिटेल उपयोग के लिए  पेश की जा रही है. RBI की ओर से इस संबंध में पहले जानकारी साझा की गई थी. इसमें बताया गया था कि CBDC एक पेमेंट का मीडियम होगा, जो सभी नागरिक, बिजनेस, सरकार और अन्य के लिए एक लीगल टेंडर होगा.  

इसकी वैल्यू सेफ स्टोर वाले लीगल टेंडर नोट यानी मौजूदा करेंसी के बराबर ही होगी. देश में आरबीआई की डिजिटल करेंसी आने के बाद अपने पास कैश रखने की जरूरत  कम हो जाएगी, या रखने की जरूरत भी नहीं होगी. 

E-Rupee एक डिजिटल टोकन की तरह से काम करेगा. दूसरे शब्दों में कहें तो CBDC आरबीआई की ओर से जारी किए जाने वाले करेंसी नोट का डिजिटल स्वरूप ही है. इसका इस्तेमाल करेंसी की तरह ही लेन-देन के लिए हो सकता है. आरबीआई के मुताबिक, ई-रुपया का डिस्ट्रीब्यूशन बैंकों के जरिए होगा. डिजिटिल वॉलेट के माध्यम से  व्यक्ति-से-व्यक्ति या व्यक्ति-से-मर्चेंट के बीच लेनदेन किया जा सकता है. मोबाइल वॉलेट से डिजिटल रुपी से लेन-देन कर सकेंगे. क्यूआर कोड स्कैन करके भी इससे पेमेंट कर सकते हैं.  

CBDC केंद्रीय बैंक द्वारा जारी किए गए मुद्रा नोटों का एक डिजिटल रूप है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट में वित्त वर्ष 2022-23 से ब्लॉक चेन आधारित डिजिटल रुपया पेश करने का ऐलान किया था. बीते दिनों केंद्रीय बैंक की ओर से कहा गया था कि RBI डिजिटल रुपया का उद्देश्य मुद्रा के मौजूदा रूपों को बदलने के बजाय डिजिटल करेंसी को उनका पूरक बनाना और उपयोगकर्ताओं को भुगतान के लिए एक अतिरिक्त विकल्प देना है. 

 E-Rupee के बड़े फायदे

डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मददगार.

लोगों को जेब में कैश लेकर की जरूरत नहीं रहेगी. 

मोबाइल वॉलेट की तरह ही इससे पेमेंट करने की सुविधा होगी. 

डिजिटल रुपया को बैंक मनी और कैश में आसानी से कन्वर्ट कर सकेंगे. 

विदेशों में पैसे भेजने की लागत में कमी आएगी.

ई- रुपया बिना इंटरनेट कनेक्शन के भी काम करेगा.

ई-रूपी की वैल्यू भी मौजूदा करेंसी के बराबर ही होगी.

 E-Rupee के नुकसान

रिजर्व बैंक (RBI) की डिजिटल करेंसी E-Rupee के नुकसान के बारे में बात करें तो इसका एक बड़ा नुकसान ये हो सकता है कि इससे पैसों के लेन-देन से संबंधित प्राइवेसी लगभग खत्म हो जाएगी. आमतौर पर कैश में लेन-देन करने से पहचान गुप्त रहती है, लेकिन डिजिटल ट्रांजैक्शन पर सरकार की नजर रहेगी. इसके अलावा ई-रुपया पर कोई ब्याज भी नहीं मिलेगा. RBI की मानें तो अगर डिजिटल रुपया पर ब्याज दिया ये करेंसी मार्केट में अस्थिरता ला सकता है. इसकी वजह ये है कि लोग अपने सेविंग्स अकाउंट से पैसे निकालकर उसे डिजिटल करेंसी में बदलना शुरू कर देंगे.