चुनाव आयोग ने शिवसेना के नाम और सिंबल पर अगले आदेश तक के लिए लगा दी रोक, उद्धव को लगा बड़ा झटका

चुनाव आयोग ने शिवसेना के नाम और सिंबल पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी है. जिसके मद्देनजर 3 नवंबर को होने वाले अंधेरी पूर्व उपचुनाव के लिए उद्धव ठाकरे और शिंदे गुट में से किसी को भी "शिवसेना" के लिए आरक्षित "धनुष और तीर" के चिन्ह का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

चुनाव आयोग ने शिवसेना के नाम और सिंबल पर अगले आदेश तक के लिए लगा दी रोक, उद्धव को लगा बड़ा झटका

आज यानि 8 अक्टूबर को जारी किए गए अपने आदेश में चुनाव आयोग ने कहा है कि शिवसेना धनुष और तीर'चुनाव चिन्ह के साथ महाराष्ट्र में एक मान्यता प्राप्त राज्य पार्टी है. शिवसेना के संविधान के प्रावधानों के अनुसार, शीर्ष पर स्तर पर पार्टी में एक प्रमुख और एक राष्ट्रीय कार्यकारिणी है. आगे आयोग ने कहा, 25 जून, 2022 को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में कुछ विधायकों द्वारा पार्टी विरोधी गतिविधियों के बारे में सूचित किया था. उन्होंने 'शिवसेना या बालासाहेब' के नामों का उपयोग के नामों का उपयोग कर किसी भी राजनीतिक दल की स्थापना के लिए अग्रिम आपत्ति जताई थी.

आयोग ने कहा कि इसके बाद अनिल देसाई ने 01.07.2022 को भेजे गए ईमेल 30.06.2022 को जारी 3 पत्र अटैच किए थे, जिनमें यह उल्लेख किया गया था कि पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने वाले चार सदस्यों ने स्वेच्छा से पार्टी की सदस्यता छोड़ दी है. इसलिए सदस्यों को शिवसेना नेता के उपनेता के पद से हटा दिया जाता है. इनमें एकनाथ शिंदे, गुलाबराव पाटिल, तांजी सावंत और उदय सामंत शामिल थे. साथ ही कहा गया था कि उद्धव ठाकरे शिवसेना के प्रमुख हैं.

इसके बाद एकनाथ  शिंदे गुट की तरफ से भी शिवसेना के सिंबल पर दावा किया गया था. दोनों की तरफ से समय-समय पर आयोग में अपने दावे पेश किए गए. मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा। लेकिन कोर्ट ने भी सुनवाई करते हुए अंतिम फैसला चुनाव आयोग पर छोड़ दिया था. 

बता दे आज चुनाव आयोग ने शिवसेना के नाम और सिंबल पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी है. जिसके मद्देनजर 3 नवंबर को होने वाले अंधेरी पूर्व उपचुनाव के लिए उद्धव ठाकरे और शिंदे गुट में से किसी को भी "शिवसेना" के लिए आरक्षित "धनुष और तीर" के चिन्ह का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. वहीं दोनों गुटों को 10 अक्टूबर दोपहर 1 बजे तक अपने-अपने चुनाव चिन्ह आयोग में पेश करने होंगे. दोनों पक्ष फ्री सिंबल्स में से अपनी पसंद प्राथमिकता के आधार पर बता सकेंगे.  आयोग ने अपने आदेश में दोनो धड़ों को ये छूट जरूर दी है कि दोनों अपने नाम के साथ चाहे तो सेना शब्द इस्तेमाल कर सकते हैं. बहरहाल आयोग के पास नाम और फ्री सिंबल्स में से तीन विकल्प प्राथमिकता के आधार पर बताने ही होंगे.  

जानकारी के लिए बता दे  महाराष्ट्र में शिवसेना पर अधिकार को लेकर एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे के बीच घमासान चल रहा है. इसके लिए शिंदे गुट ने शुक्रवार को चुनाव आयोग से मुलाकात की. शिंदे ने आवेदन में धनुष और बाण के आवंटन की मांग की थी . वहीं इस मामले में चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे को अपना पक्ष रखने के लिए कल दोपहर दो बजे तक का समय दिया था . साथ ही कहा है कि अगर कल दोपहर तक आपका कोई जवाब नहीं मिलता है तो आयोग इस मामले में कार्रवाई करेगा.

चुनाव चिन्ह को लेकर शिवसेना उद्धव गुट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी थी, लेकिन पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने उद्धव ठाकरे की याचिका खारिज कर इस फैसले को चुनाव आयोग पर छोड़ दिया था. चुनाव आयोग ने दोनों पक्षों को 7 अक्टूबर तक दस्तावेज जमा करने के लिए कहा था, लेकिन उद्धव ठाकरे गुट की ओर से चुनाव चिन्ह पर दावेदारी को लेकर दस्तावेज पेश नहीं किए गए. इसी के बाद उद्धव ठाकरे को लेटर जारी किया गया था , इसमें कहा गया है कि एकनाथ शिंदे ने मांग की है कि पार्टी का चुनाव चिन्ह शिंदे गुट को आवंटित किया जाए. इस संबंध में एक प्रति आपको ईमेल के जरिए पहले भी दी जा चुकी है, लेकिन आपकी ओर से अभी तक कोई भी जवाब नहीं मिला है.