महंगे मोबाइल, अच्छे कपड़े, कार में चलने का सपना पड़ा महंगा- बनना था सिपाही, बन गए चोर
आरोपी सत्यानंद भारती अपने दोस्त के साथ कार की चोरी करके खुद का कॅरियर बर्बाद कर लिया। वह बिहार पुलिस में कांस्टेबल पद पर हो रही भर्ती में प्रतिभाग किया है और सिर्फ साक्षात्कार बाकी है। पकड़े जाने के बाद आरोपी अपने किए पर पश्चाताप कर रहा है। वहीं, सत्यानंद के साथ रहकर क्लर्क बनने की परीक्षा की तैयारी करने वाला अनंत कुमार भी इसी आरोप में पकड़ा गया है।
जल्द से जल्द अमीर बनने की चाह इंसान से सही गलत का फैसला नहीं करने देती कुछ ऐसा ही हुआ कि महंगी चीजों की चकाचौंध में फंसे दो युवक कार चोरी के आरोप में चले गए जेल। बढ़ते फैशन के दौर में शौक को पूरा करने के लिए आरोपी सत्यानंद भारती अपने दोस्त के साथ कार की चोरी करके खुद का कॅरियर बर्बाद कर लिया। वह बिहार पुलिस में कांस्टेबल पद पर हो रही भर्ती में प्रतिभाग किया है और सिर्फ साक्षात्कार बाकी है। पकड़े जाने के बाद आरोपी अपने किए पर पश्चाताप कर रहा है।
वहीं, सत्यानंद के साथ रहकर क्लर्क बनने की परीक्षा की तैयारी करने वाला अनंत कुमार भी इसी आरोप में पकड़ा गया है। सत्यानंद स्नातक पास है, तो अनंत इंटरमीडिएट तक पढ़ा है। अनंत इससे पहले भी मोबाइल चोरी के आरोप में जेल जा चुका है।
गोरखपुर जिले के गगहा क्षेत्र के रियाब गांव निवासी 21 वर्षीय सत्यानंद भारती पुत्र चंद्रशेखर भारती स्नातक है। पिता खेती करते है। सत्यानंद दो भाई और दो बहनों में बड़ा है। खुद का कॅरियर संवारने के लिए प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने के लिए गोरखपुर के नौसढ़ में किराए का कमरा लिया है।
किराए के कमरे में साथ में दोस्त गोरखपुर जिले के गोला बाजार क्षेत्र के मठिया निवासी 24 वर्षीय अनंत कुमार निषाद पुत्र त्रिपुरारी निषाद रहता है। अनंत कुमार तीन भाई और दो बहन है। उसके पिता मजदूरी करते है। अनंत कुमार ने इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई की है और क्लर्क आदि की परीक्षा की तैयारी करता है।
कार चोरी के आरोप में पुलिस के हत्थे चढ़ने के बाद दोनों ने पुलिस को बताया कि महंगाई के हिसाब से उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। लोगों को कार से चलते, अच्छे कपड़े पहनते और महंगे मोबाइल फोन चलाते देखकर हमें भी इनके इस्तेमाल की ललक पैदा हो गई, लेकिन इन्हें हासिल करने की हैसियत हमारी नहीं थी। एक दिन दोनों ने कार चोरी की साजिश रच डाली। खलीलाबाद पहुंच कर किराए पर कार बुक की। चालक को चाय में नींद की गोली पिलाकर बेहोश किए और कार लेकर चले गए। बेचने की फिराक में दोनों पकड़े गए।
बिहार पुलिस में कांस्टेबल पद भर्ती में शारीरिक परीक्षा और लिखित परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है। सिर्फ साक्षात्कार बाकी है। उसे पूरी उम्मीद थी कि वह सिपाही बन जाएगा, लेकिन कार चोरी कर चोर बन गया। शौक भी अधूरा रह गया और सिपाही बनने का ख्वाब भी टूट गया।
कोतवाल ने बताया कि सत्यानंद भारती का यह पहला अपराध था। जबकि अनंत कुमार निषाद पहले मोबाइल चोरी में जेल गया था। पकड़े गए दोनों आरोपियों पर कार्रवाई करते हुए जेल भेज दिया गया।