Eye Flu: भारत में आई फ्लू 5 तरह से फैल रहा कंजंक्टिवाइटिस, जानिए लक्षण और बचने के उपाय
विशेषज्ञों के मुताबिक इस साल कंजंक्टिवाइटिस ज्यादा संक्रामक है और तेजी से फैल रहा है। बच्चों में इस वायरस के संक्रमण का खतरा काफी ज्यादा है। कई लोगों के आंखों पर काला चश्मा देखा जा सकता हैं, ताकी संक्रमण को और बढ़ने से रोका जा सके। यदि आपको भी ऐसे मौसम में आंखों में लालिमा, खुजली, दर्द और सूजन महसूस होती हैं, तो आपको डॉक्टर से संपर्क करनी चाहिए।
बरसात के दिनों में ज्यादा बारिश, बाढ़ और जल-जमाव के कारण कई राज्यों और शहरों में आई फ्लू के मामले तेजी से बढ़ते दिख रहे हैं। इस मौसम में आई फ्लू के संक्रमण का खतरा और ज्यादा बढ़ जाता है, जिसके कारण कई और गंभीर बीमारियां होने की संभावना होती है।
ऐसे में कई लोगों के आंखों पर काला चश्मा देखा जा सकता हैं, ताकी संक्रमण को और बढ़ने से रोका जा सके। यदि आपको भी ऐसे मौसम में आंखों में लालिमा, खुजली, दर्द और सूजन महसूस होती हैं, तो आपको डॉक्टर से संपर्क करनी चाहिए।
आइए जानते हैं, आई फ्लू क्या है, इसका इलाज और रोकथाम कैसे करें, आई फ्लू कैसे फैलता है, इत्यादि।. आई फ्लू क्या होता है?
आई फ्लू को कंजक्टिवाइटिस और पींक आई के नाम से भी जाना जाता है। दूसरे शब्दों में इसे “आँख आना” भी कहते हैं। आई फ्लू एक तरह से आँखों का संक्रमण होता है, जिसमें आँखे लाल होना, आँखों में दर्द और सूजन जैसी समस्याएं होती है। यह बीमारी संक्रमण के कारण होती है और यह संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैल सकती है।.
आई फ्लू के ज्यातर मामले एडेनोवायर के कारण होते हैं, इसके अलावा यह हर्पीस, सिंपल्स, पोल्स और मिक्सोवायस के कारण भी हो सकते हैं। किसी भी आई फ्लू से संक्रमित व्यक्ति के डायरेक्ट संपर्क में आने से यह बीमारी आपको भी हो सकती हैा।
आई फ्लू के कारण क्या है?
आमतौर पर, धूल-मिट्टी या गंदगी की वजह से आँखों में एलर्जी होती है, जिसके कारण आई फ्लू जैसे बीमारियां फैलती है। यह बरसात के मौसम में ज्यादा होती है, क्योंकि इस मौसम में नमी, जल-जमाव और गंदगी ज्यादा देखने को मिलती हैं और वातावरण में संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है।
ऐसे में आँखों के सफेद भाग कंजेंक्टिवा में सूजन आ जाती है और आँखे लाल हो जाती है।. इसके अलावा, यदि आप किसी आई फ्लू से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते हैं तो भी आप में संक्रमण फैलने का खतरा रहता है। इससे बचने के लिए आपको बार-बार आँखों को छूने से और किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचना चाहिए।
आई फ्लू के लक्षण क्या है?
आई फ्लू में आँखों का लाल होना और दर्द होने जैसी कई अन्य समस्याएं होती है। आई फ्लू के लक्षण निम्नलिखित है:-.
आँखे लाल होना.
आँखों में दर्द होना.
सूजन होना.
आँखों से पानी आना.
आँखों में खुजली की समस्या.
आँखों से ज्यादा किचड़ आना.
सुबह निंद खुलने पर आँखों का चिपकना.
अगर आपके बच्चे की आंखें लाल दिख रही हैं या उनमें कीचड़ आ रहा है तो सावधान हो जाइये। उसकी आंखों में कंजंक्टिवाइटिस के वायरस का संक्रमण हो सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक इस साल कंजंक्टिवाइटिस ज्यादा संक्रामक है और तेजी से फैल रहा है। बच्चों में इस वायरस के संक्रमण का खतरा काफी ज्यादा है। डब्ल्यूएचओ के वैक्सीन सेफ्टी नेट के सदस्य डॉ. विपिन एम. वशिष्ठ के एक अध्ययन के मुताबिक ओमिक्रॉन के XBB.1.16 वेरिएंट ने भी बच्चों में कंजंक्टिवाइटिस का खतरा बढ़ाया है।
भारत में आमतौर पर 5 तरह से आई फ्लू फैल रहा है.
वायरल कंजक्टिवाइटिस (Viral Conjunctivitis)
वायरल कंजक्टिवाइटिस सबसे आम प्रकार है और एक वायरस के कारण होता है. यह वायरस संक्रामक होता है और किसी संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने या वायरस से दूषित सतहों को छूने से फैल सकता है. इसके लक्षणों में आंखों का लाल होना, पानी निकलना, खुजली शामिल हैं. वायरल कंजक्टिवाइटिस के लिए कोई विशेष इलाज नहीं है और यह आमतौर पर 1 से 3 हफ्ते के भीतर अपने आप ठीक हो जाता है. हालांकि डॉक्टर्स इसके लिए आई ड्रॉप्स सजेस्ट कर सकते हैं.
बैक्टीरियल कंजक्टिवाइटिस (Bacterial Conjunctivitis)
बैक्टीरियल कंजक्टिवाइटिस, बैक्टीरिया के कारण होता है और इसमें आंखों का लाल होना, पानी निकलना और चुभन होना काफी आम है. यह संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने से या किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ चीजें शेयर करने से फैल सकता है. बैक्टीरियल कंजक्टिवाइटिस के इलाज के लिए आमतौर पर एंटीबायोटिक आई ड्रॉप दी जाती है. इसे फिर से होने से रोकने के लिए एंटीबायोटिक दवाओं की पूरी डोज लेनी जरूरी है.
एलर्जी कंजक्टिवाइटिस (Allergic Conjunctivitis)
एलर्जी कंजक्टिवाइटिस धूल के कण, पालतू जानवरों की रूसी या कुछ रसायनों जैसे एलर्जी के कारण हो जाती है. यह अधिक संक्रामक नहीं है और इससे दोनों आंख इफेक्टेड होती हैं. तेज खुजली, लाल होना और चुभन होना इसके संकेत हैं. एलर्जी के संपर्क से बचने और एंटीहिस्टामाइन आई ड्रॉप का उपयोग करने से आराम मिल सकता है.
कैमिकल कंजक्टिवाइटिस (Chemical Conjunctivitis)
कैमिकल कंजक्टिवाइटिस, उत्तेजक पदार्थों या कैमिकल के संपर्क में आने से होता है. जैसे स्विमिंग पूल के पानी में मिला क्लोरीन, धुआं या फ्लोर या बेस क्लीनर्स से निकलने वाली गैस. इसके लक्षणों में आंखें लाल होना, दर्द और पानी निकलना काफी कॉमन है. ऐसे मामलों में आंखों को तुरंत साफ पानी से धोना चाहिए और तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए क्योंकि ऐसे कैमिकल अधिक नुकसान भी पहुंचा सकते हैं.
जाइंट पैपिलरी कंजंक्टिवाइटिस (Giant Papillary Conjunctivitis):
जीपीसी, कंजक्टिवाइटिस का काफी कॉमन रूप है जिसमें आंखों की पल कम सामान्य रूप है, जिसमें पलकों की भीतरी सतह पर पैपिला (उभार) बन जाते हैं. यह अक्सर कॉन्टैक्ट लेंस या ऑक्यूलर प्रोस्थेटिक्स के लंबे समय तक उपयोग के कारण होता है. लक्षणों में खुजली, लाल होना और कॉन्टैक्ट लेंस पहनते समय परेशानी होना शामिल है. उपचार में लेंस को पहनना बंद करना और सूजन को कम करने के लिए दिया गया आई ड्रॉप डालना है.
आई फ्लू का इलाज क्या है?
आई फ्लू एक संक्रामक बीमारी है। इसके लक्षण दिखने पर आपको ओवर द काउंटर दवाओं का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। किसी भी तरह के लक्षण दिखने पर आपको डॉक्टर से परामर्श करने की सलाह दी जाती है। ऐसे में डॉक्टर आपको एंटीबायोटिक दवाएं और आई ड्रॉप देते हैं।
साथ ही जो गंभीर रूप से संक्रमित होते हैं, उन्हें हाई डोज वाली दवाएं दी जाती है। इस समस्या को कम करने के लिए आप हाई और कोल्ड कंप्रेस का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। घर से बाहर निकलते समय चश्मा जरूर पहनें।.
आई फ्लू के घरेलू उपचार क्या है?
आई फ्लू के घरेलू उपचार कई तरह से होते हैं, जो निम्नलिखित है:-. आई फ्लू से आराम के लिए आँखों की गर्म या ठंडी सिकाई करें। किसी तरह के साफ कॉटन के कपड़े या तौलिए को गर्म कर के आँखों पर रखें। तौलिए या कपड़े को गर्म पानी में भीगो कर भी या आइसक्यूब लपेट कर आँखों पर रखा जा सकता है।.
यदि आप आई फ्लू जैसी बीमारी से ग्रसित होते है तो कॉन्टैक्ट लेंस लगाने से बचें। तब तक के लिए दूसरे काले चश्में का प्रयोग कर सकते हैं।. आई मेकअप से दूरी बनाकर रहें। आई फ्लू के मामले में आई मेकअप नहीं करें क्योंकि इससे संक्रमण बढ़ने का और दोबारा वापस आने का खतरा होता है।.
यदि संभव हो तो घर से बाहर कम से कम निकलने की कोशिश करें।.
गुलाब जल का प्रयोग करें।
आँख धोने के लिए गुलाब जल का प्रयोग करें, इससे संक्रमण का खतरा कम होता है।
गाजर और पालक दोनों आँखों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं।
आप नियमित रूप से गाजर और पालक के जूस का सेवन कर सकते हैं।.
आई फ्लू आँखों में होने वाली एक तरह की संक्रामक बीमारी है, जो गंदगी, बारिश, जलजमाव इत्यादि के कारण ज्यादा फैलती है। इसके लक्षण में आँखों का लाल होना, आँखों में दर्द होना, सूजन आ जाना, इत्यादि है। इसके कारण धूल-मिट्टी या गंदगी हो सकती है। इसके अलावा यह संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से भी फैल सकती है।
आई फ्लू के उपचार के लिए आपको डॉक्टर से परामर्श करने की जरूरत होती है, जहां आपको एंटीबायोटिक या आई ड्रॉप दिया जा सकता है। आप आई फ्लू के लिए घरेलू उपचार भी कर सकते हैं, जो उपरोक्त भागों में बताया गया है। आई फ्लू को ऐसे ही छोड़ने पर यदि यह ठीक नहीं हुआ तो अन्य गंभीर बीमारीयों का कारण भी बन सकता है।
डिस्क्लेमर: आई फ्लू से जूड़े किसी भी तरह की समस्या या परेशानी होने पर डॉक्टर से तत्काल परामर्श करें।
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