बढ़ेगी किसानो की आय, प्रधानमंत्री करेंगे पूर्वांचल में दुग्ध क्रांति की शुरुवात
प्रधानमंत्री डेयरी की नींव रखने के साथ प्रदेश के डेढ़ लाख से ज्यादा दुग्ध उत्पादकों को बोनस का 35 करोड़ रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर करेंगे। इसके अलावा करीब 1000 करोड़ की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास और प्रदेश के 20 लाख परिवारों को ऑनलाइन घरौनी यानी खतौनी जारी करेंगे।
काशी विश्वनाथ धाम लोकार्पण के दस दिन बाद दूसरी बार प्रधानमंत्री 23 दिसंबर को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी आएंगे। इस बार उनका कार्यक्रम वाराणसी शहर से करीब 35 किलोमीटर दूर जौनपुर की सीमा पर स्थित करखियांव एग्रो पार्क के पास आयोजित है।
23 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी से पूर्वांचल में दुग्ध क्रांति का आगाज करने जा रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करखियांव में अमूल के प्लांट बनास डेयरी की आधारशिला रखेंगे. प्रधानमंत्री के हाथों शिलान्यास होने के करीब डेढ़ साल के भीतर ये प्लांट बनकर तैयार होगा. अभी तक यूपी में लखनऊ और कानपुर में अमूल के प्लांट हैं. यह प्लांट न सिर्फ दुग्ध उत्पादन में पूर्वांचल को आगे बढ़ाएगा, बल्कि हजारों किसानों, युवाओं को रोजगार भी देगा. 475 करोड़ों रुपए की लागत से इसकी शुरुआत होगी जो लगातार बढ़ती जाएगी.
गुजरात के अलावा देश के छह राज्यों में स्थापित बनास डेयरी के लिए प्रतिदिन औसतन 68 लाख दूध की खरीद हो रही है, जो एशिया में सबसे अधिक है। लाखों दुग्ध उत्पादक इससे जुड़े हुए हैं। बनास डेयरी अपनी बिक्री-आय का 83 फीसदी दूध उत्पादकों को दूध के मूल्य पर लौटाती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 दिसंबर को वाराणसी से पूर्वांचल में श्वेत क्रांति की शुरुआत करेंगे। इसके लिए वाराणसी में 500 करोड़ की लागत से बनास डेयरी स्थापित होगी। प्रधानमंत्री डेयरी की नींव रखने के साथ प्रदेश के डेढ़ लाख से ज्यादा दुग्ध उत्पादकों को बोनस का 35 करोड़ रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर करेंगे। इसके अलावा करीब 1000 करोड़ की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास और प्रदेश के 20 लाख परिवारों को ऑनलाइन घरौनी यानी खतौनी जारी करेंगे।
बनास डेयरी के चेयरमैन गुजरात निवासी शंकरभाई चौधरी ने बताया कि यहां आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी का प्रयोग भी किया जाएगा. मसलन, जैसे ही किसान अपने गांव में मंडली को दूध देगा, उसके मोबाइल में ये सूचना मिल जाएगी कि दूध कितना है, इसमे फैट कितना है आदि जानकारियां. दूध देने के पांच मिनट के भीतर उसके एकाउंट में भुगतान हो जाएगा. दूध प्लांट तक लाने वाली गाड़ियां जीपीएस से लैस होगी, जिसके जरिए लगातार उनकी लोकेशन से जुड़ी सारी जानकारियां मिलेंगी.
आगे जानकारी देते हुए शंकरभाई चौधरी ने बताया कि आय कैसे बढ़ेगी, दूग्ध क्रांति कैसे आएगी, इसको इस उदाहरण से समझिए. हमारे यहां पहले जो गाय चार लीटर दूध देती थी, वो अब 25 से 26 लीटर दूध देती है. पीएम मोदी की कोशिश करने से पहले मेरे गांव में साल 2002 से पहले दो सौ करोड़ रुपए महीने का कारोबार होता था, अब नौ सौ करोड़ का है. उन्होंने कहा कि देखिए ये परिवर्तन होने में आठ से नौ साल का समय लगेगा लेकिन होगा जरूर.