सन 1877 के बाद सबसे गर्म रहा फ़रवरी, गोलबल वार्मिंग का कहर, केंद्र की मार्च से मई के लिए एडवाइजरी

फरवरी के बढ़ते तापमान ने इस बार लंबा रिकॉर्ड पार कर लिया है. यूं तो इस बार फरवरी में हर दिन ने तापमान में नया रिकॉर्ड बनाया लेकिन पूरे महीने ने पिछले 46 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. इस बार फरवरी के महीने में दिन का औसत तापमान 29.54 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है. जो सामान्य तापमान (27.8 डिग्री) से 1.74 डिग्री अधिक था. एक्सपर्ट के मुताबिक, इसकी वजह ग्लोबल वॉर्मिंग है.

सन 1877 के बाद सबसे गर्म रहा फ़रवरी, गोलबल वार्मिंग का कहर, केंद्र की मार्च से मई के लिए एडवाइजरी

फरवरी की गर्मी तो केवल झलकी थी। आने वाले महीनों में पारा और भी चढ़ सकता है। मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में कहा है कि मार्च से मई तक पूर्व, उत्तर पूर्व, मध्य और पश्चिमोत्तर भारत के ज्यादातर हिस्सों में न्यूनतम तथा अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रह सकता है।
फरवरी के बढ़ते तापमान ने इस बार लंबा रिकॉर्ड पार कर लिया है. यूं तो इस बार फरवरी में हर दिन ने तापमान में नया रिकॉर्ड बनाया लेकिन पूरे महीने ने पिछले 46 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. इस बार फरवरी के महीने में दिन का औसत तापमान 29.54 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है. जो सामान्य तापमान (27.8 डिग्री) से 1.74 डिग्री अधिक था. एक्सपर्ट के मुताबिक, इसकी वजह ग्लोबल वॉर्मिंग है.
आने वाले समय की बात करें तो भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा कि देश के अधिकांश हिस्सों में तापमान सामान्य से अधिक रहने की उम्मीद है, जबकि दक्षिणी प्रायद्वीप और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में सख्त मौसम की स्थिति नहीं रहेगी. आईएमडी के हाइड्रोमेट और एग्रोमेट एडवाइजरी सर्विसेज के प्रमुख एससी भान ने कहा कि मार्च में लू की संभावना कम थी, लेकिन देश के अधिकांश हिस्सों में अप्रैल और मई में गर्मी के चरम पर पहुंचने का अनुभव हो सकता है.


मौसम विभाग ने बताया- पिछली मार्च भी इतिहास में सबसे गर्म रही थी, लेकिन इस साल मध्य भारत को छोड़कर देश के बाकी हिस्सों में हीटवेव पिछले साल की तुलना में कम हो सकती है। मार्च में कुछ न्यूट्रल परिस्थितियां रह सकती हैं, क्योंकि कई मौसम संबंधी मॉडल ला-नीना परिस्थितियों के कमजोर होने का संकेत दे रहे हैं और अप्रैल-मई में अल-नीनो परिस्थितियां उभर सकती हैं। इससे पारा ज्यादा रहेगा।
विभाग ने कहा कि केवल दक्षिणी प्रायद्वीप में मार्च से मई के दौरान न्यूनतम तथा अधिकतम तापमान सामान्य या उससे कम रहने की संभावना है। मार्च में भी दक्षिणी प्रायद्वीप को छोड़कर देश के अधिकतर हिस्सों में न्यूनतम एवं अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की आशंका है।
मौसम विभाग के मुताबिकइस साल फरवरी में देश में अधिकतम औसत तापमान 1901 के बाद सबसे अधिक था। इस दौरान न्यूनतम औसत तापमान भी 1901 के बाद पांचवां सबसे अधिक रहा।
विभाग ने कहा है कि फरवरी में पश्चिमोत्तर भारत में 1901 के बाद दूसरा सबसे अधिक औसत न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया। पूर्वी भारत में 1901 के बाद तीसरा सबसे अधिक और पूरे भाररत में पांचवां सबसे ज्यादा तापमान देखा गया।
मौसम विभाग में कृषि मौसम विज्ञान एवं जल विज्ञान सेवा के प्रमुख एससी भान ने कहा, ‘फरवरी में सूरज की तपिशजलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ी या इसका कोई और कारण था, इस बात की बारीकी से जांच करनी चाहिए। लेकिन हमें मिली जानकारी के मुताबिक कृषि मंत्रालय सभी जरूरी एहतियात बरत रहा है।’