फिल्म 'शेरशाह' को मिला National Film Awards में जूरी अवॉर्ड, शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा के भाई विशाल ने जताई खुशी
69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की घोषणा हुई। इसमें सिद्धार्थ मल्होत्रा और कियारा आडवाणी की फिल्म शेरशाह भी शामिल है। शेरशाह को स्पेशल जूरी अवॉर्ड दिया गया है। इसपर कारगिल युद्ध में शहीद हुए कैप्टन विक्रम बत्रा के भाई विशाल बत्रा ने अपना रिएक्शन दिया है।
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार को देश के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक माना जाता है। यह आयोजन हर साल राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आयोजित किया जाता है और भारत के राष्ट्रपति पुरस्कार प्रदान करते हैं। जबकि पुरस्कार समारोह हर साल आयोजित किया जाता है, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण यह 2 साल तक बाधित रहा।
बीते साल 68वां राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार संपन्न हुआ था और कल यानि 24 अगस्त को 69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की घोषणा हुई। इसमें सिद्धार्थ मल्होत्रा और कियारा आडवाणी की फिल्म शेरशाह भी शामिल है। शेरशाह को स्पेशल जूरी अवॉर्ड दिया गया है। इसपर कारगिल युद्ध में शहीद हुए कैप्टन विक्रम बत्रा के भाई विशाल बत्रा ने अपना रिएक्शन दिया है।
शेरशाह को 69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की कैटेगरी में स्पेशल जूरी अवॉर्ड मिलने पर शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा के भाई विशाल बत्रा ने कहा कि यह बहुत गर्व और खुशी की बात है क्योंकि यह पुरस्कार न केवल फिल्म के लिए है, बल्कि यह उनके लिए भी है।
कारगिल युद्ध में अपनी जान देने वाले हर सैनिक की वीरता और साहस के लिए यह पुरस्कार है। उन्होंने आगे कहा कि विक्रम दिग्गज बन गया है, लेकिन यह उन 527 सैनिकों का बलिदान है जो गुमनाम नायक रहे हैं।
विशाल बत्रा ने कहा उन्होंने यह भी कहा कि शेरशाह उस जीवन को चित्रित करता है जो एक सैनिक देश की संप्रभुता की रक्षा करते हुए जीता है। उन्होंने कहा कि वह पूरे देश से इतना प्यार और प्रशंसा पाकर खुश हैं, जिन्होंने फिल्म की इतनी सराहना की।
वहीं पुरस्कार जीतने पर फिल्म निर्माता करण जौहर ने भी खुशी जाहिर की है। सोशल मीडिया पर 'धन्यवाद' पोस्ट के साथ इस जीत पर प्रतिक्रिया व्यक्त की।
करण जौहर ने लिखा, 'आपको सही समय पर सभी सही लोग शायद ही मिलेंगे - कुछ खास बनाने के लिए अपनी रचनात्मक ऊर्जा और जुनून के साथ एक साथ आएं... जो कुछ असाधारण में बदल जाए! शेरशाह हमारे लिए वह था। हमें अपना बेपनाह प्यार देने के लिए धन्यवाद। ये दिल मांगे मोर!'