CM Yogi ने रामचरित मानस की चौपाई पर अखिलेश यादव को चारों खाने किया चित
समाजवादी पार्टी का कार्यालय तुलसीदास जी के खिलाफ अभियान चला रहा है. रामचरित मानस जैसे पावन ग्रंथ का अनादर किया जाने का प्रयास किया जा रहा है. सीएम योगी ने चौपाइयों का उदाहरण देते हुए कहा कि 'शूद्र' और 'ताड़ना' शब्दों का गलत मतलब पेश किया गया. जबकि अवधी और बुंदेलखंड के शब्द शूद्र का मतलब श्रमिक और ताड़ना का अर्थ देखने से होता है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर बोलते हुए समाजवादी पार्टी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने रामचरित मानस को लेकर सपा को खूब खरीखोटी सुनाई. उन्होंने कहा कि ''समाजवादी पार्टी ने रामचरित मानस पर विवाद खड़ा किया. यूपी तो मर्यादापुरुषोत्तम राम और श्री कृष्ण की धरती है. रामचरित मानस अवधी में रची गई. शूद्र का मतलब श्रमिक वर्ग से है न कि जाति से. चौपाइयों की सही व्याख्या की जानी चाहिए. जिस संत ने रामचरितमानस की रचना की थी, उन्होंने बहुत अच्छा संदेश दिया था,वह राम को ही राजा मानते थे. सपा हर बार एक शिगूफा छोड़ती है. कुछ लोगों ने रामचरित मानस को फाड़ने की कोशिश की.
बता दे आज उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के छठवें दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी और उसके मुखिया अखिलेश यादव पर करारा हमला बोला. रामचरित मानस की चौपाई विधानसभा में दोहराने की चुनौती को स्वीकार करते हुए सीएम योगी ने न केवल ढोल गंवार शूद्र पशु नारी... वाली लाइन दोहराई बल्कि ऐतिहासिक काल में लिखी गई इस पंक्ति का मतलब बताकर अखिलेश यादव को बैकफुट पर धकेल दिया.
सीएम योगी ने कहा, ''जैसे ही प्रदेश में ग्लोबल इंवेस्टर समिट शुरू होने वाली थी,उसी समय समाजवादी पार्टी ने नया शिगूफा छोड़ने का प्रयास किया. धार्मिक ग्रंथ रामचरित मानस को लेकर तुलसीदास जी ने जिस कालखंड में रामचरित मानस की रचना की थी.उन जैसे साधक और संत को सत्ता का बुलावा आया था.अकबर ने उनको भी बुलाया था. तुलसीदाज जी ने उनको एक ही बात कह दी थी. हम चाकर रघुवीर के, पटौ लिखौ दरबार,अब तुलसी का होहिंगे नर के मनसबदार.'' ये जो कृत्य हो रहे हैं ये जो किसी और मत और मजहब के साथ हुए होते तो क्या होता, क्या स्थिति होती. यानी जिसकी मर्जी आए वो हिंदू धर्म और शास्त्रों का अपमान कर ले . आप पूरे समाज को अपमानित करना चाहते हैं.''
समाजवादी पार्टी का कार्यालय तुलसीदास जी के खिलाफ अभियान चला रहा है. रामचरित मानस जैसे पावन ग्रंथ का अनादर किया जाने का प्रयास किया जा रहा है. सीएम योगी ने चौपाइयों का उदाहरण देते हुए कहा कि 'शूद्र' और 'ताड़ना' शब्दों का गलत मतलब पेश किया गया. जबकि अवधी और बुंदेलखंड के शब्द शूद्र का मतलब श्रमिक और ताड़ना का अर्थ देखने से होता है.
उन्होंने आगे कहा, जिस यूपी को गर्व की अनुभूति होनी चाहिए कि यह राम की धरती है, कृष्ण की धरती है. गंगा यमुना की धरती है. संगम की धरती है, उत्तर प्रदेश की पावन धरती पर राम चरित मानस और बाल्मीकि रामायण जैसे धार्मिक ग्रंथ रचे गए. जिस पर उत्तर प्रदेश के रहने वाले को गर्व की अनुभूति होने चाहिए. आप उस पवित्र ग्रंथ को जलाकर क्या 100 करोड़ हिंदुओं को अपमानित करने का काम नहीं कर रहे हैं. इस प्रकार की अराजकता को कैसे स्वीकार किया जा सकता.