प्रत्याशियों को लेकर मजेदार नजारा, हाथ वाला कांग्रेस का नहीं, ना ही साइकिल वाला सपा का प्रत्याशी

जिसे ''हाथ'' चुनाव चिह्न मिला है, उसे कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी नहीं माना है। इसी तरह से जिसे ''साइकिल'' चुनाव निशान मिला है, उससे सपा ने अपना समर्थन वापस ले लिया है।  कांग्रेस और सपा, दोनों ने तकनीकी तौर पर निर्दल प्रत्याशी के तौर पर लड़ रहे राजकुमार रावत को अपना समर्थन दिया है। उधर, कांग्रेस हाईकमान ने फैसला किया है कि वह इस प्रकरण की जांच कराएगा कि अनधिकृत प्रत्याशी के पास उसका सिंबल कैसे पहुंचा।

प्रत्याशियों को लेकर मजेदार नजारा, हाथ वाला कांग्रेस का नहीं, ना ही साइकिल वाला सपा का प्रत्याशी

मथुरा-वृंदावन नगर निगम में महापौर पद के विपक्ष के प्रत्याशियों को लेकर दिलचस्प नजारा सामने आया है। जिसे ''हाथ'' चुनाव चिह्न मिला है, उसे कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी नहीं माना है। इसी तरह से जिसे ''साइकिल'' चुनाव निशान मिला है, उससे सपा ने अपना समर्थन वापस ले लिया है। 

कांग्रेस और सपा, दोनों ने तकनीकी तौर पर निर्दल प्रत्याशी के तौर पर लड़ रहे राजकुमार रावत को अपना समर्थन दिया है। उधर, कांग्रेस हाईकमान ने फैसला किया है कि वह इस प्रकरण की जांच कराएगा कि अनधिकृत प्रत्याशी के पास उसका सिंबल कैसे पहुंचा।

मथुरा-वृंदावन नगर निगम में महापौर पद के प्रत्याशी को लेकर कांग्रेस में शुरू से ही जबरदस्त गुटबाजी देखने को मिली। कांग्रेस का एक धड़ा पूर्व चेयरमैन श्याम सुंदर को टिकट दिलवाना चाहता था, पर मथुरा के ही एक कद्दावर कांग्रेसी ने उनका विरोध कर दिया। समीकरण कुछ ऐसे बने कि कांग्रेस ने वहां राजकुमार रावत को अपना प्रत्याशी घोषित किया। 

बताते हैं कि किसी तरह श्याम सुंदर ने कांग्रेस के सिंबल की जुगाड़ कर ली और उसे अपने नामांकन पत्र के साथ लगा दिया। राजकुमार रावत ने उनके बाद पार्टी के सिंबल के साथ पर्चा भरा। इसलिए रिटर्निंग ऑफिसर ने पहले नामांकन करने वाले श्याम सुंदर को कांग्रेस का चुनाव चिह्न जारी कर दिया।

इस तरह से कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी राजकुमार रावत ''हाथ'' विहीन हो गए। पूरे प्रकरण में कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेताओं की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। बताया जा रहा है कि उन्होंने ही श्याम सुंदर के लिए पार्टी के सिंबल की जुगाड़ कराई। 

बता दे कि इससे पहले सपा ने हसनैन अंसारी की पत्नी को टिकट देकर अगले ही दिन बिना बताए उनका टिकट काट दिया. वहीं अपनी बेइज्जती का बदला और सपा को सबक सिखाने के लिए हसनैन अंसारी की पत्नी तरन्नुम आरा ने कांग्रेस हाथ थाम लिया था. 

कांग्रेस के टिकट पर भदोही नगर पालिका से तरन्नुम अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रही हैं. हालांकि इस बाबत समाजवादी पार्टी को सीधे तौर पर नुकसान होता दिखाई दे रहा है. यहां पहले भाजपा सपा की लड़ाई मानी जाती थी लेकिन अब स्थिति कुछ और ही होगी.