G20: आर्थिक कॉरिडोर को पीएम मोदी, बाइडेन सहित सभी नेताओं ने बताया विकास का आधार
पीएम मोदी ने कहा कि भारत कनेक्टिविटी को क्षेत्रीय सीमाओं में नहीं बांधता. सभी क्षेत्रों के साथ कनेक्टिविटी बढ़ाना भारत की मुख्य प्राथमिकता है. हमारा मानना है कि कनेक्टिविटी विभिन्न देशों के बीच आपसी व्यापार ही नहीं, आपसी विश्वास बढ़ाने का स्रोत है.
जी 20 शिखर सम्मेलन में शनिवार को भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक कॉरिडोर और वैश्विक बुनियादी ढांचे और निवेश के लिए साझेदारी कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "मेरे मित्र राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ मुझे इस आयोजन की अध्यक्षता करते हुए बहुत खुशी हो रही है.
आज हम सबने एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक समझौता संपन्न होते हुए देखा है. आने वाले समय में भारत पश्चिम एशिया और यूरोप के बीच आर्थिक एकीकरण का प्रभावी माध्यम होगा. यह पूरे विश्व में कनेक्टिविटी और विकास को सस्टेनेबल दिशा प्रदान करेगा." उन्होंने सभी राष्ट्र अध्यक्षों को संबोधित करते हुए इस पहल के लिए बधाई दी.
उन्होंने कहा कि मजबूत कनेक्टिविटी और इन्फ्रास्ट्रक्चर मानव सभ्यता के विकास का मूल आधार है. भारत ने अपनी विकास यात्रा में इस विषय को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है. फिजिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ सोशल, डिजिटल तथा फायनेंस इन्फ्रास्ट्रक्चर में अभूतपूर्व पैमाने पर निवेश हो रहा है.
इससे हम एक विकसित भारत की मजबूत नींव रख रहे हैं. हमने ग्लोबल साउथ के अनेक देशों में एक विश्वसनीय पार्टनर के रूप में एननर्जी, रेलवे, टेक्नालॉजी पार्क जैसे क्षेत्रों में इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट इम्प्लीमेंट किए हैं. इन प्रयासों में हमने डिमांड, ड्रिवन और ट्रांसपेरेंट एप्रोच पर विशेष बल दिया है. पीजीआईआई के माध्यम से हम ग्लोबल साउथ के देशों में इन्फ्रास्ट्रक्चर गेप को कम करने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत कनेक्टिविटी को क्षेत्रीय सीमाओं में नहीं बांधता. सभी क्षेत्रों के साथ कनेक्टिविटी बढ़ाना भारत की मुख्य प्राथमिकता है. हमारा मानना है कि कनेक्टिविटी विभिन्न देशों के बीच आपसी व्यापार ही नहीं, आपसी विश्वास बढ़ाने का स्रोत है.
कनेक्टिविटी इनेशिएटिव को प्रमोट करते हुए कुछ मूलभूत सिद्धांतों का सुनिश्चित किया जाना महत्वपूर्ण है. जैसे अंतरराष्ट्रीय नॉर्म्स, रूल्स तथा कानूनों का पालन. सभी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान, फाइनेंशियल वायबेलिटी को बढ़ावा देना और पर्यावरण के सभी मापदंडों का पालन करना.
उन्होंने कहा कि, आज जब हम कनेक्टिविटी का इतना बड़ा इनिशिएटिव ले रहे हैं, तब हम आने वाली पीढ़ियों के सपनों के विस्तार के बीज बो रहे हैं. मैं इस ऐतिहासिक अवसर पर सभी लीडरों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं और सबका बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं.
भारत-मध्य पूर्व-यूरोप शिपिंग और रेलवे कनेक्टिविटी कॉरिडोर की घोषणा को एक बड़ी बात करार देते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि अगले दशक में, भागीदार देश निम्न-मध्यम आय वाले देशों में बुनियादी ढांचे की कमी को दूर करेंगे. बाइडेन ने कहा कि इस योजना में शामिल सभी नौ देशों के प्रमुखों को, साथियों को धन्यवाद. यह वास्तव में एक बड़ी बात है.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि, मैं प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देना चाहता हूं. एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य यही इस जी20 शिखर सम्मेलन का फोकस है और कई मायनों में यह इस साझेदारी का भी फोकस है कि हम-आप आज के बारे में बात कर रहे हैं.
जो बाइडेन ने पार्टनरशिप फॉर ग्लोबल इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड इन्वेस्टमेंट (पीजीआईआई) और भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यह गलियारा भारत, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, यूरोपीय संघ, फ्रांस, इटली, जर्मनी और संयुक्त राज्य अमेरिका से जुड़े कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे के विकास में सहयोग पर एक ऐतिहासिक और अपनी तरह की पहली पहल है.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि टिकाऊ, लचीले बुनियादी ढांचे का निर्माण, गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचे में निवेश करना और बेहतर भविष्य का निर्माण करना इसका लक्ष्य है. पिछले साल, हम इस दृष्टिकोण के लिए प्रतिबद्ध होने के लिए एक साथ आए थे और आज दोपहर में अमेरिका और हमारे साझेदार इसे वास्तविकता बनाने के लिए काम कर रहे हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने आगे कहा कि आप 'आर्थिक गलियारा' वाक्यांश को एक से अधिक बार सुनेंगे और मुझे उम्मीद है कि अगले दशक में जब हम निम्न-मध्यम आय वाले देशों में बुनियादी ढांचे की कमियों को दूर करने के लिए काम करेंगे, तो हमें इसके प्रभाव को अधिकतम करने की जरूरत है. कुछ महीने पहले घोषणा की गई थी कि अमेरिका आर्थिक गलियारों में निवेश के लिए अपने सहयोगियों के साथ काम करेगा. मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है है कि कॉरिडोर लॉन्च होगा.
सउदी अरब के क्राउन प्रिंस सलमान ने कहा कि, इकानॉमिक कॉरिडोर की पहल, जिसके बारे में इस मीटिंग में घोषणा की गई है, इसके लिए मैं उनको धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने इसके लिए काम किया है और यह बुनियादी कदम उठाया है. सभी का आभार.
यूरोपियन कमीशन की प्रेसीडेंट उर्सुला वॉन डेर लेन ने कहा कि, अर्थव्यवस्थाओं के इन्फ्रास्ट्रक्चर में इनवेस्टमेंट मिडिल इनकम वाले देशों की जरूरत है. दो साल में बड़े स्तर के प्रोजेक्ट प्रकाश में आए. इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकॉनामिक कॉरिडोर ऐतिहासिक से कम कुछ नहीं है. यह इंडिया, अरेबियन गल्फ और यूरोप के बीच सीधा संपर्क बनाने वाला है. इससे भारत और यूरोप के बीच व्यापार में 40 प्रतिशत की तेजी आएगी. उन्होंने कहा कि यह महाद्वीपों और सभ्यताओं के बीच ग्रीन एंड डिजिटल ब्रिज होगा. उन्होंने कहा कि, आज ट्रांस अफ्रीकन कॉरिडोर की भी घोषणा की गई. यह बड़े स्तर पर इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश की पहल है. यह सभी सदस्यों को वास्तविक लाभ देने वाला है.
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि यह बहुत महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है. उन्होंने कहा कि हम लंबी अवधि के लिए इनवेस्टमेंट करने के प्रतिबद्ध हैं. यह एशिया, मिडिल-ईस्ट और यूरोप के लिए बहुत अहम प्रोजेक्ट है. यह लोगों को आपस में जोड़ने का बड़ा अवसर है. हम अलग-अलग देशों में मैन्युफैक्चरिंग के अवसर उपलब्ध कराएंगे.
अफ्रीका के साथ काम करना चाहता है जर्मनी
जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज ने कहा कि यह बहुत महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है. जर्मनी 3500 मिलियन यूरो का वर्ल्ड बैंक के साथ अतिरिक्त निवेश करेगा. हम अफ्रीका के साथ भी काम करना चाहते हैं.
जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने कहा विकास के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी को मजबूत करने पर जोर देना चाहिए. उन्होंने कहा कि दिल्ली मेट्रो में जापान ने सहयोग दिया है. सहयोग से सभी देशों का विकास होगा. इस साल मई में जी-7 हिरोशिमा समिट की अध्यक्षता जापान ने की थी. इसमें पहली बार पीजीजीआई मीटिंग में प्राइवेट बिजनेसेज को आमंत्रित किया गया था. जापान ने दिल्ली मेट्रो के निर्माण के साथ-साथ कई ट्रांसपोर्ट डेवलपमेंट प्रोजेक्टों पर काम किया है. यह सदस्य देशों को आर्थिक विकास के लिए मददगार हैं. हम फिर साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार हैं.