GST On Rent- केवल इन लोगो को देना होगा सरकार ने दी सफाई, जान लीजिए सभी नियम
नए नियम के मुताबिक, जीएसटी रजिस्टर्ड किरायेदार को रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म के तहत टैक्स भरना होगा। वह इनपुट टैक्स क्रेडिट के तहत डिडक्शन दिखाकर जीएसटी क्लेम कर सकता है। अब नए नियम, जो कि 18 जून 2022 से लागू हैं, उनके मुताबिक अगर आवासीय प्रॉपर्टी का किरायेदार GST रजिस्टर्ड है तो उसे 18 फीसदी GST देना होगा, भले ही मकान मालिक GST रजिस्टर्ड हो या न हो.
GST एक बार फिर से खबरों में है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या अब किरायेदारों को भी GST देना होगा। सरकार ने स्पष्ट किया है कि किराए पर रहने वाले सभी लोगों को जीएसटी नहीं देना होगा। इसके तहत केवल उन लोगों को किराए पर 18 फीसदी जीएसटी देना होगा, जिन्होंने अपनी रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी को किसी बिजनेस इकाई को किराए पर दे रखा है। जीएसटी के नए नियम 18 जुलाई से लागू कर दिए गए हैं।
जानकारी के लिए बता दें, इसी साल के बीते जून महीने में वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन की अगुवाई में GST परिषद की 47वीं बैठक हुई थी। इसमें तमाम नई चीजों पर GST लगाने का फैसला लिया गया था। ये बदलाव 18 जुलाई 2022 से लागू कर दिए गए हैं। इसमें एक खास प्रावधान ये किया गया था कि GST रजिस्टर्ड किरायेदार को आवासीय संपत्ति किराए पर लेते समय 18% की दर से माल और सेवा कर का भुगतान करना होगा। यानी कि उन किरायेदारों को GST देना होगा, जिनका GST रजिस्ट्रेशन हुआ है।
18 जुलाई से नए नियम लागू होने से पहले कॉमर्शियल प्रॉपर्टी जैसे कि ऑफिस या रिटेल प्रॉपर्टी को लीज पर देने पर ही जीएसटी लगता था। यानी रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी को चाहे कोई कॉरपोरेट हाउस किराये पर ले कोई सामान्य किरायेदार, इस पर कोई जीएसटी नहीं लगता था। कमर्शियल प्रॉपर्टी पर तब GST लगती है जब मकान मालिक GST रजिस्टर्ड हो। ऐसे मकान मालिकों को GST के लिए रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य है जिनकी सेवा संबंधित सप्लाई 20 लाख रुपये से अधिक है और माल की सप्लाई 40 लाख रुपये से अधिक है। अगर मकान मालिक GST रजिस्टर्ड है और अपनी कमर्शियल प्रॉपर्टी को किराये पर देता है तो मकान मालिक किरायेदार से 18 फीसदी GST लेगा, चाहे किरायेदार GST रजिस्टर्ड हो या न हो.
नए नियम के मुताबिक, जीएसटी रजिस्टर्ड किरायेदार को रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म के तहत टैक्स भरना होगा। वह इनपुट टैक्स क्रेडिट के तहत डिडक्शन दिखाकर जीएसटी क्लेम कर सकता है। अब नए नियम, जो कि 18 जून 2022 से लागू हैं, उनके मुताबिक अगर आवासीय प्रॉपर्टी का किरायेदार GST रजिस्टर्ड है तो उसे 18 फीसदी GST देना होगा, भले ही मकान मालिक GST रजिस्टर्ड हो या न हो. इस GST का भुगतान रिवर्स चार्ज मेकेनिज्म (RCM) के तहत होगा, यानी कि किरायेदार सीधे सरकार को GST का भुगतान करेगा।
एक ट्वीट में पीआईबी ने कहा, 'रेजिडेंशियल यूनिट का किराया तभी टैक्स योग्य होता है जब इसे किसी जीएसटी रजिस्टर्ड कंपनी को कारोबार करने के लिए रेंट पर दिया जाता है.' इसमें आगे क्लियर किया गया है कि पर्सनल यूज के लिए अगर कोई व्यक्ति इसे किराए पर लेता है तो इस पर कोई जीएसटी नहीं देना पड़ेगा.'
सरकार के प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB)के फैक्ट चेक के अनुसार, अगर कोई प्रॉपर्टी किसी व्यक्ति को निजी इस्तेमाल के लिए किराए पर दी गई है तो उस पर GST लागू नहीं होगा। इन नए नियमों का प्रभाव सभी किरायेदारों पर नहीं पड़ेगा। ऐसे किरायेदारों पर GST का भार पड़ेगा जो कि GST रजिस्टर्ड हैं. जैसे कि अगर कोई कंपनी अपने कर्मचारियों के लिए किराये पर गेस्टहाउस बुक कराती है या फिर वे किराये पर कोई आवासीय प्रॉपर्टी लेते हैं तो उस कंपनी को 18 फीसदी GST देना होगा. वहीं अगर कोई कर्मचारी किसी आवासीय प्रॉपर्टी को किराये पर लेता है तो उसे GST नहीं चुकाना पड़ेगा।
इस तरह किरायेदार कोई कंपनी, कोई छोटी कंपनी या बिजनेस प्रोफशनल्स जैसे कि वकील, वास्तुकार, बिजनेस कंसल्टेंट इत्यादि हैं और वे GST रजिस्टर्ड हैं, तो उन्हें आवासीय प्रॉपर्टी पर भी GST देना होगा। हालांकि सैलरी प्राप्त करने वाले लोगों को इसकी चिंता करने की जरूरत नहीं है. उन्हें किराये पर घर लेने पर GST नहीं देना होगा।