गायत्री प्रजापति को आखिरी सांस तक जेल कैद की सजा मिली किया था बलात्कार
सुप्रीम कोर्ट ने पीडि़ता की याचिका पर गायत्री प्रजापति समेत 7 अभियुक्तों के खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश दिए थे.गायत्री 15 मार्च, 2017 से जेल में है. 18 जुलाई, 2017 को पॉक्सो की विशेष अदालत ने गायत्री समेत सभी 7 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप तय किए. गायत्री प्रजापति को आखिरी सांस तक जेल कैद की सजा मिली किया था बलात्कार.
उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव की सरकार में अहम भूमिका खनन मंत्री में रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति को लखनऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. सजा के साथ ही 2 लाख रूपयो का जुर्माना भी लगाया है. गायत्री प्रजापति और उसके साथियों को न्यायाधीश पी के राय ने बीते बुधवार को एक महिला से बलात्कार करने और साथ ही उसकी नाबालिग बेटी से बलात्कार की कोशिश करने का दोषी ठहराया था।
इस पीड़ित महिला ने दावा किया था कि मंत्री और उसके साथी अक्टूबर 2014 से उसके साथ बलात्कार कर रहे हैं लेकिन जब जुलाई 2016 में उसकी नाबालिग बेटी से छेड़छाड़ और बलात्कार की कोशिश की गई, तब पीड़ित महिला ने इन लोगों के खिलाफ शिकायत करने का फैसला किया।
बता दे पीडि़त महिला ने बताया था कि 2013 में चित्रकूट में गंगा आरती के कार्यक्रम में तत्कालीन कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति से एक काम के सिलसिले में मिली थी. उसे उसके एक करीबी ने गायत्री से मिलवाया था. इसके बाद गायत्री प्रजापति के लखनऊ आवास पर आने-जाने लगी. उसके साथ अक्टूबर 2014 से जुलाई 2016 तक गैंगरेप किया गया.
मंत्री के रुतबे से डर के वह चुप रही. मगर जब मंत्री और साथियो ने उसकी बेटी से छेड़छाड़ की कोशिश की तो वह बर्दाश्त नहीं कर सकी. 18 फरवरी 2017 को उसने केस दर्ज कराया था. नाबालिग से रेप की कोशिश में दोषियों पर पॉक्सो एक्ट भी लगा था. पॉक्सो एक्ट में अधिकतम सजा के लिए उम्रकैद या मृत्युदंड का प्रावधान है. गायत्री प्रजापति 15 मार्च 2017 से जेल में है.
बता दें कि गायत्री प्रजापति पर इस संगीन मामले के अलावा खनन घोटाले के भी आरोप लगे, इसी के बाद समाजवादी पार्टी ने उन्हें पद से हटा दिया था। हालांकि सितम्बर 2016 में जब उन्हें दोबारा कैबिनेट में शामिल किया तो उन्होंने सबके सामने मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के पैर छुए थे। ऐसा करने पर विरोधी पार्टियों ने कई सवाल भी उठाए थे।
वहीं, मामले में आरोपी गायत्री के दोनों साथियों आशीष शुक्ला और अशोक तिवारी को भी आजीवन कारावास की सजा मिली है. तीनों दोषियों को जेल से लाकर विशेष न्यायाधीश पवन कुमार राय के सामने पेश किया गया है. दो दिन पहले ही तीनों को दोषी ठहराया गया था. गायत्री प्रसाद समाजवादी पार्टी सरकार में कैबिनेट मंत्री था.
सुप्रीम कोर्ट ने पीडि़ता की याचिका पर गायत्री प्रजापति समेत 7 अभियुक्तों के खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश दिए थे. 18 फरवरी, 2017 को थाना गौतमपल्ली में गैंगरेप, जान से मारने की धमकी और पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था. इस दौरान गायत्री समेत सभी अभियुक्तों को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया था. गायत्री 15 मार्च, 2017 से जेल में है. 18 जुलाई, 2017 को पॉक्सो की विशेष अदालत ने गायत्री समेत सभी 7 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप तय किए.