गिल का शतक बन गया बेहद खास: "यहां रन बनाना मुश्किल था, ऐसे में हमने...", किया सीक्रेट का खुलासा

शुभमन गिल को बांग्लादेश के खिलाफ मैच में खेली गई 101 रनों की बेहतरीन नाबाद शतकीय पारी के लिए प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब भी दिया गया। गिल ने अपने इस शतक को लेकर कहा कि ये उनके लिए काफी खास क्योंकि आईसीसी इवेंट में यह उनकी पहली सेंचुरी है।

गिल का शतक बन गया बेहद खास: "यहां रन बनाना मुश्किल था, ऐसे में हमने...", किया सीक्रेट का खुलासा

भारतीय टीम ने आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में अपने अभियान की शुरुआत बांग्लादेश के खिलाफ ग्रुप-ए के खेले गए पहले मुकाबले में 6 विकेट से जीत के साथ की। इस मैच में पहले टीम इंडिया के गेंदबाजों का कमाल देखने को मिला जिन्होंने बांग्लादेश की पारी को 228 रनों के स्कोर पर समेट दिया। 

इसके बाद शुभमन गिल के बल्ले से निकली 101 रनों की बेहतरीन नाबाद शतकीय पारी के दम पर टीम इंडिया ने इस टारगेट को 46.3 ओवर्स में हासिल करने के साथ प्वाइंट्स टेबल में अपना खाता भी खोला। भारतीय टीम के उपकप्तान शुभमन गिल ने अपने शानदार फॉर्म का फायदा उठाने के साथ इस मुकाबले में अपने वनडे करियर का 8वां शतक लगा दिया जो बेहद खास भी बन गया।

भारत की जीत में शानदार शतक जड़ने वाले शुभमन गिल ने मैच के बाद कहा कि यह अभी तक उनकी सबसे संतोषजनक पारी रही. और जिस तरह उन्होंने प्रदर्शन किया, उससे मैं बहुत ही खुश हूं. गिल ने जीत के लिए मिले 229 रनों का पीछा करते हुए 129 गेंदों पर बिना आउट हए 101 रनों की पारी खेली. इसमें उन्होंने 9  चौके और 2 छक्के लगाए. और यह उनकी पारी ही सबसे बड़ी वजह रही कि टीम इंडिया ने पहला ही मैच में जीत के साथ आगाज किया. 

उन्होंने कहा, "जब रोहित और मैं बैटिंग के लिए गए, तो हमें लगा कि गेंद पर शॉट लगाना आसान नहीं है क्योंकि जो गेंद ऑफ स्टंप के बाहर थी, वह अच्छी तरह बल्ले पर नहीं आ रही थी", गिल बोले, "ऐसे में मैंने तेज गेंदबाजों के खिलाफ भी कदमों का इ्स्तेमाल करने के बारे में सोचा और तीज गज के घेरे से ऊपर शॉट खेलने की कोशिश की."

शुभमन गिल को बांग्लादेश के खिलाफ मैच में खेली गई 101 रनों की बेहतरीन नाबाद शतकीय पारी के लिए प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब भी दिया गया। गिल ने अपने इस शतक को लेकर कहा कि ये उनके लिए काफी खास क्योंकि आईसीसी इवेंट में यह उनकी पहली सेंचुरी है। मैं अपनी पारी से काफी खुश हूं। इस पिच पर ऑफ स्टंप से बाहर की गेंदों पर शॉट खेलना आसान नहीं था। इसीलिए मैंने पैरों का इस्तेमाल कर सर्कल से ऊपर शॉट खेलने का प्रयास किया। एक समय पर हम पर थोड़ा दबाव जरूर था उसके बाद मुझे अंत तक बल्लेबाजी करने का संदेश आया और मैंने भी वही कोशिश की जिसे करने में भी मैं पूरी तरह से कामयाब रहा।