अच्छी खबर- गोवंशीय पशुओं में लंपी के टीकाकरण में यूपी देश में अव्वल
कोरोना की तर्ज पर पशुओं में तेजी से फैल रहे लंपी जैसे घातक रोग को नियंत्रित करने के लिए अभियान की शुरूआत की गई थी। 1.50 करोड़ पशुओं का टीकाकरण करके यूपी ने देश में पहला स्थान बनाया है, जबकि दूसरे नंबर पर गुजरात रहा। यह उपलब्धि मात्र दो महीने के अभियान में हासिल हुई है। इसी प्रकार प्रदेश में लंपी रोग से रिकवरी दर 95 प्रतिशत है।
पशुओं में लंपी रोग की रोकथाम के लिए सरकारी अभियान में 1.50 करोड़ पशुओं का टीकाकरण करके यूपी ने देश में पहला स्थान बनाया है, जबकि दूसरे नंबर पर गुजरात रहा। यह उपलब्धि मात्र दो महीने के अभियान में हासिल हुई है। इसी प्रकार प्रदेश में लंपी रोग से रिकवरी दर 95 प्रतिशत है।
यह जानकारी देते हुए सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि कोरोना की तर्ज पर पशुओं में तेजी से फैल रहे लंपी जैसे घातक रोग को नियंत्रित करने के लिए अभियान की शुरूआत की गई थी। मौजूदा समय में प्रदेश के 32 जिले लंपी रोग से प्रभावित हैं। इनमें करीब 1.05 लाख पशु लंपी रोग से ग्रस्त हैं।
इसके मद्देनजर घर-घर पशु चिकित्सकों को भेजकर उपचार किया गया जिससे अब तक 1 लाख से अधिक पशु रोगमुक्त हो चुके हैं। विभाग द्वारा टीम-9 का गठन किया गया जिसके वरिष्ठ नोडल अधिकारियों द्वारा प्रभावित बरेली, मुरादाबाद, मेरठ, सहारनपुर, आगरा और अलीगढ़ मंडलों में अभियान चलाकर लंपी चक्र को तोड़ा गया।
चिकित्सकों की टीम द्वारा 26 जिलों में 89 डेडीकेटेड गो चिकित्सा स्थल बनाकर भी संक्रमण के फैलाव को रोका गया। प्रवक्ता ने बताया कि 1.50 करोड़ टीकाकरण लक्ष्य लगभग 2000 टीमों द्वारा पूरा किया गया है। जबकि 31 अक्तूबर तक 1.60 करोड़ पशुओं के टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है। वहीं शासन द्वारा प्रदेश के पशुपालकों और किसानों को नवंबर में विशेष रूप से लंपी को लेकर सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
लंपी वायरस गोवंश में होने वाली एक संक्रामक बीमारी है, जो एक पशु से दूसरे पशु को होती है। यह बीमारी Capri Poxvirus नामक वायरस के चलते होती है। इस वायरस का संबंध गोट फाक्स और शीप पाक्स वायरस के फैमिली से है। जानकारों की मानें तो मच्छर के काटने और खून चूसने वाले कीड़ों के जरिए यह बीमारी मवेशियों को होती है।