क्रिप्टो करेंसी पर सरकार ला रही है कानून क्रिप्टो करेंसी नहीं आपकी संपत्ति होगा जानिए महत्वपूर्ण बाते
धान मंत्री नरेंद्र मोदी इस क्रिप्टो करेंसी को लेकर देश की जनता को आगाह कर चुके हैं। अब इससे भी एक कदम आगे बढ़कर सरकार काम करना चाहती है। केंद्र क्रिप्टो करेंसी की रोकथाम के लिए आगामी शीतकालीन सत्र में एक बिल लाने की तैयारी कर रही है। इसको लेकर भी लोगों की धड़कनें काफी बढ़ी हुई हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि भारत से भी इसमें पैसा लगाया गया है। संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर को शुरू होकर 23 दिसंबर को संपन्न होगा।
भारत सरकार ने क्रिप्टो पर अलग रुख अपनाने का फैसला किया है। भारत में क्रिप्टो करेंसी को मुद्रा के रूप में अनुमति नहीं दी जाएगी। अगर किसी के पास बिटकॉइन या इथेरियम जैसी क्रिप्टो करेंसी है तो वह उससे शेयर, गोल्ड या बॉन्ड की तरह रख सकते हैं, लेकिन उसे करेंसी की तरह पेमेंट करने में उपयोग नहीं कर सकते यह बात अब साफ़ हो जाएगी ।
क्रिप्टो करेंसी को लेकर देश में बड़ी अजीब सी स्थिति पैदा हो गई है। इसमें पैसा इंवेस्ट करने वालों को मंगलवार को इसकी कीमत अचानक गिर जाने से जबरदस्त झटका भी लगा है। जितनी तेजी से पैसे बढ़ते है उतनी ही तेजी से गिरते भी है। ग्लोबल क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में बिटक्वॉइ समेत दूसरी आभासी मुद्रा भी धड़ाम हुई है। बीते कुछ वर्षों में दुनिया के कई देशों में इसका चलन बड़ी तेजी से फैला है और लोगों की दिलचस्पी भी इसमें बढ़ी है। वहीं भारत की बात करें तो खुद प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी इस क्रिप्टो करेंसी को लेकर देश की जनता को आगाह कर चुके हैं। अब इससे भी एक कदम आगे बढ़कर सरकार काम करना चाहती है।
भारत सरकार ने संसद में क्रिप्टो करेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ़ ऑफ़िशियल डिजिटल करेंसी बिल पेश करने का फ़ैसला लिया है. इस विधेयक के बारे में जानकारी अब तक सार्वजनिक नहीं की गयी है. कहा जा रहा है यह विधेयक भारत में क्रिप्टो करेंसी के इस्तेमाल को क़ानूनी रूप से नियंत्रित करेगा. क्रिप्टो करेंसी पर भारत के हर क़दम पर दुनिया की नज़र है. संसद के अगले सत्र में अगर इस विधेयक को पेश किया जाता है तो इस पर निवेशकों की क़रीबी नज़र होगी.
दरअसल, केंद्र क्रिप्टो करेंसी की रोकथाम के लिए आगामी शीतकालीन सत्र में एक बिल लाने की तैयारी कर रही है। इसको लेकर भी लोगों की धड़कनें काफी बढ़ी हुई हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि भारत के भी बहुत से लोगो ने क्रिप्टो करेंसी पैसा लगाया गया है। इस साल का संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर को शुरू होकर 23 दिसंबर को संपन्न होगा।
इससे पहले भारत सरकार की केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण साफ़ कर चुकी हैं कि सरकार की योजना क्रिप्टो करेंसी पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की नहीं है. असल में सरकार क्रिप्टो करेंसी के आधार वाली तकनीक ब्लॉकचेन को रक्षा कवच देना चाहती है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार देश में क्रिप्टो ट्रेडिंग के नियम तैयार कर रही है। भारत में सरकार वर्चुअल करेंसी के जरिए पेमेंट ट्रांजैक्शन पर रोक लगाने जा रही है। इस बारे में क्रिप्टो बिल को अंतिम रूप दिया जा रहा है।एक सरकारी सूत्र ने इस बारे में कहा,
"देश में लोग गोल्ड, शेयर या बांड की तरह क्रिप्टो को संपत्ति के रूप में रख सकेंगे।इतना साफ़ है कि क्रिप्टो एक्सचेंज और ट्रेडिंग प्लेटफार्म को एक्टिव सोलिटिसेशन की अनुमति नहीं दी जाएगी।"
भारत सरकार इस समय क्रिप्टो के टैक्सेशन संबंधी मसलों पर भी काम कर रही है और आने वाले विधायक में इस बारे में भी जिक्र किया जा सकता है। सरकार संसद के शीत सत्र में क्रिप्टो करेंसी से जुड़े विधेयक को पेश कर सकती है। इससे पहले भी खबर आई थी कि भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी के मसले पर बीच का रास्ता निकालने की कोशिश कर रही है और वह इसे देश में बैन करने के मूड में नहीं है।