Gyanvapi Masjid Case Update-ज्ञानवापी केस में सुनवाई से पहले हिंदू पक्ष ने बनाया ट्रस्ट, अब लीगल टीम से लेकर काशी के गणमान्य होंगे मेंबर
ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष की ओर से शृंगार गौरी के पूजन के लिए अभियान शुरू किया गया है। मस्जिद परिसर के वजूखाने में मिले शिवलिंग के पूजन-अर्चन और मुस्लिम पक्ष से मुक्त कराने के लिए लगातार पैरवी की जा रही है। इस पर खर्च के साथ ही मामले के प्रबंधन के लिए ही ट्रस्ट बनाया गया है।
उत्तर प्रदेश के काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर स्थित ज्ञानवापी मस्जिद प्रकरण में आगामी मंगलवार को होने वाली कोर्ट सुनवाई से पहले एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष ने अब ट्रस्ट बनाने का ऐलान किया है। ट्रस्ट का नाम श्रीआदि महादेव काशी धर्मालय मुक्ति न्यास रखा है। जिसका आज उद्घाटन होगा। इस ट्रस्ट पर कोर्ट में जारी मामले को देखने की जिम्मेदारी होगी। ट्रस्ट कोर्ट के मामलों को देखेगा। मुकदमे में होने वाला खर्च भी वहन करेगा। ट्रस्ट का नियमत: रजिस्ट्रेशन कराया गया है। ट्रस्ट के लिए विष्णु शंकर जैन ने 51 हजार रुपये और एक अन्य ने 21 हजार रुपये का चेक देकर शुरुआत की है।
ज्ञानवापी मस्जिद सर्वेक्षण मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता विष्णु जैन ने सोमवार को बताया कि ट्रस्ट में कानूनी टीम समेत काशी के गणमान्य लोग होंगे। हमारा एकमात्र उद्देश्य हमारे अधिकारों को वापस पाना है और यह इस ट्रस्ट की छत्रछाया में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद मामले में कई मामले दर्ज किए जाने के बाद हमें ट्रस्ट की आवश्यकता महसूस हुई इसलिए आगे समन्वय और बेहतर प्रबंधन के लिए हमने यह ट्रस्ट गठित किया है।
इससे पहले ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी मामले में हिन्दू पक्ष की तरफ से 5 वादी में से एक वादी राखी सिंह ने सोमवार को अपना केस वापस लेने का ऐलान किया है। हालांकि हिन्दू पक्ष का कहना है कि बाकी 4 वादी अपने रुख पर तटस्थ हैं। इस केस की अगुवाई करने वाली संस्था विश्व वैदिक सनातन संघ ने कल ही अपने लेटर हेड पर जानकारी को साझा करते हुए विधि सलाहकार समिति को भंग कर दिया था। संस्था के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन का वादी पक्ष की टीम में सर्वेक्षण के दौरान ना होने से ही फूट की आशंका बढ़ गई थी।
फिलहाल हिन्दू पक्ष के वकील और अन्य पदाधिकारी बैठक कर आगे की रणनीति तय करेंगे। 4 वादी में सीता साहू, मंजू व्यास, लक्ष्मी देवी और रेखा पाठक हैं। राखी सिंह के केस वापस लेने के निर्णय के पीछे क्या वजह है ये अभी साफ नहीं हो सका है।
ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष की ओर से शृंगार गौरी के पूजन के लिए अभियान शुरू किया गया है। मस्जिद परिसर के वजूखाने में मिले शिवलिंग के पूजन-अर्चन और मुस्लिम पक्ष से मुक्त कराने के लिए लगातार पैरवी की जा रही है। इस पर खर्च के साथ ही मामले के प्रबंधन के लिए ही ट्रस्ट बनाया गया है।
बता दें काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर स्थित ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी प्रकरण में आगामी मंगलवार को कोर्ट में सुनवाई होगी। अभी केस मेरिट पर सुनवाई चल रही है। मुस्लिम पक्ष अपनी दलीलें पेश कर रहे हैं। इसके बाद हिंदू पक्ष अदालत के सामने दावा पेश करेगा। बता दें कि बीते दिनों ज्ञानवापी मस्जिद में हिंदू पक्ष ने शिवलिंग मिलने का दावा किया था। जबकि मुस्लिम पक्ष ने इसे फव्वारा बताया था। इसके बाद उसकी जांच के लिए भेज दिया गया था। हालांकि कोर्ट ने इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा है।
वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर स्थित श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन व अन्य विग्रहों के संरक्षण मामले में जिला जज की अदालत में आज अहम सुनवाई होनी है। मामले में अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी (मुस्लिम पक्ष) ने दाखिल 51 बिंदुओं पर आपत्ति पर दलील पूरी कर ली है। आज मुस्लिम पक्ष अदलात में कानूनी बिंदुओं पर दलील रखते हुए कोर्ट से गुजारिश करेगा कि यह वाद ऑर्डर 7 रूल 11 के तहत सुनवाई योग्य नहीं है और राखी सिंह समेत 5 महिलाओं की तरफ से दाखिल वाद को खारिज किया जाए। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पांच महिलाओं की तरफ से 51 बिंदुओं पर शृंगार गौरी के नियमित दर्शन के लिए दाखिल वाद के सुनवाई योग्य है या नहीं पर बहस चल रही है।