Mukhtar Ansari के खिलाफ हत्या के प्रयास और गैंगस्टर के मामले में सुनवाई आज, कपिलदेव सिंह हत्याकांड का मुख्य आरोपी

एक हफ्ते पहले 29 अप्रैल को गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट के एक मामले में मुख्तार अंसारी को 10 साल की सजा और पांच लाख रूपए का जुर्माना भी लगाया है. ये मामला बीजेपी के पूर्व विधायक कृष्णानंद राय की हत्या से जुड़ा हुआ है. आज गाजीपुर की एमपीएमएलए कोर्ट में मुख्तार अंसारी के खिलाफ हत्या के प्रयास और गैंगस्टर मामले में फैसला सुनाया जाना है. इससे पहले 27 अप्रैल को ये फैसला आना था लेकिन कोर्ट ने मुख्तार को सजा सुनाने के लिए 6 मई यानी आज की तारीख तय कर दी थी. 

Mukhtar Ansari के खिलाफ हत्या के प्रयास और गैंगस्टर के मामले में सुनवाई आज, कपिलदेव सिंह हत्याकांड का मुख्य आरोपी

माफिया डॉन और मऊ से पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के अपराधों को अब हिसाब होना शुरू हो गया है. आज गाजीपुर की एमपीएमएलए कोर्ट में मुख्तार अंसारी के खिलाफ हत्या के प्रयास और गैंगस्टर मामले में फैसला सुनाया जाना है. इससे पहले 27 अप्रैल को ये फैसला आना था लेकिन कोर्ट ने मुख्तार को सजा सुनाने के लिए 6 मई यानी आज की तारीख तय कर दी थी. 

बता दे गैंगस्टर एक्ट के मामले में आज मुख्तार अंसारी पर फैसला आ सकता है. इससे पहले यह फैसला 27 अप्रैल को सुनाया जाना था.  लेकिन कोर्ट ने इस मामले में 6 मई की अगली तारीख सजा सुनाने के लिए नियत कर दी थी. मुख्तार अंसारी कपिलदेव सिंह की हत्याकांड के मुख्य आरोपी हैं.

गैंगस्टर एक्ट मामले में  मुख्तार अंसारी पर  फैसला आज आ सकता है. मुख्तार अंसारी पर हत्या और हत्या का प्रयास करने का मामला दर्ज है. मुख्तार अंसारी के ऊपर 120 बी के तहत भी मामला दर्ज है. 2010 में कपिलदेव सिंह की हत्याकांड और मुहम्मदाबाद में वीर हसन द्वारा जानलेवा हमला मामले को लेकर गैंग चार्ट बनाया गया है. गैंगेस्टर के इस मामले में 27 अप्रैल को ही फैसला आना था, लेकिन एडीजीसी क्रिमिनल के द्वारा लिखित बहस के लिए समय मांगा गया था.

मुख्तार अंसारी के ऊपर 307 के तहत 2009 में मुहम्मदाबाद कोतवाली में एक मामला दर्ज था. विवेचना के दौरान मुख्तार को इस मामले में सह अभियुक्त बनाते हुए 120बी के तहत भी मुकदमा दर्ज किया गया. वहीं कपिलदेव सिंह हत्याकांड के सिलसिले में करंडा थाने के अंतर्गत भी एक हत्या का मामला दर्ज था. 

इन सभी मामलों को गैंग चार्ट में शामिल किया गया था. बता दें 14 साल पहले दर्ज हुआ था. दोनों ही मामले साल 2009 में दर्ज हुए थे. गैंगेस्टर के मामले में सभी कानूनी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. बस अब कोर्ट की ओर से फैसला सुनाया जाना बाकी है.

इन मामलों में सरकारी वकील ने लिखित बहस के लिए कोर्ट से दो हफ्ते का समय मांगा था, जिसके बाद कोर्ट ने 27 अप्रैल को सजा सुनाने की तारीख तय की थी, हालांकि कोर्ट ने फिर इसके लिए 6 मई की तारीख मुकर्रर कर दी थी. इस मामले में कोर्ट में सभी कानूनी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई हैं. जिसके बाद आज मुख्तार अंसारी पर इन मामलों में फैसला आ सकता है. 

इस मामले पर जानकारी देते हुए मुख्तार अंसारी के वकील लियाकत अली ने कहा कि मुख्तार पर 307 के तहत 2009 मे मुहम्मदाबाद कोतवाली में एक मामला दर्ज था. विवेचना के दौरान मुख्तार को इसमें सहअभियुक्त बनाते हुए 120 बी के तहत भी मामला दर्ज किया गया था. लियाकत अली ने कहा कि घटना के समय उनके मुवक्किल जेल में थे. 

आपको बता दें कि एक हफ्ते पहले 29 अप्रैल को गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट के एक मामले में मुख्तार अंसारी को 10 साल की सजा और पांच लाख रूपए का जुर्माना भी लगाया है. ये मामला बीजेपी के पूर्व विधायक कृष्णानंद राय की हत्या से जुड़ा हुआ है.

गौरतलब हो कि मुख्तार अंसारी को 22 सितंबर 2022 से 29 अप्रैल 2023 के बीच 4 मामलों में सजा हो चुकी है. सबसे पहली सजा 22 सितंबर 2022 को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने दी. इस मामले में मुख्तार को लखनऊ में तैनात रहे जेलर के साथ मारपीट करने और धमकी देने के मामले में 7 साल की सजा हुई. 

फिर 23 सितंबर को High Court की लखनऊ बेंच में जस्टिस डीके सिंह की बेंच ने गैंगस्टर एक्ट के मामले में मुख्तार अंसारी को 5 साल की सजा हुई. इसके अलावा गाजीपुर में एडिशनल एसपी रहे उदय शंकर जायसवाल को जान से मारने की नीयत से हमला किया गया. 

इस मामले में 15 दिसंबर 2022 को मुख्तार अंसारी और उसके साथी भीम सिंह को 10 साल की सजा सुनाई गई. चौथा मामला गैंगस्टर एक्ट का ही था, जिसमें मुख्तार और उसके भाई अफजाल अंसारी को कोर्ट ने 10 साल और 4 साल की सजा सुनाई.

गाजीपुर गैंगस्टर एक्ट में सजा के बाद जेल में बंद गाजीपुर के पूर्व बीएसपी सांसद अफजाल अंसारी के तीन शस्त्र निरस्त हो गए हैं. मोहम्दाबाद थाना अंतर्गत जारी तीन असलहों को पुलिस ने कानूनी प्रक्रिया अपनाते हुए निरस्त किया. पूर्व सांसद के पास एक रायफल, एक डबल बैरल और एक रिवाल्वर का आल इंडिया लाइसेंस था.