भारी बारिश शुरू, गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ के तटीय इलाकों के लिए रेड अलर्ट जारी-Cyclone Biparjoy Status
चक्रवाती तूफान बिपरजॉय अब तटीय इलाकों की ओर बढ़ रहा है। गुजरात और महाराष्ट्र में बिपरजॉय का असर देखा जा रहा है। दोनों राज्यों में समुद्र में ऊंची लहरें उठ रही हैं।
तूफान 15 जून की शाम तक कच्छ जिले के जखौ पोर्ट से टकराएगा। इस दौरान 150 किमी/घंटे तक की रफ्तार से हवाएं चलने का अनुमान है। इसके चलते बुधवार को गुजरात और मुंबई के तटीय इलाकों में भारी बारिश हो रही है।
चक्रवाती तूफान बिपरजॉय अब तटीय इलाकों की ओर बढ़ रहा है। गुजरात और महाराष्ट्र में बिपरजॉय का असर देखा जा रहा है। दोनों राज्यों में समुद्र में ऊंची लहरें उठ रही हैं। मौसम विभाग ने बताया है कि 15 जून को बिपरजॉय का खासा असर देखने को मिलेगा। एहतियात के तौर पर रेलवे ने 95 ट्रेनें रद्द कर दी हैं। पश्चिमी रेलवे का कहना है कि 15 जून तक ये ट्रेनें रद्द रहेंगी। गुजरात से अब तक 37 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित जगह पर पहुंचाया जा चुका है।
तेज हवाओं और ऊंची लहरों के चलते अब तक 9 लोगों की मौत की खबर है। वहीं, गुजरात सरकार ने कच्छ-सौराष्ट्र में समुद्र तट से 10 किलोमीटर की सीमा में 7 जिलों से 50 हजार से ज्यादा लोगों को निकालकर शेल्टर होम में भेजा है। NDRF की 18 टीमें तैनात हैं। IMD ने रेड अलर्ट के साथ गुरुवार को कच्छ-सौराष्ट्र में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने गुजरात के कच्छ में अस्पतालों का निरीक्षण किया और उपलब्ध ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और क्रिटिकल केयर बेड की जानकारी मांगी। उन्होंने चक्रवात के बाद आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाओं को सुनिश्चित करने के लिए की गई तैयारियों की भी समीक्षा की।
बता दे इधर परंपरा के अनुसार सोमनाथ के द्वारकाधीश मंदिर के मुख्य शिखर पर 5 बार ध्वज बदला जाता है, लेकिन मंगलवार से यहां ध्वज नहीं फहराया गया है। इसके नीचे दो ध्वज फहराए गए हैं। दरअसल, दो ध्वज एक साथ फहराने के पीछे एक मान्यता है। कहा जाता है कि इससे आपदा टल जाती है।
अब मंदिर प्रशासन ने तय किया है कि 17 जून तक मुख्य शिखर पर नया ध्वज नहीं लगाया जाएगा। मंदिर के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है। मंदिर के शिखर की ऊंचाई 150 फीट है। तूफान को देखते हुए 15 जून को मंदिर बंद रहेगा।
बिपरजॉय पिछले 25 साल में जून महीने में गुजरात के तट से टकराने वाला पहला तूफान होगा। इससे पहले 9 जून 1998 को एक तूफान गुजरात के तट से टकराया था। तब पोरबंदर के पास 166 KMPH की रफ्तार से हवा चली थी।
बीते 58 साल की बात करें तो 1965 से 2022 के बीच अरब सागर के ऊपर से 13 चक्रवात उठे। इनमें से दो गुजरात के तट से टकराए। एक महाराष्ट्र, एक पाकिस्तान, तीन ओमान-यमन और छह समुद्र के ऊपर कमजोर पड़ गए।