हाईकोर्ट का वारंटी 32 साल से फरार था, अब इस हाल में पहुंचकर हुआ गिरफ्तार

1990 में जानलेवा हमले के मामले में उत्तराखंड के हरिद्वार जनपद के थाना झबरेड़ा के गांव बूढ़पुर निवासी आरोपी इसम सिंह पुत्र कबूल सिंह फरार चल रहा था। रिपोर्ट दर्ज होने के वक्त वह अविवाहित था। कोर्ट के वारंट आने के बाद उसने गांव में स्थित अपनी चल-अचल संपत्ति बेच दी और गायब हो गया।

हाईकोर्ट का वारंटी 32 साल से फरार था, अब इस हाल में पहुंचकर हुआ गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के छुटमलपुर में जानलेवा हमले के मामले में 32 साल से फरार चल रहे इलाहाबाद हाईकोर्ट के वारंटी को फतेहपुर थाना पुलिस ने पकड़ लिया है। आरोपी अपनी चल-अचल संपत्ति बेच कर साधु बन गया था। उसकी पहचान करके तलाश करना पुलिस के लिए खासी सिरदर्दी बना रहा।

सूत्रों के अनुसार पुलिस ने बताया कि 1990 में जानलेवा हमले के मामले में उत्तराखंड के हरिद्वार जनपद के थाना झबरेड़ा के गांव बूढ़पुर निवासी आरोपी इसम सिंह पुत्र कबूल सिंह फरार चल रहा था। रिपोर्ट दर्ज होने के वक्त वह अविवाहित था। कोर्ट के वारंट आने के बाद उसने गांव में स्थित अपनी चल-अचल संपत्ति बेच दी और गायब हो गया।

इसी दौरान लगातार कोर्ट से उसके वारंट जारी होते रहे, लेकिन पुलिस को उसका कोई सुराग नहीं लगा। कोर्ट की सख्ती के बाद पुलिस ने गंभीरता से उसकी तलाश शुरू की तो उसके गांव से पता चला कि वह साधु बन गया है, लेकिन कई सालों से गांव नहीं आया है। 

आगे चलकर जब पुलिस ने खोजबीन की तो पता चला कि उसके डील डौल का एक साधु हरिद्वार के खानपुर थाना क्षेत्र में गंगा किनारे कुटिया बना कर रह रहा है। इसके बाद पुलिस ने जांच पड़ताल की तो वह साधु उसके हत्थे चढ़ गया। पूछताछ करने पर पता चला कि वह साधु ही बूढ़पुर से गायब हुआ इसम सिंह है। इसके बाद पुलिस ने आरोपी को कोर्ट में पेश किया। 

जानकारी के लिए बता दें कि जिस वक्त इसम सिंह गायब हुआ था तो वह युवक था। लेकिन अब वह वृद्ध हो चुका है। उस समय उत्तराखंड राज्य तो बना ही नहीं था, हरिद्वार भी सहारनपुर जिले का हिस्सा था।