अशुभ मुहूर्त में किया गया होलिका दहन अनहोनी की आशंका लाता है, जानिए सटीक शुभ मुहूर्त

धर्म और ज्‍योतिष के अनुसार होलिका दहन पर कभी भी भद्रा की छाया नहीं रहना चाहिए। भद्रा के समय होलिका दहन करने से अनहोनी होने की आशंका रहती है. इसलिए होलिका दहन हमेशा शुभ मुहूर्त में ही करना चाहिए। अतः बताए जा रहे इन अशुभ मुहूर्त में होलिका दहन बिलकुल भी ना करें।

अशुभ मुहूर्त में किया गया होलिका दहन अनहोनी की आशंका लाता है, जानिए सटीक शुभ मुहूर्त

धर्म और ज्‍योतिष के अनुसार होलिका दहन पर कभी भी भद्रा की छाया नहीं रहना चाहिए।  भद्रा के समय होलिका दहन करने से अनहोनी होने की आशंका रहती है. इसलिए होलिका दहन हमेशा शुभ मुहूर्त में ही करना चाहिए।  अतः बताए जा रहे इन अशुभ मुहूर्त में होलिका दहन बिलकुल भी ना करें।  

फाल्गुन मास की पुर्णिमा तिथी को होलिका दहन मनाया जाता है। पंचाग के मुताबिक यह पुर्णिमा तिथी इस साल 17 मार्च को पड़ रही है। 17 मार्च 2022 की दोपहर 01:29 बजे तक चतुर्दशी तिथि रहेगी।  इसके बाद पूर्णिमा तिथि होगी।  वहीं 18 मार्च की मध्‍यरात्रि 01:09 बजे तक शूल योग रहेगा।  इसके बाद गण्ड योग लगेगा।  ज्योतिष शास्त्र में इन दोनों योगों को ही शुभ नहीं माना जाता है।  इस समय चंद्रमा सिंह व सूर्य मीन राशि पर गोचर करेगा।  सूर्य नक्षत्र पूर्व भाद्रपद व सूर्य नक्षत्र पद पूर्व भाद्रपद रहेगा। 

पूर्णिमा तिथि  17  मार्च 2022 को दोपहर 1 बज कर 29 मिनट से शुरू होकर 18 मार्च दोपहर 12 बजकर 47 मिनट तक होगी। ज्योतिष अनुसार, होलिका दहन का मुहूर्त 17 मार्च को रात 9 बज कर 20 मिनट से रात 10 बज कर 31 मिनट तक रहेगा। यानि होलिका दहन के लिए 1 घंटा 10 मिनट का समय प्राप्त होगा। 

इसलिए वर्ष 2022 में प्रदोष व्रत के दौरान किया जाने वाला होलिका दहन अत्यंत फलदायी और शुभ रहने वाला है. इतना ही नहीं इस वर्ष वृद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, ध्रुव योग और अमृत सिद्धि योग भी बन रहे हैं। वृद्घि योग में किया गया कार्य लाभ और कार्य में वृद्धि देता है और व्यापार के लिए बहुत फायदेमंद होता है।

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