ब्लैकफंगस से बचाव कैसे हो एडवाइजरीप्रोटोकॉल क्या है ब्लैकफंगस के लक्षण फंगस शरीर में कैसे पहुँचता है
मजबूत इम्युनिटी वाले लोगों के लिए आमतौर पर ब्लैक फंगस खास खतरा नहीं होता है। अस्पताल में ज्यादा दिन और ज्यादा स्टेरॉयड मतलब, ब्लैक फंगस का ज्यादा खतरा
म्यूकर माइसिटिस फंगस नाक या मुंह से या स्किन पर किसी घाव के माध्यम से शरीर में पहुंच जाता है. नाक की अंदरूनी दीवार म्यूकोसा और साइनेस के टिशू में चिपक जाता है. फिर फंगस एक्टिव हो जाता है और उसके टेंटीकल्स निकल आते हैं.
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फिर तेजी से मल्टीपल होकर दूसरे टिशू्ज को संक्रमित करता है. आमतौर पर यह इन्फेक्शन नाक से शुरू होता है और धीरे-धीरे आंखों तक फैल जाता है. दिमाग, फेफड़े या स्किन पर भी यह इन्फेक्शन हो सकता है. नाक बंद हो जाना, नाक में दर्द होना, चेहरे पर एक तरफ सूजन, सिरदर्द, तेज बुखार आदि इसके शुरुआती लक्षण हैं.
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वहीं लंग्स में म्यूकर इन्फेक्शन होने पर बहुत तेज खांसी, सीने में दर्द, बुखार, पेट दर्द, उल्टी भी हो सकती है. मरीज को किसी भी तरह का अंदेशा हो, तो पोस्ट कोविड समस्या समझकर इग्नोर नहीं करना चाहिए. बिना देर किये ईएनटी, आइ स्पेशलिस्ट या फिजिशियन को कंसल्ट करना चाहिए. अर्ली स्टेज में डायग्नोज होने और जल्दी उपचार शुरू करने से किसी भी तरह की गंभीर क्षति से बचा जा सकता है.
कैसे बच सकते हैं ब्लैक फंगस से?
कंस्ट्रक्शन साइट से दूर रहें, डस्ट वाले एरिया में न जाएं,
गार्डनिंग या खेती करते वक्त फुल स्लीव्स के ग्लव्ज पहनें,
उन जगहों पर जाने बचें जहां पानी का लीकेज हो, जहां ड्रेनेज का पानी इकट्ठा हो वहां न जाएं।
मास्क पहनें
एडवाइजरी के अनुसार ब्लैक फंगस इंफेक्शन से बचने के लिए बिना मास्क पहने किसी भी संक्रमित स्थान पर जाने से बचें, इसके अलावा अगर आपका इम्यून सिस्टम खराब है तो धूल मिट्टी से दूरी बनाकर रखें।
भरपूर कपड़े पहनें ऐसे कपड़े पहने जिसमें आपका शरीर पूरी तरह से ढका हुआ हो, मिट्टी या खाद से जुड़े किसी भी तरह का काम करने से पहले पैरों को अच्छी तरह से ढक लें और हाथों में ग्लव्स लगाएं, काम पूरा हो जाने के बाद शरीर को अच्छी तरह से साफ करके नहाएं।
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शुगर कंट्रोल रखें अगर आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है तो अपना शुगर लेवल कंट्रोल में रखें। कोरोना से ठीक हो जाने के बाद और अस्पताल से डिस्चार्ज हो जाने के बाद भी अपने ब्लड शुगर लेवल की जांच करते रहें।
आपको बता दें कि ब्लैक फंगस इंफेक्शन उन लोगों में ज्यादा देखने को मिल रहे है जो कोरोनावायरस से ठीक हो चुके हैं और उनमें डायबिटीज किडनी कैंसर और हॉट से जुड़ी बीमारी है।
मजबूत इम्युनिटी वालों को खास खतरा नहीं
• म्यूको माइकोसिस मरीज के साइनस के साथ आंख, दिमाग, फेफड़ों या त्वचा पर भी हमला कर सकता है।
• समय रहते इसे नियंत्रित नहीं किया जाए तो यह जानलेवा भी हो सकता है।
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• ब्लैक फंगस ऐसे लोगों पर खासतौर पर असर डालता है, जिनकी बीमारियों से लड़ने की क्षमता यानी इम्युनिटी कमजोर होती है।
• मजबूत इम्युनिटी वाले लोगों के लिए आमतौर पर ब्लैक फंगस खास खतरा नहीं होता है। अस्पताल में ज्यादा दिन और ज्यादा स्टेरॉयड मतलब, ब्लैक फंगस का ज्यादा खतरा
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