शराब पीना महिलाओं पर कैसे डालता है असर? जानें क्या है शरीर में वाले बदलाव
अल्कोहल पीना हर किसी के लिए हानिकारक है लेकिन पुरुष और महिला दोनों पर इसका भिन्न तरीके से असर होता है. आइए जानते है कि शराब पीना महिला के शरीर को कैसे प्रभावित करता है.
आजकल का लाइफस्टाइल बहुत बीजी रहता है और इसे मैनेज करना भी लोगों के लिए एक बड़ी चुनौती है. लगातार बिगड़ती लाइफस्टाइल की वजह से इन दिनों लोग कई तरह की समस्याओं का शिकार होते जा रहे हैं।
ऐसे में तनाव की स्थिति पैदा होती है जिससे मुक्त होने के लिए कुछ लोग शराब का सहारा लेते हैं. लेकिन ऐसे लोग शराब का भयंकर साइड इफेक्ट को अनदेखा कर देते हैं जो आगे चलकर घातक साबित होता है.
हाल ही में वर्ल्ड ओबेसिटी फेडरेशन ने अपनी एक रिपोर्ट में यह चेतावनी दी कि साल 2035 तक दुनिया की आधी से ज्यादा आबादी मोटापे का शिकार हो सकती है। मोटापा एक गंभीर समस्या है, जो इन दिनों तेजी से लोगों को अपनी चपेट में लेता जा रहा है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, लेकिन इसकी सबसे प्रमुख वजह हमारी जीवनशैली है। मोटापे के सबसे आम कारणों में अल्कोहल यानी शराब भी शामिल है।
अल्कोहल का सेवन वैसे तो कई तरह से हानिकारिक होता लेकिन मोटापा इसका सबसे बड़ा और घातक साइट इफेक्ट है. वहीं दूसरी ओर इस बात को भी समझना होगा कि अल्कोहल पीना हर किसी के लिए हानिकारक है लेकिन पुरुष और महिला दोनों पर इसका भिन्न तरीके से असर होता है.
अल्कोहल न सिर्फ आपके लीवर और शरीर के अन्य अंगों को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि कुछ अन्य गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं की भी वजह बन सकती है। विशेषज्ञों की मानें तो अत्यधिक और लंबे समय तक शराब का सेवन लिवर की बीमारी का एक प्रमुख कारण है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, दुनियी में लगभग 70 प्रतिशत लोग लिवर विकारों से पीड़ित हैं। इसमें से ज्यादातर लोग ऐसे थे, जिनका शराब का सेवन बहुत अधिक था।
ऐसे में आज इस आर्टिकल हम आपको बताएंगे शराब के सेवन से शरीर में होने वाले बदलावों और नुकसानों के बारे में, पहले इस बात को भी समझना होगा कि अल्कोहल पीना हर किसी के लिए हानिकारक है लेकिन पुरुष और महिला दोनों पर इसका भिन्न तरीके से असर होता है. आइए जानते है कि शराब पीना महिला के शरीर को कैसे प्रभावित करता है.
भारत में कई लोग इस परेशानी से जूझ रहे हैं कि वो मोटापे और ज्यादा वजन के शिकार है. इससे उन्हें अन्य कई स्वास्थ्य जटिलताओं से दो चार होना पड़ता है. अल्कोहल नॉर्मल लिवर मोर्फोलॉजी को चेंज करता है और जो फैटी लिवर, हेपेटाइटिस व सिरोसिस जैसी परेशानी का कारण बनता है.
डायरेक्ट हेपेटोटॉक्सिन के तौर पर अल्कोहल को माना गया लेकिन ल्कोहलिक लिवर डिजीज (ALD) हर किसी को नहीं हो सकती. एएलडी के शुरू होने के कई और कारक जिम्मेदार होते हैं. जैसे पीने का क्या पैटर्न अपनाया जा रहा है, आहार क्या लिया जा रहा है, मोटापा और लिंग ये सबकुछ. गलत या ज्यादा मात्रा में शराब का सेवन शरीर को कई तरीकों से प्रभावित करती है.
पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं पर शराब का असर अलग तरह से होता है. महिलाओं को अल्कोहॉलिक लिवर इंजरी होने के आसार अधिक होते हैं. अल्कोहल कम पीने से भी एएलडी की जद में आ सकती हैं. पुरुष हफ्ते में 14 ड्रिंक्स ले रहा है तो उसमें एएलडी के विकास के अधिक आसार है लेकिन महिला के केस में हफ्ते की 7 ड्रिंक्स से अधिक लेना एएलडी को इनवाइट तक सकता है. जेंडर के अलावा मोटापा भी परेशानी का कारण बनती, डाइट में हाई फैट का होना और हर दिन या ज्यादा शराब का सेवन लिवर के लिए हानिकारक होता है.
ज्यादा शराब पीने से गर्भपात, स्टिल बर्थ या फिर वक्त से पहले प्रसव का डर होता है.
गर्भावस्था के समय ज्यादा शराब पीना बच्चे में फीटल अल्कोहल स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर यानी FASD के होना डर बढ़ाता है.
अल्कोहल अधिक लेने से मेंस्ट्रुअल साइकिल पर बुरा असर पड़ता है.
ज्यादा शराब पीने से महिला को ब्रेस्ट कैंसर होने का डर बढ़ जाता है.
ये परेशानियां हो सकती हैं
लिवर डिजीज
मस्तिष्क की सेहत पर असर
दिल के भीतर ब्लॉकेज
स्तन और अन्य तरह के कैंसर का डर
हाई ब्लड प्रेशर संबंधी शिकायत
दिल संबंधी बीमारी
स्ट्रोक का डर
पाचन संबंधी दिक्कतों का होना