IAS Success Story- पिता चला रहे थे DTC बस, बेटी का फ़ोन आया और बोली- पापा मैं IAS बन गई
प्रीति हरियाणा के बहादुरगढ़ की रहने वाली हैं और उनके पिता डीटीसी की बस चलाते हैं. प्रीति हुड्डा बताती हैं कि जब यूपीएससी एग्जाम का रिजल्ट आया, तब उनके पापा ड्यूटी पर थे और डीटीसी बस चल रहे थे. जब प्रीति ने उन्हें फोन पर यूपीएससी एग्जाम पास होने की बात बताई तो वह बहुत खुश हुए.
हर साल लाखों छात्र यूपीएससी एग्जाम में शामिल होते हैं, लेकिन कुछ को ही सफलता मिल पाती है और इसके लिए उनको कड़ी मेहनत करनी पड़ती है. हालांकि कुछ ऐसे भी स्टूडेंट होते हैं, जो आसानी से सफलता हासिल कर लेते हैं. ऐसी ही कुछ कहानी हरियाणा की रहने वाली प्रीति हुड्डा की है, जिन्होंने यूपीएससी एग्जाम की तैयारी के दौरान मस्ती भी की और फिल्में भी देखी.
हम सब जानते है कि जब घर के बच्चे अफसर बनते हैं तो घरवालों का सिर गर्व से ऊंचा हो जाता है. यह और भी शानदार तब होता है जब घर में ज्यादा पढ़े लिखे लोग न हों और बेटी टॉप की सरकारी अफसर बन जाए. हम बात कर रहे हैं हरियाणा की बेटी प्रीति हुड्डा की. दरअसल प्रीति हुड्डा यूपीएससी एग्जाम क्लियर करके आईएएस अफसर बन चली हैं.
प्रीति हरियाणा के बहादुरगढ़ की रहने वाली हैं और उनके पिता डीटीसी की बस चलाते हैं. प्रीति हुड्डा बताती हैं कि जब यूपीएससी एग्जाम का रिजल्ट आया, तब उनके पापा ड्यूटी पर थे और डीटीसी बस चल रहे थे. जब प्रीति ने उन्हें फोन पर यूपीएससी एग्जाम पास होने की बात बताई तो वह बहुत खुश हुए. प्रीति ने बताया,
'पापा कभी भी मुंह पर तारीफ नहीं करते हैं, लेकिन उस दिन उन्होंने पहली बार तारीफ की और कहा कि शाबाश मेरा बेटा, मैं बहुत खुश हूं.'
प्रीति की पढ़ाई लिखाई की बात करें तो उन्होंने 10वीं क्लास 77 फीसदी नंबरों के साथ पास की थी. वहीं 12वीं में अच्छे नंबर लाने के लिए उन्होंने और मेहनत की और वह 87 फीसदी नंबरों के साथ पास हुईं. प्रीति की फैमिली चाहती थी कि बेटी की जल्दी शादी हो जाए क्योंकि घर की आर्थिक स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं थी. लेकिन प्रीति को तो कुछ और ही करना था. 12वीं के बाद आगे की पढ़ाई के लिए प्रीति ने दिल्ली के लक्ष्मी बाई कॉलेज में एडमिशन ले लिया और हिंदी में ग्रेजुएशन की. इसके बाद प्रीति ने जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी दिल्ली से ही हिंदी में पीएचडी भी की है.
प्रीति ने अपनी पूरी पढ़ाई हिंदी मीडियम से की है. उन्होंने यूपीएससी में भी अपना मीडियम हिंदी ही चुना था. साथ ही उनका ऑप्शनल सब्जेक्ट भी हिंदी था. ऐसा नहीं है कि प्रीति ने पहली बार एग्जाम दिया और क्लियर हो गया. प्रीति पहली बार में यूपीएससी क्लियर नहीं कर पाई थीं. इसके बाद उन्होंने और मेहनत की और इस बार उन्होंने साल 2017 में दोबारा एग्जाम दिया और यूपीएससी क्लियर कर लिया. प्रीति की ऑल इंडिया रैंक 288 आई थी.
प्रीति हुड्डा ने यूपीएससी एग्जाम की तैयारी के लिए बिल्कुल अलग रणनीति अपनाई और उन्होंने पढ़ाई के साथ-साथ मस्ती भी की. वह बताती हैं कि लगातार 10 घंटे तक पढ़ाई के बजाय थोड़ा सोचकर दिशा तय करके पढ़ाई करने की जरूरत होती है. उनका मानना है कि तैयारी के साथ-साथ मस्ती भी जरूरी है. कॉन्फिडेंस के साथ धीरे-धीरे सिलेबस को पूरा करना चाहिए और बहुत सारी किताबें पढ़ने की बजाय, रिवीजन जरूरी है. वह कहती हैं कि तैयारी करते वक्त फिल्में देख सकते हैं, लेकिन बैलेंस जरूरी है.