अगर आप भी पीते हैं रात में सोने से ठीक पहले दूध, पड़ सकते हैं लेने के देने, जानें सही समय

उन्होंने सलाह दी कि व्यक्ति को सोने से पहले दूध नहीं पीना चाहिए क्योंकि इसके चलते बदहजमी की स्थिति हो सकती है. उन्होंने ये भी कहा कि, यहां तक कि अगर आपको पाचन संबंधी शिकायत नहीं है तो भी सोने से ठीक पहले दूध न पिएं वरना इसका असर आपके पेट की चर्बी पर होगा.

अगर आप भी पीते हैं रात में सोने से ठीक पहले दूध, पड़ सकते हैं लेने के देने, जानें सही समय

घर पर भी मां-दादी हमसे हमेशा कहती हैं कि रात को एक गिलास दूध जरूर पिएं। जब हम घर से बाहर होते हैं तो मां रात को अक्सर फोन करके पूछती हैं कि दूध पिया क्या? दूध प्रोटीन के सबसे महत्वपूर्ण सोर्स में से एक है जो पिछले एक दशक में बहस का विषय रहा है. दूध को एक कंप्लीट फूड कहा जाता है। इसमें लगभग सभी जरूरी विटामिन और मिनरल होते हैं जो आपके शरीर को काम करने के लिए जरूरी हैं. ज्यादातर लोग अपनी डाइट में दूध को शामिल नहीं करना चाहते हैं. खास तौर से वे जो इसे सही से हजम नहीं कर पाते.

दूध सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है इसके साथ ही दूध प्रोटीन और कैल्शियम का भी काफी अच्छा सोर्स होता है. दूध में विटामिन ए, बी2 और बी12 होता है, लेकिन कुछ लोगों को दूध पीने के बाद कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. ऐसा लेक्टॉस इंटॉलरेंस के कारण होता है. लेक्टॉस इंटॉलरेंस पाचन संबंधी विकार होता है. लेक्टॉस डेयरी उत्पादों में पाया जाने वाला एक मुख्य यौगिक होता है.

आम तौर पर कहा जाता है कि सोने से पहले गर्म दूध पीने से नींद अच्छी आती है. हालांकि इसमें भी कई तरह के मत हैं. कुछ डॉक्टर्स का मानना है कि रोज रात में दूध पीना भी सेहत के लिए ठीक नहीं है. अमेरिका के कैलिफोर्निया में भारतीय मूल के डॉक्टर पलानीअप्पन मणिक्कम ने एक इंस्टाग्राम पोस्ट में बताया है कि रात में सोने से पहले दूध क्यों नहीं पीना चाहिए. डॉ. मणिक्कम ने एक वीडियो में बताया है कि 30 साल से ज्यादा उम्र के लोग लैक्टेस एंजाइम की कमी हो जाती है.

एक वीडियो में उन्होंने कहा, छोटी आंत में एक लैक्टेस नाम का एंजाइम होता है जो कि दूध में मौजूद लैक्टोस जैसे ग्लूकोज और गैलेक्टोज को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ता है जिससे वह आसानी से अवशोषित कर लिए जाते हैं. उन्होंने कहा कि बच्चों में लैक्टेस एंजाइम शरीर में मौजूद होता है जो कि उन्हें तेजी से दूध पचाने में मदद करता है. हालांकि, 5 साल के बाद से शरीर में लैक्टेस का उत्पादन कम होने लगता है.

30 साल की उम्र में लैक्टेस का उत्पादन शून्य हो जाता है. इसके बिना दूध सीधे बड़ी आंत में पहुंच जाता है और बैक्टीरिया के चलते बदहजमी हो सकती है. उन्होंने सलाह दी कि व्यक्ति को सोने से पहले दूध नहीं पीना चाहिए क्योंकि इसके चलते बदहजमी की स्थिति हो सकती है. उन्होंने ये भी कहा कि, यहां तक कि अगर आपको पाचन संबंधी शिकायत नहीं है तो भी सोने से ठीक पहले दूध न पिएं वरना इसका असर आपके पेट की चर्बी पर होगा.

हालांकि दूध में ट्रिप्टोफैन होता है जो “अच्छी नींद के लिए मेलाटोनिन को बढ़ावा देने” के लिए सेरोटोनिन जारी करता है, लेकिन इसे कब लिया जाए वह अहम है.

डॉ. ने बताया कि खाने के आखिर में दूध पीना सही है. सबसे महत्वपूर्ण अवधारणा यह है कि रात को सोने से ठीक पहले दूध पीने से इंसुलिन रिलीज होता है क्योंकि दूध में मौजूद कार्बोहाइड्रेट सर्केडियन रिदम को डिस्टर्ब करते हैं. अगर आप दूध पीना चाहते हैं, तो कृपया सोने से 2 से 3 घंटे पहले पिएं, न कि उससे ठीक पहले.”

हम सभी इस तथ्य को जानते हैं कि दूध हमारे शरीर के लिए अच्छा है लेकिन रात में दूध पीने का सही समय क्या है? ज्यादातर घरों में, बच्चों को रात में दूध पिलाया जाता है क्योंकि सभी को लगता है कि इससे अच्छी नींद आएगी। रिसर्च बताते हैं कि यह सही धारणा है. विशेषज्ञों के सलाह के अनुसार सोने से 2 से 3 घंटे पहले पिएं, न कि उससे ठीक पहले.

रात में दूध पीना आपके माइंड और बॉडी को रिलैक्स करने में मदद करता है और आपको अच्छी और गहरी नींद आती है. दूध और डेयरी प्रोडक्ट्स में ट्रिप्टोफैन होता है जो कि एक अमीनो एसिड है. इसमें सूदिंग और रिलैक्सिंग इफेक्ट होते है, जो नींद को बूस्ट कर सकते हैं.