अगर आप हेयर वॉश के लिए ब्यूटी पार्लर जाते है तो सावधान, आपको भी हो सकता है Beauty Parlour Syndrome

महिला अपने बाल कटवाने से पहले जब उसे धुलवा रही थी तो इसी दौरान उसे स्ट्रोक आया। इलाज करने वाले डॉक्टरों का कहना है कि बाल धुलवाने के लिए महिला ने जब अपना गर्दन नीचे झुकाया तो उसी समय मस्तिष्क तक रक्त पहुंचाने वाली नस दब गई और इस वजह उसे स्ट्रोक आया।

अगर आप हेयर वॉश के लिए ब्यूटी पार्लर जाते है तो सावधान, आपको भी हो सकता है Beauty Parlour Syndrome

हैदराबाद में बहुत ही चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां ब्यूटी पार्लर पर हेयर कट के लिए गई महिला ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक सिंड्रोम की शिकार हो गई।  उसे तुरंत इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।  डॉक्टर का कहना है कि महिला की हालत में सुधार आया है. मगर, उसे ठीक होने में अभी समय लगेगा।

दरअसल, महिला अपने बाल कटवाने से पहले जब उसे धुलवा रही थी तो इसी दौरान उसे स्ट्रोक आया। इलाज करने वाले डॉक्टरों का कहना है कि बाल धुलवाने के लिए महिला ने जब अपना गर्दन नीचे झुकाया तो उसी समय मस्तिष्क तक रक्त पहुंचाने वाली नस दब गई और इस वजह उसे स्ट्रोक आया।

जब महिला इलाज के लिए अपोलो अस्पताल पहुंची तब उसका इलाज कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि जब वे हमारे पास पहुंची थी तो 24 घंटे बीत चुके थे।  वे बहुत कमजोर थी और उनकी चाल भी तिरछी हो गई थी।  हमें देखकर संदेह हो गया था कि यह स्ट्रोक के कारण हुआ है।  मष्तिष्क के दाहिने सेरिबैलम में और गर्दन के पिछले हिस्से में PICA नामक एक महत्वपूर्ण धमनी में थक्के देखे गए थे।  अपोलो अस्पताल के डॉ सुधीर ने कहा कि महिला को स्ट्रोक बाल धोते समय बेसिन की ओर गर्दन के हाइपरेक्स्टेंशन यानी ज्यादा झुकाव के कारण हुआ। 

चिकित्सकीय भाषा में इस तरह की दिक्कत को 'ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक सिंड्रोम' नाम दिया गया है। पार्लर में स्ट्रोक आने की इस तरह की पहली घटना अमेरिका में साल 1993 में सामने आई थी। इसके बाद इस तरह के कई मामले सामने आए हैं। डॉक्टरों का कहना है कि सैलून में गर्दन की मसाज कराने आने वाले पुरुषों में इस तरह की शिकायतें सामान्य रूप से देखने-सुनने को मिलती हैं। 

अपोलो हॉस्पिटल्स के सीनियर कंसल्टेंट सुधीर कुमार के अनुसार, 'ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक सिंड्रोम' तब होता है, जब जब किसी को काफी देर तक गर्दन पीछे की ओर ऊपर करके और पैर सीधे करके बैठाया जाता है।  आमतौर पर पार्लर में बाल धुलाने के लिए बनी कुर्सी पर जैसे लोग बैठते हैं, वह स्थिति हानिकारक होती है।   

जानकारी के लिए बता दें कि “ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक सिंड्रोम” का पहला मामला साल 1993 में अमेरिका में दर्ज किया गया था।  इसके बाद से डॉक्टरों को कई ऐसे मामले देखने को मिले, खासकर पुरुषों के सैलून में यह मामले आम हो गए थे।