उत्तर प्रदेश में बुजुर्ग महिला ने मकर संक्रांति पर 15 कन्याओं को जमीन दान की, मिसाल की कायम
कानपुर देहात के फतेहपुर रोशनाई गांव निवासी रामदेवी त्रिवेदी ने अपने बेटों से इच्छा जाहिर की कि वह इस वर्ष मकर संक्रांति के दिन कुछ जमीन दान करना चाहती है तो बेटों ने मां की ख्वाहिश पूरी करने के लिए अपनी खरीदी हुई जमीन को टुकड़ों में करके गांव व आसपास के गांव के 15 गरीब लोगों को देने का फैसला किया. रविवार को मकर संक्रांति के दिन रामदेवी ने सभी 15 कन्या एवं महिलाओं को खिचड़ी के साथ प्लाट के पेपर उनको दे दिए.
ऐसा कहा जाता है कि दान के लिए धन नहीं बल्कि भावना होनी चाहिए. ऐसा ही कुछ हुआ इस मकर संक्रांति पर, कानपुर देहात में एक महिला ने कुछ इसी तरह की अनोखी मिसाल पेश की है. महिला ने आसपास के गांव की करीब 15 कन्याओं को जमीन दान कर दी है. यह पहला मौका नहीं है जब महिला ने जमीन दान की है. वह इससे पहले भी हर साल मकर संक्रांति पर कुछ न कुछ दान करती रही हैं.
कानपुर देहात के फतेहपुर रोशनाई गांव निवासी रामदेवी त्रिवेदी ने अपने बेटों से इच्छा जाहिर की कि वह इस वर्ष मकर संक्रांति के दिन कुछ जमीन दान करना चाहती है तो बेटों ने मां की ख्वाहिश पूरी करने के लिए अपनी खरीदी हुई जमीन को टुकड़ों में करके गांव व आसपास के गांव के 15 गरीब लोगों को देने का फैसला किया.
रविवार को मकर संक्रांति के दिन रामदेवी ने सभी 15 कन्या एवं महिलाओं को खिचड़ी के साथ प्लाट के पेपर उनको दे दिए. भूमि दान के बाद अब महिला की तारीफ पूरे जनपद में खूब हो रही है. लोगों का कहना है कि जहां इस समय लोग एक 1 इंच जमीन के लिए भाई-भाई की जान के दुश्मन बन जाते हैं तो वहीं इस महिला ने लाखों की जमीन यूं ही दान में दे दी. लोगों को इनसे बहुत ही सीख लेने की जरूरत है.
जनपदवासी रामदेवी के साथ-साथ उनके बेटों के भी खूब तारीफ कर रहे हैं कि उन्होंने मां की ख्वाहिश पूरी करने के लिए लाखों की जमीन दे दी. बेटों ने ही मां के हाथों से गरीबों को जमीन के कागजाद दिलवाए. जमीन पाने वाली कन्या एवं महिलाओं ने परिवार को आशीर्वाद दिया तो वहीं ग्रामीणों ने रामदेवी और उनके बेटों की सराहना की.