पूर्व मंत्री बाबूसिंह कुशवाहा पर आयकर विभाग का शिकंजा, 35 करोड़ की संपत्ति जब्त
आईटी विभाग ने ऑपरेशन बाबू साहब पार्ट-2 के तहत बीते शुक्रवार को बंथरा के जुनाबगंज में बाबूसिंह कुशवाहा की 35 करोड़ की 1.6670 हेक्टेयर भूमि जब्त कर ली. जानकारी के मुताबिक इस संपत्ति की जानकारी साल 2022 के सितंबर में हुई थी.
जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष व बसपा सरकार में मंत्री रहे बाबू सिंह कुशवाहा पर आयकर विभाग ने शिकंजा कसा है. आयकर विभाग ने ऑपरेशन बाबू साहब-2 के तहत शुक्रवार को बंथरा थाना अंतर्गत जुनाबगंज स्थित 35 करोड़ की भूमि जब्त की है. आयकर विभाग को बीते साल सितंबर में ही इस प्रॉपर्टी की जानकारी हुई थी.
बता दे कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार लगातार एक्शन कर रही है. इसी के तहत बीएसपी सरकार के पूर्व मंत्री रहे बाबूसिंह कुशवाहा की बेनामी संपत्तियों पर आयकर विभाग ने बड़ा एक्शन किया है.
आपको बता दें कि आईटी विभाग ने ऑपरेशन बाबू साहब पार्ट-2 के तहत बीते शुक्रवार को बंथरा के जुनाबगंज में बाबूसिंह कुशवाहा की 35 करोड़ की 1.6670 हेक्टेयर भूमि जब्त कर ली. जानकारी के मुताबिक इस संपत्ति की जानकारी साल 2022 के सितंबर में हुई थी. दरअसल, पूर्व मंत्री के करीबी रहे देशराज सिंह कुशवाहा के घर पर रेड के दौरान इसकी जानकारी मिली थी.
सूत्रों के मुताबिक, बाबू सिंह कुशवाहा के बेहद करीबी व प्रॉपर्टी डीलर देशराज के ठिकानों पर बीते साल हुई छापेमारी के दौरान आयकर विभाग को कई अहम दस्तावेज मिले थे. इनमें बाबू सिंह कुशवाहा की कई प्रॉपर्टी के दस्तावेज मिले थे, इनमें बंथरा की भी प्रॉपर्टी शामिल थी.
सूत्रों की मानें तो इस प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त फर्जी तरीके से की गई थी. इस प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री में लेन देन के लिए प्रयोग किए गए चेक के फर्जी नंबर लिखे गए. जांच में सामने आया था कि इस प्रॉपर्टी को एक कंपनी के नाम से देशराज को बेचा गया, जिसके लिए बकायदा 22 लाख रुपए के स्टांप खरीदे गए थे और दो करोड़ जमीन की कीमत बताई गई थी.
ये कीमत चेक के जरिए चुकाई जानी थी, जिसका रजिस्ट्री में विवरण था, लेकिन जांच में सामने आया कि इस चेक को क्लीयर ही नहीं कराया गया, जिसमें सामने आया कि इस जमीन पर असली मालिकाना हक बाबू सिंह कुशवाहा का ही था, महज दिखावे के लिए इसकी बिक्री दिखाई गई थी. सूत्रों के मुताबिक, जिस वक्त कंपनी से देशराज को जमीन ट्रांसफर हुई थी, उस दौरान इसकी कीमत 3.14 करोड़ थी, जो अब 35 करोड़ है.
आपको बता दें कि बसपा के पूर्व मंत्री बाबूसिंह के खिलाफ आईटी विभाग लगातार ऑपरेशन कर रहा है. इसी के तहत साल 2022 में मई से सितंबर तक लगातार कानपुर में एक्शन हुआ. इस दौरान पूर्व मंत्री के करीबियों के घर आईटी की टीम छापेमारी की. इसी दौरान पूर्व मंत्री की बेनामी संपत्तियों का ब्यौरा मिला. जानकारी के मुताबिक ये एक्शन लगातार जारी रहेगा.
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने जांच में पाया था कि बाबू सिंह कुशवाहा ने बांदा, लखनऊ, नोएडा और दिल्ली में फ्लैट, भूखंड, शापिंग मॉल और बहुत सी संपत्तियां बनाई हैं. राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) और उप्र श्रम निर्माण एवं सहकारी संघ लिमिटेड (लैकफेड) में भ्रष्टाचार कर कमाई गयी रकम इसमें लगी है. ईडी ने अपनी जांच में पाया कि बहुत सी संपत्तियां बाबू सिंह कुशवाहा के परिवार और कुछ उनके करीबियों के नाम पर हैं. जिसके बाद करीब ढाई सौ करोड़ की संपत्ति ईडी सीज कर चुकी है.
इसके अलावा इनकम टैक्स भी कुशवाहा की संपत्तियों पर नजर गड़ाए हुए है. इसी सिलसिले में बीते साल सितंबर में आयकर विभाग ने छापेमारी की थी, जिसमें सामने आया था कि बाबू सिंह कुशवाहा ने अपनी कई संपत्तियों को देशराज के नाम करवाई थी. विभाग के मुताबिक, देशराज कोचिंग चलाता है इसके अलावा उसके कॉलेज भी हैं. कानपुर और लखनऊ में बीते साल हुई छापेमारी में सामने आया था कि देशराज प्रॉपर्टी डीलर भी है और उसके संबंध बाबू सिंह कुशवाहा से भी हैं.