Independence Day- पीएम मोदी ने कहा, भारत की विविधता ही भारत की शक्ति है

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, आजादी के इतने दशकों बाद पूरे विश्व का भारत की तरफ देखने का नजरिया बदल चुका है। विश्व, भारत की तरफ गर्व और अपेक्षा से देख रहा है।

Independence Day- पीएम मोदी ने कहा, भारत की विविधता ही भारत की शक्ति है

पीएम मोदी ने कहा, भारत की विविधता ही भारत की शक्ति है। भारत की हर भाषा पर हमें गर्व होना चाहिए। भले ही वह भाषा हमें आती हो या न आती हो, लेकिन हमें गर्व होना चाहिए कि हमारे पुरखों ने वह भाषा हमें दी है। 130 करोड़ देशवासियों में एकता। एक भारत-श्रेष्ठ भातर के सपनों को पूरा कर सकती है। उन्होंने कहा, भारत लोकतंत्र की जननी है। मदर ऑफ डेमोक्रेसी है। जिनके जहन में लोकतंत्र होता है, वे जब संकल्प करके चल पड़ते हैं तो उनका सामर्थ्य दुनिया की बड़ी-बड़ी सल्तनतों के लिए भी संकट का काल लेकर आता है। 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, आजादी के इतने दशकों बाद पूरे विश्व का भारत की तरफ देखने का नजरिया बदल चुका है। विश्व, भारत की तरफ गर्व और अपेक्षा से देख रहा है। समस्याओं का समाधान दुनिया, भारत की धरती पर खोजने लगी है। विश्व का ये बदलाव, विश्व की सोच में ये परिवर्तन 75 साल की हमारी यात्रा का परिणाम है। 

प्रधानमंत्री के भाषण में भारत की विरासत से लेकर स्वतंत्रता सेनानियों, यहां की एकता और अखंडता का भी जिक्र था। प्रधानमंत्री ने देश की विविधता पर गर्व करने की अपील की। अपने संबोधन के दौरान पीएम ने अगले 25 सालों के लिए पांच प्रण भी लिए। उन्होंने विकसित भारत का प्रण लिया। कहा, इससे कम कुछ भी नहीं। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में भारत के स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया। उन्होंने कहा, हिंदुस्तान का कोई कोना, कोई काल ऐसा नहीं था, जब देशवासियों ने सैंकड़ों सालों तक गुलामी के खिलाफ जंग न की हो। जीवन न खपाया हो। यातनाएं न झेली हो। आहुति न दी हो। आज का ये दिवस ऐतिहासिक है। पीएम ने कहा, यह देश कृतज्ञ है मंगल पांडे, तात्या टोपे, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, चंद्रशेखर आजाद, असफाक उल्ला खां, राम प्रसाद बिस्मिल जैसे ऐसे अनगिनत क्रांति वीरों का, जिन्होंने अंग्रेजों की हुकूमत की नींव हिला दी थी। आजादी की जंग लड़ने वाले और आजादी के बाद देश बनाने वाले डॉ. राजेंद्र प्रसाद जी, नेहरू जी हो, सरदार वल्लभ भाई पटेल, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, लाल बहादुर शास्त्री, दीन दयाल उपाध्याय, जयप्रकाश नारायण, राम मनोहर लोहिया, आचार्य विनोबा भावे, वीर सावरकार, नाना जी देशमुख ऐसे अनेक महापुरुषों को आज नमन करने का अवसर है।