भारत के ISRO ने रचा इतिहास: चंद्रयान-3 ने चन्द्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग की, साउथ पोल पर उतरने वाला पहला देश
भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन गया. इसके साथ ही भारत अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ के बाद चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग' करने वाला दुनिया का चौथा देश बना. चंद्रमा की सतह पर अमेरिका, पूर्व सोवियत संघ और चीन ‘सॉफ्ट लैंडिंग' कर चुके हैं, हालांकि इनमें से कोई भी देश ऐसा नहीं है जिसकी ‘सॉफ्ट लैंडिंग' चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में हुई है.
देशवासियो के लिए गर्व के पल लैंडर विक्रम (Lander Vikram) और रोवर प्रज्ञान से युक्त लैंडर मॉड्यूल आज शाम छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कर के इतिहास रच दिया.
बता दे की चंद्रयान-3 मिशन के जरिए भारत ने आज इतिहास रच दिया. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organization) के चंद्रयान-3 मिशन का लैंडर मॉड्यूल सफलता पूर्वक चंद्रमा की सतह पर उतर गया. लैंडर विक्रम (Lander Vikram) और रोवर प्रज्ञान से युक्त लैंडर मॉड्यूल ने शाम छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग की और इतिहास रच दिया.
भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन गया. इसके साथ ही भारत अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ के बाद चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग' करने वाला दुनिया का चौथा देश बना. चंद्रमा की सतह पर अमेरिका, पूर्व सोवियत संघ और चीन ‘सॉफ्ट लैंडिंग' कर चुके हैं, हालांकि इनमें से कोई भी देश ऐसा नहीं है जिसकी ‘सॉफ्ट लैंडिंग' चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में हुई है.
देश के विभिन्न हिस्सों में काफी उत्साह का माहौल है. विभिन्न राज्यों में लोग मंदिरों, मस्जिदों, गुरूद्वारों एवं अन्य पूजा स्थलों पर हवन आदि के साथ विभिन्न पूजा अनुष्ठानों के जरिए मिशन की सफलता की कामना करने में जुटे थे. चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल के चंद्रमा पर सफलतापूर्वक 'सॉफ्ट लैंडिंग' करने को लेकर दिल्ली के कई हिस्सों में मंदिरों, मस्जिदों और गुरुद्वारों में बुधवार को विशेष प्रार्थनाएं की गईं.
चंद्रयान-3 ने चांद के साउथ पोल पर सफलतापूर्वक लैंडिंग कर ली है. अब इसके अंदर से रोवर प्रज्ञान के निकलने का इंतजार है. इसमें करीब 1 घंटा 50 मिनट लगेगा. डस्ट सेटल होने के बाद विक्रम चालू होगा और कम्युनिकेट करेगा.
चंद्रयान-3 के लैंडिंग की शुरुआत 5 बजकर 30 मिनट पर हुई. रफ लैंडिंग बेहद कामयाब रही. इसके बाद 5 बजकर 44 मिनट पर लैंडर ने वर्टिकल लैंडिग की. तब चंद्रयान-3 की चंद्रमा से दूरी 3 किमी रह गई थी. इसके 20 मिनट में चंद्रमा की अंतिम कक्षा से चंद्रयान-3 ने 25 किमी का सफर पूरा किया. फिर लैंडर को धीरे-धीरे नीचे उतारा गया. शाम 6 बजकर 04 मिनट पर लैंडर ने चांद पर पहला कदम रखा. इस तरह भारत चांद के साउथ पोल पर कदम रखने वाला दुनिया का पहला देश बन गया.
मिशन चंद्रयान 3 की चर्चा सिर्फ देश ही नहीं विदेश में हो रही है. ब्रिटेन से लेकर अमेरिका तक में चंद्रयान के लिए शुभकामनाओं की गूंज तेज हो रही है. लंदन में भारतीय छात्रों ने उद्य शक्ति माता मंदिर में चंद्रयान 3 की सफलता के लिए पूजा की. वहीं अमेरिका के वर्जीनिया में चंद्रयान 3 के लिए भारतीय मूल के अमेरिकी लोगों ने हवन कराया.
यूनाइटेड किंगडम में मौजूद भारतीय उच्चायुक्त ने भी इस मौके को ऐतिहासिक बताया है. वहीं पड़ोसी मुल्क श्रीलंका के भारत में मौजूद उच्चायुक्त ने भी चंद्रयान मिशन को गौरव का क्षण बताया है.
साल 2019 में आखिरी 15 मिनट में ही भारत के चंद्रयान मिशन को झटका लगा था ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि चंद्रयान 3 इस बार 15 मिनट्स ऑफ टेरर को पार कर नया इतिहास लिख देगा.
चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग देखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षिण अफ्रीका से वचुर्अली इसरो केंद्र से जुड़े . साउथ अफ्रीका से प्रधानमंत्री मोदी ने लैंडिंग प्रक्रिया के दौरान टीम के साथ जुड़ कर हौसला बढ़ाया.
पीएम मोदी ने चंद्रयान -3 मिशन की सफलता पर कहा कि, ये क्षण विकसित भारत के शंखनाद का है. यह क्षण नए भारत के जयघोष क है. यह क्षण मुश्किलों के महासागर को पार करने का है. यह क्षण जीत के चंद्रपथ पर चलने का है. यह 7ण 140 करोड़ धड़कनों के सामर्थ्य का है. यह क्षण भारत में नई ऊर्जा के विश्वास का है. यह क्षण भारत के उदीयमान भाग्य के आह्वान का है.
इसरो के तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग पर पीएम मोदी ने कहा कि कभी कहा जाता था चंदा मामा बहुत दूर के हैं, अब एक दिन वो भी आएगा जब बच्चे कहा करेंगे चंदा मामा बस एक टूर के हैं.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की लैंडिंग कार्यक्रम को देखा. इसरो के तीसरे चंद्र मिशन ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग की.
मिशन चंद्रयान 3 विज्ञान के क्षेत्र में भारत की बढ़ती ताकत की नुमाइश है और इस नुमाइश को सफल बनाने के लिए देशवासियों ने मंदिर से लेकर दरगाहों में कामना की है. 23 अगस्त की ये तारीख अंतरिक्ष में नए भारत के आगाज की कहानी है जो शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रयान 3 की सुरक्षित लैंडिंग पर टिकी थी जिसे देश के महान वैज्ञानिको सफलता पूर्वक कर दिखाया.