यूएनएससी में भारत ने कहा- तत्काल खत्म की जाए हिंसा, रूस यूक्रेन युद्ध
तिरुमूर्ति ने कहा कि सभी सदस्य देशों को रचनात्मक तरीके से आगे बढ़ने के लिए इन सिद्धांतों का सम्मान करने की आवश्यकता है। मतभेदों और विवादों को निपटाने के लिए संवाद ही एकमात्र रास्ता है, हालांकि इस समय यह कठिन जान पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि यह खेद की बात है कि कूटनीति का रास्ता छोड़ दिया गया। हमें उस पर लौटना होगा। इन सभी कारणों से भारत ने इस प्रस्ताव से परहेज करने का विकल्प चुना है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यूक्रेन पर हमले को लेकर रूस के खिलाफ पेश निंदा प्रस्ताव पर हुए मतदान में भारत और चीन ने खुद को दूर कर लिया। यूक्रेन पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् की बैठक में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने कहा कि
यूक्रेन में हाल के घटनाक्रम से भारत बहुत परेशान है। हम आग्रह करते हैं कि हिंसा और शत्रुता को तत्काल समाप्त करने के लिए सभी प्रयास किए जाएं। मानव जीवन की कीमत पर कभी भी कोई समाधान नहीं निकाला जा सकता है। हम भारतीय समुदाय के कल्याण और सुरक्षा के बारे में भी बहुत चिंतित हैं, जिसमें यूक्रेन में बड़ी संख्या में भारतीय छात्र भी शामिल हैं। संयुक्त राष्ट्र चार्टर पर समसामयिक वैश्विक व्यवस्था का निर्माण किया गया है, राज्यों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए सम्मान और कानून है।
तिरुमूर्ति ने कहा कि सभी सदस्य देशों को रचनात्मक तरीके से आगे बढ़ने के लिए इन सिद्धांतों का सम्मान करने की आवश्यकता है। मतभेदों और विवादों को निपटाने के लिए संवाद ही एकमात्र रास्ता है, हालांकि इस समय यह कठिन जान पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि यह खेद की बात है कि कूटनीति का रास्ता छोड़ दिया गया। हमें उस पर लौटना होगा। इन सभी कारणों से भारत ने इस प्रस्ताव से परहेज करने का विकल्प चुना है।