Tomoto Flu-लैंसेट की रिपोर्ट पर भारतीय वैज्ञानिक नाराज़, सबने कहा- टोमॅटो नाम देना गलत, भारत में नया नहीं ये संक्रमण
टोमैटो फ्लू को लेकर भारतीय वैज्ञानिकों ने दो टूक कहा है कि हाल ही में सामने आया अध्ययन तथ्यहीन है। यह वास्तविकता से एकदम अलग है और लोगों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। नई दिल्ली स्थित आईजीआईबी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. विनोद स्कारिया ने कहा, अध्ययन में इस बीमारी का नाम टोमैटो फ्लू दिया है, यह एकदम गलत है।
बहुत से लोगों ने टोमैटो फ्लू के बारे में कभी सुना भी नहीं होगा, लेकिन यह एक ऐसा वायरस है जो चुपचाप भारत में प्रवेश कर चुका है और तेजी से देश में चिकित्सा विशेषज्ञों के लिए चिंता और चुनौती बन रहा है। लैंसेट के अध्ययन के अनुसार, भारत में टोमैटो फ्लू या टमाटर बुखार के 82 मामले दर्ज किए गए हैं।
टोमैटो फ्लू को लेकर भारतीय वैज्ञानिकों ने दो टूक कहा है कि हाल ही में सामने आया अध्ययन तथ्यहीन है। यह वास्तविकता से एकदम अलग है और लोगों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। नई दिल्ली स्थित आईजीआईबी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. विनोद स्कारिया ने कहा, अध्ययन में इस बीमारी का नाम टोमैटो फ्लू दिया है, यह एकदम गलत है।
पिछले सप्ताह द लैंसेट मेडिकल जर्नल में गुजरात के फार्मास्युटिकल यूनिवर्सिटी से जुड़े तीन शोधार्थियों ने यह दावा किया था कि देश में पहली बार टोमैटो फ्लू नामक संक्रमण मिला है। केरल में इस साल मई से जुलाई के बीच 82 बच्चे बीमार पड़े हैं। चूंकि इस बीमारी में बच्चों की त्वचा पर लाल-लाल दाने उभर आते हैं इसलिए इसे टोमैटो फ्लू का नाम दिया है जबकि देश के अन्य स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यह परिभाषा पूरी तरह से गलत है।
डॉ. स्कारिया ने कहा, कोरोना महामारी के दौर में संक्रामक बीमारियों को गंभीरता से लेना चाहिए, लेकिन हर संक्रमण कोरोना या फिर मंकीपॉक्स के समान बड़ी पंरेशानी भी नहीं है। वहीं, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की राष्ट्रीय टास्क फोर्स के सह-अध्यक्ष राजीव जयदेवन ने कहा, ऐसी बीमारी के लिए इस तरह के नाम का इस्तेमाल करना ठीक नहीं है। लोगों को लग सकता है कि यह टमाटर से आता है, जबकि यह सच नहीं है।
बता दे इस कतिथ टोमैटो फ्लू के लक्षण बच्चों में चिकनगुनिया के समान होते हैं, जिसमें बुखार, चकत्ते और जोड़ों में दर्द, शरीर में दर्द और थकान जैसे कि कोविड के लक्षण में भी अनुभव होते हैं। अन्य लक्षणों में जोड़ों में सूजन, मतली, उल्टी, दस्त, निर्जलीकरण और शरीर का तापमान बढ़ना शामिल हैं, जो डेंगू के समान हैं। वर्तमान में इस बीमारी को संक्रामक के रूप में माना जा रहा है और 'टोमैटो फ्लू इन इंडिया' पर लैंसेट के अध्ययन से पता चला है कि टोमैटो फ्लू के इलाज के लिए 'कोई विशिष्ट दवा मौजूद नहीं है'। हालांकि अध्ययन में कहा गया है कि फ्लू 'स्वयं सीमित' था, अध्ययन में खा गया है कि टोमैटो फ्लू को खतरनाक और तेजी से फैलने वाला माना जाना चाहिए।