रोचक तथ्य-राष्ट्रपति पद की शक्तियां, जानिए वो अधिकार जो प्रधानमंत्री के पास भी नहीं होते
द्रौपदी मुर्मू स्वतंत्रता के बाद जन्म लेने वाली पहली राष्ट्रपति होंगी. इसके अलावा वो अब तक की सबसे कम उम्र की राष्ट्रपति होंगी. वह दूसरी महिला हैं जो देश की राष्ट्रपति बनी हैं. राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू ने वोटों के बड़े अंतर से विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को हरा दिया. क्या आप जानते हैं कि भारत के राष्ट्रपति के पास ऐसी कुछ शक्तियां होती हैं जो प्रधानमंत्री के पास भी नहीं होती हैं.
भारत के राष्ट्रपति के रूप में द्रौपदी मुर्मू को चुन लिया गया है. राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू ने वोटों के बड़े अंतर से विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को हरा दिया. जहां द्रौपदी मुर्मू ने 6,76,803 वोट हासिल किए तो वहीं विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को 3,80,177 वोटों से ही संतोष करना पड़ा. कई बड़े नेताओं ने इस बात पर खुशी भी जाहिर की है कि पहली बार कोई आदिवासी महिला देश के सबसे ऊंचे पर आसीन हुई है. गौरतलब है कि भारत के 15वें राष्ट्रपति के रूप में द्रौपदी मुर्मू को चुन लिया गया है. एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को 2,824 प्रथम वरीयता मत मिले, जिनका मूल्य 6,76,803 था. वहीं, संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को 1,877 वोट मिले, जिनका मूल्य 3,80,177 था. बता दें कि द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति चुनाव में 64 प्रतिशत से ज्यादा वोट हासिल किए.
जान लें कि द्रौपदी मुर्मू स्वतंत्रता के बाद जन्म लेने वाली पहली राष्ट्रपति होंगी. इसके अलावा वो अब तक की सबसे कम उम्र की राष्ट्रपति होंगी. वह दूसरी महिला हैं जो देश की राष्ट्रपति बनी हैं. द्रौपदी मुर्मू 25 जुलाई को पद और गोपनीयता की शपथ लेंगी.
लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत के राष्ट्रपति के पास ऐसी कुछ शक्तियां होती हैं जो प्रधानमंत्री के पास भी नहीं होती हैं.
देश के प्रधानमंत्री का न्यायिक व्यवस्था में कोई दखल नहीं होता है, लेकिन भारत के राष्ट्रपति पास ऐसी शक्ति होती हैं, जिसका इस्तेमाल करके वो कोर्ट के द्वारा दी गई फांसी की सजा को माफ कर सकते हैं.
ऐसी शक्ति प्रधानमंत्री के पास नहीं होती है.
इसके अलावा देश में इमरजेंसी घोषित करने का अधिकार भी देश के राष्ट्रपति के पास होता है. प्रधानमंत्री खुद इसका आदेश नहीं दे सकते हैं.
संविधान की धारा 74 (1) के तहत यह व्यवस्था की गई है कि राष्ट्रपति की सहायता के लिए एक मंत्रिमंडल होगा और उसके प्रमुख प्रधानमंत्री होंगे. उनकी सलाह पर ही राष्ट्रपति तमाम आदेश देते हैं.