इनकम टैक्स के डिप्टी कमिश्नर को 7 दिन की जेल, कोर्ट ने कहा- केवल जुर्माना काफी नहीं, अफसर को जेल भेजने से ही न्याय होगा
कोर्ट ने अधिकारी को आदेश दिया है कि वह 22 दिसंबर को दोपहर तीन बजे कोर्ट के सीनियर रजिस्ट्रार के सामने पेश हों, जहां से उन्हें जेल भेजा जाएगा. हाई कोर्ट के इस सख्त फैसले के बाद इनकम टैक्स विभाग में हड़कंप मच गया है. विभाग में उच्च अधिकारी पर कोर्ट की इस कार्रवाई को लेकर हर तरफ चर्चा हो रही है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने इनकम टैक्स विभाग को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है. अदालत ने इनकम टैक्स विभाग के डिप्टी कमिश्नर हरीश गिडवानी को अवमानना के मामले में 7 दिन जेल की सजा सुनाई है. साथ ही 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना नहीं चुकाने पर अफसर को एक अतिरिक्त दिन जेल में बिताना होगा.
कोर्ट ने अधिकारी को आदेश दिया है कि वह 22 दिसंबर को दोपहर तीन बजे कोर्ट के सीनियर रजिस्ट्रार के सामने पेश हों, जहां से उन्हें जेल भेजा जाएगा. हाई कोर्ट के इस सख्त फैसले के बाद इनकम टैक्स विभाग में हड़कंप मच गया है. विभाग में उच्च अधिकारी पर कोर्ट की इस कार्रवाई को लेकर हर तरफ चर्चा हो रही है.
हाईकोर्ट की एकल पीठ के जज इरशाद अली ने ये आदेश सीनियर वकील प्रशांत चंद्र की दायर अवमानना याचिका पर दिया है. याची का कहना था कि उसे लखनऊ में इनकम टैक्ट विभाग ने साल 2011-12 के लिए करीब 52 लाख रुपए का मूल्यांकन नोटिस भेज दिया था. जबकि उन्होंने अपना आयकर दिल्ली से भरा था। उनकी याचिका पर हाईकोर्ट ने 31 मार्च 2015 को नोटिस और अन्य आदेश रद कर दिए थे.
याची का आरोप है कि कोर्ट के आदेश के बावजूद इनकम टैक्स विभाग की वेबसाइट पर बकाया नोटिस 7 महीने तक चलता रहा, जिससे उनके सम्मान पर काफी चोट लगी. याची के इस आरोप पर इनकम टैक्स विभाग के वकील ने अपने जवाब देने से मना कर दिया।
इस पर सख्त रुख अपनाते हुए कोर्ट ने कहा कि केस में गिडवानी ने अदालत के आदेश के बावजूद याची को परेशान करने की नीयत से बकाया नोटिस वेब साइट से नहीं हटाई। इसलिए मामले में केवल जुर्माना ही काफी नहीं है, बल्कि अवमानाकारी गिडवानी को जेल भेजने से ही न्याय होगा। कोर्ट ने अपने आदेश से अन्य अफसरों को समझाया है कि अगर कोर्ट के आदेश की अवमानना की गई तो सिर्फ चेतावनी ही नहीं उन्हें सजा भी दी जा सकती है।