अब इस नाम से जाना जायेगा झांसी, स्टेशन का नाम बदलने को मिली मंजूरी जानिए कैसे बदला जाता है नाम
झांसी रेलवे स्टेशन का नाम बदलने की शुरुआत कुछ साल पहले हुई थी, जब मध्य प्रदेश से बीजेपी राज्यसभा सदस्य प्रभात झा सहित कई स्थानीय जन प्रतिनिधियों ने कुछ वर्ष पहले झांसी में आयोजित रेलवे की बैठक में झांसी का नाम रानी लक्ष्मीबाई के नाम पर करने की मांग की थी. इस मांग पर रेलवे ने अपनी सहमति जताते हुए रेलवे स्टेशन का नाम बदलने की सरकारी प्रक्रिया शुरू की थी. इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस प्रस्ताव पर सहमति जताते हुए अपनी अनापत्ति दी थी.
झांसी रेलवे स्टेशन का नाम बदलने के रेलवे के प्रस्ताव को उत्तर प्रदेश सरकार ने मंजूरी दे दी है. इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसे लेकर अनापत्ति दे दी थी. अब आने वाले दिनों में झांसी स्टेशन को वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन नाम से जाना जाएगा.
झांसी रेलवे के एक अधिकारी ने कहा कि नई दिल्ली में रेल मंत्रालय के आदेश के तुरंत बाद रेलवे स्टेशन का नाम बदलने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जा रही है. स्टेशन कोड तदनुसार बदला जाएगा. इससे पहले मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर पंडित दीन दयाल उपाध्याय रेलवे स्टेशन कर दिया गया था.
इससे पहले भी यूपी सरकार कई रेलवे स्टेशनों के नाम बदल चुकी है. योगी सरकार इलाहाबाद का नाम प्रयागराज, मुगलसराय का नाम दीन दयाल उपाध्याय और फैजाबाद का नाम अयोध्या कर चुकी है. नाम बदलने वाले स्टेशनों की लिस्ट में वाराणसी का मंडुआडीह स्टेशन भी है. मंडुआडीह स्टेशन का नाम बदलकर बनारस स्टेशन रखा गया है. इलाहाबाद जंक्शन का नाम भी बदल कर प्रयागराज जंक्शन कर दिया गया है. वहीं, नौगढ़ रेलवे स्टेशन का नाम बदल कर सिद्धार्थनगर किया गया था.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि रेलवे स्टेशन का नाम बदलने की प्रक्रिया में केंद्रीय गृह मंत्रालय की अहम भूमिका होती है. राज्य सरकार रेलवे स्टेशन का नाम बदलने का अनुरोध केंद्र सरकार को भेजती है है. केंद्र सरकार उक्त प्रस्ताव पर इंटेलिजेंस ब्यूरो, डाक विभाग, भारतीय भौगोलिक सर्वेक्षण विभाग, रेलवे मंत्रालय जैसे कई विभागों और एजेंसियों को भेज कर एनओसी मांगता है. विभागों और एजेंसियों से एनओसी मिलने के बाद गृह मंत्रालय नाम बदलने की मंजूरी देता है.