हलाल मीट के बंद करने पर बोले कर्नाटक के मुख्यमंत्री, हिन्दू संघटन कर रहे है बैन की मांग
कर्नाटक में पिछले कई महीनों से जारी हिजाब विवाद के बाद अब हलाल विवाद तूल पकड़ता नजर आ रहा है। हिजाब के बाद कर्नाटक में हलाल मांस को लेकर शुरू हुए विवाद पर राज्य के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई का बयान आया है. बोम्मई ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार हलाल मांस को लेकर उठाई गई गंभीर आपत्तियों पर विचार करेगी.
कर्नाटक में पिछले कई महीनों से जारी हिजाब विवाद के बाद अब हलाल विवाद तूल पकड़ता नजर आ रहा है। कर्नाटक में पिछले कई महीनों से जारी हिजाब विवाद के बाद अब हलाल विवाद तूल पकड़ता नजर आ रहा है। हिजाब के बाद कर्नाटक में हलाल मांस को लेकर शुरू हुए विवाद पर राज्य के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई का बयान आया है. बोम्मई ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार हलाल मांस को लेकर उठाई गई गंभीर आपत्तियों पर विचार करेगी.
जानकारी के लिए बता दे हिंदू संगठनों द्वारा हलाल मांस के बहिष्कार को लेकर अभियान चलाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार इस मसले पर अपना रुख बाद में बताएगी. उन्होंने कहा कि हमें पता है कि किस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करनी है और किस पर नहीं. हम पूरे मामले के अध्ययन के बाद ही इस पर कुछ कहेंगे. गौरतलब है कि मुस्लिम इस्लाम का हवाला देते हुए केवल हलाल किया हुआ मांस ही खाते हैं. जबकि हिंदू संगठनों ने इस पर आपत्ति जताते हुए प्रतिबंध लगाए जाने की मांग की है. हलाल मीट के विरोध के सवाल पर भाजपा नेता ने कहा कि ये बिजनेस एकतरफा नहीं बल्कि दोनों तरफ से होता है। उन्होंने कहा कि अगर मुस्लिम गैर-हलाल मीट खाने को तैयार हैं, तभी हिंदू हलाल मीट का इस्तेमाल करेंगे। इस बीच, पूर्व मुख्यमंत्री और JDS नेता एचडी कुमारस्वामी ने मीट विवाद की निंदा की है और हिंदू युवकों से राज्य में शांतिपूर्ण माहौल कायम रखने को कहा है। कुमारस्वामी ने कहा- मैं सरकार से पूछना चाहता हूं कि आप इस राज्य को कहां ले जाना चाहते हैं। मैं हिंदू युवकों से हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि राज्य का माहौल खराब न करें।
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि जहां तक उनकी सरकार का सवाल है तो उसमें केवल विकास को पंख दिए गए हैं, और कोई दक्षिण पंथ या वाम पंथ नहीं है. हलाल मामले पर सरकार के रुख को लेकर पूछे गए सवाल पर बोम्मई ने कहा, 'यह मामला अभी-अभी शुरू हुआ है. हमें इसका संपूर्णता से अध्ययन करना होगा, क्योंकि इसका नियमों से कोई लेना-देना नहीं है. यह एक प्रथा है जो जारी है. अब इसके संबंध में गंभीर आपत्तियां उठी हैं. हम इन्हें देखेंगे'.
‘वर्षादोदाकु’ के पहले कई दक्षिण पंथी समूहों ने हलाल मांस के बहिष्कार की अपील की है. ‘उगादी’ के बाद इस दिन राज्य के विभिन्न समुदाय मांसाहारी भोज का आयोजन करते हैं. भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि ने मंगलवार को हलाल मांस को ‘आर्थिक जिहाद’ करार देते हुए हिंदुओं से इसका बहिष्कार करने की अपील की थी. अपील में उगाडी त्यौहार यानि कि हिंदू नव वर्ष के बाद हलाल मीट का इस्तेमाल न करने को कहा जा रहा है। दरअसल उगाडी के एक दिन बाद हिंदू भगवान को मांस की भेंट चढ़ाते हैं और नया साल सेलिब्रेट करते हैं। हलाल मीट नहीं लेने की अपील कर्नाटक के कुछ इलाकों में हिंदू धार्मिक मेले के दौरान मंदिरों के आसपास मुस्लिम वेंडर्स पर प्रतिबंध की घोषणा के बाद उठी है।