जानिए पंजाब के नए मुख्यमंत्री भगवंत मान के बारे में

शपथ लेने के बाद चेहरे के तौर पर भगवंत मान पंजाब के 17वें मुख्यमंत्री होंगे। हालांकि, कार्यकाल के लिहाज से वह पंजाब के 25वें CM हैं। भगवंत मान का जन्म 17 अक्टूबर 1973 को पंजाब के संगरूर जिले के सतोज गांव में हुआ था। उनके पिता मोहिंदर सिंह सरकारी स्कूल में विज्ञान के शिक्षक थे। मान कहते हैं, अब मेरे पंजाब के लोग ही मेरा परिवार हैं।

जानिए पंजाब के नए मुख्यमंत्री भगवंत मान के बारे में

भगवंत मान के जीवन में खटकड़ कलां बहुत अहम है। वह शहीद ए आजम भगत सिंह के जीवन से काफी प्रभावित है। कॉमेडियन के तौर पर कामयाबी पाने के बाद से ही वह यहां आते रहे हैं। 2011में उन्होंने पीपुल्स पार्टी ऑफ पंजाब (PPP) से सियासी जीवन की शुरूआत की। इसकी घोषणा खटकड़ कलां से ही हुई थी। यहीं उन्होंने जीवन की पहला राजनीतिक भाषण दिया था। कॉमेडियन से लेकर पहली बार संगरूर सीट से सांसद चुने जाने पर भी वह यहां आए थे। नई गाड़ी खरीदने पर भी वह खटकड़ कलां में शीश झुकाने जरूर जाते हैं। शपथ लेने के बाद चेहरे के तौर पर भगवंत मान पंजाब के 17वें मुख्यमंत्री होंगे। हालांकि, कार्यकाल के लिहाज से वह पंजाब के 25वें CM हैं।

शपथ लेने के बाद मान ने सभी नवनिर्वाचित विधायकों से अपील की कि अहंकार न करें। हमें उन लोगों का भी सम्मान करना होगा जिन्होंने हमें वोट नहीं दिया। मैं आप सभी को और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल को धन्यवाद देता हूं। दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने भगवंत मान को बधाई दी है। सिसोदिया ने कहा कि ईमानदार राजनीति और लोगों की तरक्की के लिए काम करने वाली सरकार देने का सपना लेकर अरविंद केजरीवाल ने 10 साल पहले आम आदमी पार्टी की नींव रखी थी। आज पंजाब में भी वही सपना सच हो रहा है।  

भगवंत मान का जन्म 17 अक्टूबर 1973 को पंजाब के संगरूर जिले के सतोज गांव में हुआ था। उनके पिता मोहिंदर सिंह सरकारी स्कूल में विज्ञान के शिक्षक थे। 2011 में उनका निधन हो गया था। मान की मां का नाम हरपाल कौर है। बहन मनप्रीत कौर एक स्कूल में पंजाबी शिक्षिका हैं। जब मान सात साल के थे, तब उनके छोटे भाई जिसकी उम्र उस वक्त पांच साल की थी उसका पेट के कैंसर से निधन हो गया था। मान ने इंदरप्रीत कौर से शादी की थी। उनके दो बच्चे हैं। बेटे का नाम दिलशान मान और बेटी का नाम सीरत कौर मान है। हालांकि, 2015 में इंदरप्रीत और भगवंत मान के बीच तलाक हो गया था। अब बच्चे अपनी मां के साथ ही अमेरिका में रहते हैं। भगवंत मान की शादी हो चुकी है। पत्नी का नाम इंदरप्रीत कौर है। दोनों के दो बच्चे (एक बेटा और एक बेटी) भी हैं। हालांकि, 2015 में दोनों का तलाक हो गया था। एक यूट्यूब चैनल को दिए इंटरव्यू में भगवंत मान ने अपने परिवार के बारे में जानकारी दी थी। उन्होंने बताया कि जब तक वह कॉमेडियन थे, तब तक परिवार को खूब समय देते थे। 2014 में लोकसभा चुनाव लड़कर जीते। इसके बाद से वह पत्नी और बच्चों को ज्यादा समय नहीं दे पाते थे। जनता के बीच उनका ज्यादा वक्त गुजरता था। यही कारण है कि 2015 में उनकी पत्नी उनसे अलग हो गईं। अब पत्नी और बच्चे अमेरिका में रहते हैं। वह अकेले ही दिल्ली और अपने पंजाब स्थित घर में रहते हैं। मान कहते हैं, अब मेरे पंजाब के लोग ही मेरा परिवार हैं।

भगवंत मान ने इस बार पंजाब की धूरी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था। उन्हें कुल 82 हजार 592 वोट मिले। दूसरे नंबर पर कांग्रेस के दलवीर सिंह गोल्डी थे। गोल्डी को 24 हजार 386 वोट मिले थे। इस तरह से भगवंत मान ने 58 हजार 206 मतों के अंतर से ये चुनाव जीत लिया। भगवंत मान को पहले ही आम आदमी पार्टी ने मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया था। पंजाब के नए मुख्यमंत्री भगवंत मान का नाम विवादों से भी जुड़ा रहा है। जैसे ही उन्हें आम आदमी पार्टी की तरफ से मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया था, वैसे ही सोशल मीडिया पर उनके कई वीडियो शेयर होने लगे थे। इसमें वह लड़खड़ाते हुए नजर आ रहे थे। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि वह अब शराब पीना छोड़ चुके हैं।

मान ने राजनीतिक सफर की शुरुआत मनप्रीत सिंह बादल की पंजाब पीपुल्स पार्टी से की थी। मनप्रीत बादल पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के भतीजे हैं। परिवार में जब राजनीतिक विरासत को लेकर विवाद हुआ तो मनप्रीत ने मार्च 2011 में अपनी पार्टी बना ली। उसी वक्त भगवंत इस पार्टी में शामिल हुए। साल 2012 में लहरा विधानसभा सीट से भगवंत मान चुनाव लड़े। उनका चुनाव निशान था पतंग, लेकिन मान की पतंग सफलता की उड़ान नहीं भर सकी। उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2012 के विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद मनप्रीत बादल नया रास्ता तलाशने लगे। 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने कांग्रेस का हाथ थाम लिया। भगवंत मान को ये पसंद नहीं आया। मान ने अपना रास्ता बदल लिया और मार्च 2014 को मान आम आदमी पार्टी में आ गए। केजरीवाल ने उन्हें संगरूर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ाया और वह जीत भी गए। इस जीत के साथ वो पहली बार जनप्रतिनिधि बने।

भगवंत मान 16 के आंकड़े को खुद के लिए लकी मानते हैं। उनकी पहली कैसेट 'गोभी दीए कच्चीए व्यापारणें आई' 16 मई 1992 को रिलीज हुई थी। 16 दिसंबर 1992 को मान की कॉमेडी कैसेट 'कुल्फी गर्मा-गर्म' आई, जिससे उन्हें मशहूरी मिली। राजनीतिक लिहाज से देखें तो 16 मई 2014 को ही मान पहली बार संगरूर सीट से लोकसभा सांसद चुने गए। मान की यह पहली चुनावी जीत 16वीं लोकसभा चुनाव में हुई थी। मान ने इस बार 16वीं विधानसभा के लिए CM चेहरे के तौर पर चुनाव लड़ा और उनकी पार्टी को 92 सीटें मिलीं।