जानिए आसानी से 10 प्रमुख इंडस्ट्री में किसे क्या मिला, कौन रहा खाली हाथ

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट 2022 के भाषण में स्टार्टअप और छोटे और लघु इंडस्ट्री पर जोर दिया। साथ ही इस वित्त वर्ष में RBI के डिजिटल करेंसी लाए जाने की भी घोषणा की गई। कई ऐसे सेक्टर रहे जिन्हें निराशा हाथ लगी, उनसे जुड़ी कोई भी घोषणाएं नहीं हुईं।

जानिए आसानी से 10 प्रमुख इंडस्ट्री में किसे क्या मिला, कौन रहा खाली हाथ

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट 2022 के भाषण में स्टार्टअप और छोटे और लघु इंडस्ट्री पर जोर दिया। साथ ही इस वित्त वर्ष में RBI के डिजिटल करेंसी लाए जाने की भी घोषणा की गई। कई ऐसे सेक्टर रहे जिन्हें निराशा हाथ लगी, उनसे जुड़ी कोई भी घोषणाएं नहीं हुईं।

जानिए कुछ महत्वपूर्ण बातें 

1. स्टार्टअप के लिए टैक्स छूट की सीमा बढ़ी

  • स्टार्टअप के लिए मौजूदा टैक्स छूट की सीमा को एक साल के लिए और बढ़ा दिया गया है।
  • अब तक स्टार्टअप की शुरुआत के तीन साल तक उसे टैक्स में छूट मिलती है, जिसे बढ़ाकर चार साल कर दिया गया है।
  • वित्त मंत्री ने कहा कि स्टार्टअप इकोनॉमी को आगे बढ़ाने वाले सेक्टर के तौर पर उभरे हैं, ऐसे में कोरोना महामारी को देखते हुए उनके लिए टैक्स छूट दी गई है।

स्टार्टअप्स की जो उम्मीदें पूरी नहीं हुईं

  • देश में स्टार्टअप्स तेजी से उभर रहे हैं। स्टार्टअप्स को अपने लिए सब्सिडी से जुड़े ऐलान का भी जिक्र किए जाने की उम्मीद थी।
  • स्टार्टअप्स को ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ाने और अनुपालन खर्च को कम करने में सक्षम बनाने वाली घोषणाओं की उम्मीद थी।

2. RBI लाएगा डिजिटल करेंसी, क्रिप्टो करेंसी के निवेशकों को झटका

  • वित्त मंत्री ने कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया वित्त वर्ष 2022-23 में डिजिटल करेंसी लाएगा।
  • वित्त मंत्री ने कहा कि ब्लॉकचेन और अन्य तकनीकों का इस्तेमाल करके सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) शुरू की जाएगी।
  • बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर लगेगा 30% टैक्स।

क्रिप्टो इंडस्ट्री की उम्मीदें, जो पूरी नहीं हुईं

  • सरकार ने इस बजट में क्रिप्टो करेंसी के देश में रेगुलाइजेशन को लेकर कुछ नहीं कहा। क्रिप्टोकरेंसी सेक्टर को इस सेक्टर के रेगुलाइजेशन के लिए नई घोषणा की उम्मीद थी।
  • घरेलू क्रिप्टो और ब्लॉकचेन स्टार्टअप टैक्सेशन, कानून, छूट और रेगुलेशन जैसे मुद्दों पर सरकार से ज्यादा स्पष्टता चाहते थे।
  • ये इंडस्ट्री चाहती थी कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी इंडस्ट्री की क्षमता स्वीकारे और भविष्य में उनके ऑपरेशन और डेवलेपमेंट में सहायता के लिए ज्यादा साफ नजरिया दिखाए।

3. इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री के लिए शुरू की जाएगी बैटरी स्वैपिंग स्कीम

  • इलेक्ट्रिक वाहनों को बड़े पैमाने पर चार्जिंग स्टेशन नहीं मिल पाते। इसलिए सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए बैटरी अदला-बदली नीति (Battery swapping policy) लाएगी।
  • इलेक्ट्रिक व्हीकल इकोसिस्टम की एफिशिएंसी बढ़ाने के लिए, प्राइवेट सेक्टर्स को बैटरी और एनर्जी के लिए एक इनोवेटिव और टिकाऊ बिजनेस मॉडल बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री की जो मांगें पूरी नहीं हुईं
भारत में अभी इलेक्ट्रिक व्हीकल का विकास अपने शुरुआती दौर में है। ऐसे में इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री को उम्मीद थी कि इस इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए आगामी बजट में सरकार लोकल मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने, टैक्स में छूट, फंडिंग ऑप्शन्स जैसी घोषणाएं करेगी।

4. MSME और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को क्या मिला

  • छोटे और लघु उद्योगों (MSME) की मदद के लिए 2 लाख करोड़ रुपए की मदद का ऐलान किया गया है।
  • सरकार ने MSME सेक्टर के लिए इमरजेंसी क्रेटिड लाइन गारंटी स्कीम (ECLGS) को मार्च 2023 तक बढ़ा दिया है और इसमें 50 हजार करोड़ रुपए की बढ़ोतरी के साथ इसे 5 लाख करोड़ रुपए कर दिया गया है।
  • MSME सेक्टर को मजबूती प्रदान करने के लिए अगले 5 साल में इस सेक्टर के लिए 6 हजार करोड़ रुपए के प्रोग्राम शुरू किए जाएंगे।
  • MSME सेक्टर के लिए इस मदद का ऐलान कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित हॉस्पिटैलिटी जैसे सेक्टर्स के लिए किया गया है।
  • वित्तमंत्री ने कहा है कि हॉस्पिटैलिटी सेक्टर से जुड़े छोटे और मध्यम उद्योग को अभी भी कोरोना से उबरने में वक्त लगेगा।
  • MSME के उद्यम, ई-श्रम, NCS और असीम पोर्टल्स को इंटरलिंक किया जाएगा, इससे उनका दायरा बढ़ेगा।
  • अब ये लाइव ऑर्गेनिक डेटाबेस के साथ काम करने वाले प्लेटफॉर्म होंगे। इनसे क्रेडिट सुविधाएं मिलेंगी और आंत्रप्रेन्योरशिप के लिए संभावनाएं बनेंगी।

MSME सेक्टर की बजट से जो उम्मीदें पूरी नहीं हुईं

  • MSME मंत्रालय के नंवबर 2021 के आंकड़ों के मुताबिक देश में 6.3 करोड़ से ज्यादा MSMEs या माइक्रो, स्मॉल और मीडियम कंपनियां हैं।
  • MSME सेक्टर की प्रमुख मांगों में कॉर्पोरेट टैक्स को घटाए जाने की थी, जिससे उन्हें कोरोना संकट के प्रभाव से निपटने में आसानी हो।
  • इस सेक्टर को उम्मीद थी की वित्त मंत्री 50 करोड़ रुपए से कम सालाना टर्नओवर वाले MSME कंपनियों का कॉर्पोरेट टैक्स जीरो कर देंगी।
  • साथ ही MSME सेक्टर को उम्मीद थी की सरकार पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले टैक्स को राज्यों के साथ मिलकर और घटाएगी।
  • कोरोना काल में MSME सेक्टर में ढेरों नौकरियां भी गई हैं, खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में। ऐसे में बजट से इस सेक्टर को काफी मदद की उम्मीदें थीं।

3. हॉस्पिटैलिटी/टूरिज्म सेक्टर की कौन सी उम्मीदें पूरी नहीं हुईं

  • कोरोना महामारी से जो सेक्टर्स सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं, उनमें से हॉस्पिटैलिटी और टूरिज्म भी एक है। हॉस्पिटैलिटी सेक्टर ने इस बजट को लेकर सबसे बड़ी मांग टैक्स में रियायत की थी।
  • नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) की के मुताबिक, कोरोना महामारी के बाद से हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में 24 लाख से ज्यादा लोगों की नौकरियां गई हैं। कोरोना लॉकडाउन की वजह से देश में 25% से ज्यादा रेस्टोरेंट बंद हो गए।
  • हॉस्पिटैलिटी सेक्टर की मांग थी कि बजट में यात्रा खर्च को इनकम टैक्स रिटर्न में से घटाया जाना चाहिए। कई होटलों ने सरकार से बजट में कर्ज मुक्त लोन, GST इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) और सब्सिडी दिए जाने की मांग की थी।

. डिजिटल पेमेंट्स में बढ़ावा देने के लिए 75 डिजिटल बैंकिंग यूनिट बनेगी
देश में डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावा देने के लिए वित्त मंत्री ने बजट 2020 में देश में शेड्यूल्ड कमर्शियल बैंकों के जरिए 75 जिलों में 75 डिजिटल बैंकिंग यूनिट्स बनाने का ऐलान किया।

डिजिटल पेमेंट वाले फिनटेक सेक्टर की जो उम्मीदें पूरी नहीं हुईं

  • फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी या फिनटेक सेक्टर ने कोरोना काल में तेजी से विकास किया है। नवंबर 2016 में देश में लागू हुई नोटबंदी के बाद से ऑनलाइन ट्रांजैक्शन बहुत तेजी से बढ़े हैं।
  • पेटीएम, फोनपे से लेकर गूगल-पे जैसी फिनटेक कंपनियों का ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के जरिए लोगों का जीवन आसान बनाया है और देश के कैशलेस इकोनॉमी की तरफ आगे बढ़ाया है।
  • फिनटेक सेक्टर को आगामी बजट से उम्मीद थी कि सरकार इस सेक्टर के और विकास के लिए टैक्स में 1% तक छूट देगी, जिससे इस सेक्टर में निवेश के लिए कंपनियों के पास ज्यादा पूंजी होगी।

7. देश की पहली डिजिटल यूनिवर्सिटी से एडुटेक सेक्टर को लगेंगे पंख

  • कोरोना महामारी के दौर में सबसे ज्यादा प्रभाव पढ़ाई पर पड़ा है। इसे देखते हुए वित्त मंत्री ने बजट 2022 में देश में पहली डिजिटल यूनिवर्सिटी बनाए जाने का ऐलान किया।
  • सीतारमण ने कहा कि डिजिटल यूनिवर्सिटी की स्थापना से छात्रों को घर बैठे वर्ल्ड क्लास क्वॉलिटी का एजुकेशन मुहैया हो पाएगा।

एडुटेक सेक्टर की जो उम्मीदें बजट में पूरी नहीं हुईं

  • कोरोना काल में स्कूल और कॉलेज के बंद होने से पढ़ाई का जो नया विकल्प बनकर उभरा, वो था ऑनलाइन शिक्षा का, यानी एजुकेशन सेक्टर का।
  • Statista की रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 तक देश में एजुकेशनल टेक्नोलॉजी सेक्टर 2.8 अरब डॉलर या 210 अरब रुपए का हो गया था, जिसके 2025 तक 10.4 अरब डॉलर या 780 अरब रुपए का हो जाने का अनुमान है।
  • वर्तमान में देश में बायजू, वेदांतु, अनअकैडमी और Upgrad जैसे 9 हजार से ज्यादा एडुटेक स्टार्ट-अप हैं।
  • एडुटेक सेक्टर को एजुकेशन सर्विसेज के लिए GST को मौजूदा 18% से घटाकर 5% करने की उम्मीद थी, जिससे निम्न और मध्यम वर्ग के परिवारों के छात्रों के लिए पहुंच में बढ़ोतरी हो सके।
  • साथ ही देश में तेजी से बढ़ रहे इंटरनेट ग्राहकों को देखते हुए बजट में एडुटेक क्षेत्र में डिजिटल इनोवेशन के क्षेत्र में तेजी लाने के लिए कई घोषणाएं किए जाने की उम्मीद थी।

8. देश के 8 करोड़ से ज्यादा बिजनेसमैन को थी GST में सुधार की आस
कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए देश के 8 करोड़ से ज्यादा बिजनेसमैन को बजट 2022 में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) को सरल और रेशनल बनाने को लेकर बड़ी घोषणा किए जाने की उम्मीद थी।

ट्रेडर्स एसोसिएशन के एक्सपर्ट ने कहा था कि GST लागू किए जाने के 4 साल के अंदर ही इसके नियमों में 1000 से ज्यादा संशोधन हो चुके हैं, जो दिखाते हैं कि इस कर प्रणाली में काफी सुधार की जरूरत है।

9. ऑनलाइन गेमिंग और ई-स्पोर्ट को बजट से टैक्स में कटौती की थी उम्मीद

  • पिछले कुछ साल में देश में ऑलनाइन स्किल गेमिंग और ई-स्पोर्ट्स इंडस्ट्री तेजी से आगे बढ़ने वाली इंडस्ट्री रही है।
  • ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर महामारी के बावजूद सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाले सेक्टर्स में रहा है।
  • 2022 ग्वांगोझू एशियन गेम्स में ऑलनाइन स्किल गेमिंग और ई-स्पोर्ट्स गेम्स शामिल हैं और उनमें 24 मेडल दांव पर होंगे।
  • ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर को लेकर देश में अभी कोई साफ नियम नहीं है। इस इंडस्ट्री को उम्मीद थी कि सरकार इस बजट में एक यूनिफॉर्म पॉलिसी लाएगी।
  • ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री को उम्मीद थी कि इस सेक्टर पर लगने वाले 18% GST की दर को घटाया जाएगा।
  • इंडस्ट्री का मानना था कि ऐसा होने से इस सेक्टर में आ रही कंपनियों को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।

10. इंश्योरेंस सेक्टर ने की थी 18% GST दर को घटाने की मांग

  • इस बजट से इंश्योरेंस सेक्टर को उम्मीद थी की सभी हेल्थ इंश्योरेंस प्रोडक्ट पर GST की मौजूदा दर को 18% से घटाकर 5% किया जाएगा।
  • साथ ही इस सेक्टर की मांग थी की छोटे इंश्योरेंस और 5 लाख तक के सम इंश्योर्ड इंश्योरेंस प्रोडक्ट को GST से छूट मिले।
  • इंश्योरेंस सेक्टर की मांग थी कि सीनियर सिटीजन के लिए की जाने वाली सभी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसीज पर GST से छूट मिले।