घर में शिवलिंग रखने से पहले जान लें नियम, भूलकर भी ना हो जाए ये गलती वर्ना बढ़ सकती हैं मुश्किलें

मंदिर हो या घर शिवलिंग की स्थापना के कुछ नियम बताए गए हैं. जिनका सख्ती से पालन करना बेहद जरूरी है. शास्त्रों के अनुसार, मंदिर और घर में शिवलिंग के अलग-अलग आकारों की स्थापना की जाती है. अगर आप भी घर के मंदिर में शिवलिंग की स्थापना करने जा रहे हैं तो इन बातों का ख्याल रखें.

घर में शिवलिंग रखने से पहले जान लें नियम, भूलकर भी ना हो जाए ये गलती वर्ना बढ़ सकती हैं मुश्किलें

सावन के महीने में शिवलिंग की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. लेकिन शिवलिंग की पूजा और इसे घर या मंदिर में स्थापित करने के कुछ नियम भी होते हैं. ज्योतिषियों का कहना है कि घर या मंदिर में शिवलिंग की स्थापना करते वक्त कुछ विशेष बातों का ख्याल रखना जरूरी है.

शिवपुराण में शिवलिंग की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. यदि नियमित रूप से शिवलिंग की पूजा की जाए तो भगवान बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं और मनचाही मुराद को पूरा करते हैं. 

शिवलिंग का अर्थ लिंग या योनि नहीं होता हैं, यह सनातन के विरोधियो ने धर्म को बदनाम करने के लिए भ्रम फैलाया था, जो की निरंतर लोगो तक पहुँच रहा हैं, और लोग इस पर विश्वास कर रहे हैं। इस भ्रम को फैलाने मे सबसे ज्यादा हाथ अंग्रेज़ो, विधर्मियों और वामपंथी विचारधारा को मानने वाले लोगो का हैं।

जिस प्रकार अर्थ शब्द का अर्थ धन भी होता हैं और मतलब भी होता हैं, ठीक उसी प्रकार लिंग का मतलब चिन्ह होता हैं, लेकिन विधर्मी जब लिंग सुनते हैं तो उनके दिमाग मे पुरुष के नाजुक अंगो का ही ख्याल आता हैं। शिव लिंग मे लिंग का अर्थ प्रतीक या चिन्ह होता हैं। शिव लिंग का पूरा अर्थ हुआ शिव का प्रतीक। ब्रम्हांड मे दो ही चीज सच हैं, ऊर्जा और पदार्थ। हमारा शरीर पदार्थ हैं जबकि आत्मा ऊर्जा हैं। इसी तरह से शिव प्रदार्थ और शक्ति ऊर्जा का प्रतीक बन कर शिवलिंग कहलाते हैं।

कुछ लोग शिवलिंग को घर में भी रखते हैं. लेकिन घर में शिवलिंग रखने के कुछ नियम हैं, जिनके बारे में अक्सर लोगों को जानकारी नहीं है. अगर शिवलिंग से संबन्धित इन नियमों का ध्यान न रखा जाए तो इसे घर में रखने से आपकी परेशानी बढ़ सकती है. जानिए उन नियमों के बारे में.

बता दे कि शिवलिंग को भगवान शिव का स्वरूप माना जाता है. मंदिर हो या घर शिवलिंग की स्थापना के कुछ नियम बताए गए हैं. जिनका सख्ती से पालन करना बेहद जरूरी है. शास्त्रों के अनुसार, मंदिर और घर में शिवलिंग के अलग-अलग आकारों की स्थापना की जाती है. अगर आप भी घर के मंदिर में शिवलिंग की स्थापना करने जा रहे हैं तो इन बातों का ख्याल रखें.

शिव पुराण में बताया गया है कि जो भी व्यक्ति शिवलिंग की पूजा करता है। उसके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। जो भी व्यक्ति नियमित रूप से भगवान भोलेनाथ के प्रतीक शिवलिंग की पूजा करता है उसे कभी भी किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं होती है तथा उसका सभी मनचाहा कार बड़ी सरलता से पूर्ण होता है।

इसीलिए बहुत से सनातनी भक्त शिवलिंग को अपने घर में भी रखना चाहते हैं या रखते हैं लेकिन शिवलिंग को घर में रखने से पहले कुछ नियमों का पालन करना बहुत जरूरी होता है। इन नियमों का अच्छे से जांच परख करने के बाद ही शिवलिंग को अपने घर में रखना चाहिए। अगर इन नियमों का पालन नहीं हो पाया तो शिवलिंग रखने से फायदा कम नुकसान ज्यादा हो सकता है।

अब बहुत से लोग बोलेंगे शिवलिंग को घर में रखने से क्या नुकसान हो सकता है दोस्तों हम भी घर में पानी रखते हैं जो हमें पीने के लिए इस्तेमाल होता है लेकिन पानी रखने का कुछ नियम होता है यह नहीं कि पूरे समुद्र को उठाया और अपने घर में रख दिया अगर पूरे समुद्र के पानी को लाकर हम अपने घर में रख देंगे हमें फायदा कम नुकसान ज्यादा होगा ठीक इसी तरीके से शिवलिंग के लिए भी कुछ नियम है और उन नियमों का पालन करने के बाद ही भगवान शंकर के प्रतीक शिवलिंग को घर में रखना चाहिए।

सबसे जरूरी बात है कि घर में कभी भी बहुत बड़े शिवलिंग की स्थापना नहीं करनी चाहिए. घर के मंदिर में रखे जाने वाले शिवलिंग का आकार अंगूठे से बड़ा नहीं होना चाहिए. किसी विशेष परिस्थितियां में घर के वास्तु के अनुसार ही शिवलिंग की स्थापनी करना चाहिए. 
शास्त्रों के अनुसार, शिवलिंग घर में अलग और मंदिर में अलग तरह से स्थापित करना चाहिए. शिवलिंग की वेदी का मुख उत्तर दिशा की तरफ ही होना चाहिए. घर में स्थापित शिवलिंग बहुत ज्यादा बड़ा ना हो. ये ज्यादा से ज्यादा 6 इंच का होना चाहिए. जबकि मंदिर में कितना भी बड़ा शिवलिंग स्थापित कर सकते हैं.

अगर कोई व्यक्ति शिवलिंग को घर में स्थापित करता है तो यह ध्यान रखें कि जब भी भगवान शंकर की प्रतिमा शिवलिंग को घर में स्थापित कराया जाता है तो उसकी प्राण प्रतिष्ठा नहीं करवाई जाती है और जिस घर में शिवलिंग रखा जाता है वहां पर शिवलिंग की नियमित पूजा होनी चाहिए तथा उनका अभिषेक होना चाहिए।

शिव पुराण में बताया गया है कि कभी भी शिवलिंग को अकेला नहीं रखना चाहिए जहां पर भी शिवलिंग रखें वहां पर भगवान शंकर के परिवार के बाकी सदस्यों की प्रतिमा भी होनी चाहिए। जहां पर भी शिवलिंग हो वहां पर माता पार्वती गणेश भगवान की मूर्ति कार्तिकेय भगवान की मूर्ति और नंदी जी की मूर्ति जरूर होनी चाहिए अगर मूर्ति संभव ना हो तो फोटो भी वहां पर रख सकते हैं।

घर में कभी भी एक से ज्यादा शिवलिंग नहीं रखना चाहिए अगर किसी के पास एक से ज्यादा शिवलिंग है तो फौरन ही एक को छोड़कर बाकी शिवलिंग को किसी मंदिर में स्थापित करवा दें या फिर नदी में उन्हें प्रवाहित कर दें।

जहां पर भी शिवलिंग को स्थापित करें वहां पर साफ सफाई का विशेष ध्यान देना चाहिए। शिवलिंग को अभिषेक करने के लिए जो भी बर्तन इस्तेमाल हो वह नियमित रूप से साफ होने चाहिए।

घर में धातु का बना हुआ शिवलिंग रखना चाहते हैं तो ध्यान रखें की शिवलिंग चांदी, सोने  या फिर तांबे का बना होना चाहिए। इसके अलावा शिवलिंग में हमेशा एक नाग भी लिपटा रहना चाहिए।

घर में स्थापित करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण और शुभ फल देने वाले शिवलिंग नर्मदा नदी की तलहटी से उठाए हुए शिवलिंग को माना गया।

घर में स्थापित शिवलिंग पर या फिर भगवान शंकर की किसी तस्वीर पर कभी भी केतकी का फूल तुलसी सिंदूर और हल्दी कभी नहीं चढ़ाने चाहिए।

घर में शिवलिंग को पूजा घर में ही रखना चाहिए। कुछ लोग शिवलिंग को बेडरूम में बने किसी छोटे से लकड़ी के मंदिर में रख लेते हैं यह बिल्कुल भी गलत है। अगर आप शिवलिंग रखना चाहते हैं तो वह एक पूजा घर में स्थापित किया जा सकता है या फिर घर के आंगन में एक छोटा सा मंदिर बना कर वहां पर शिवलिंग को रख सकते हैं। 

शिवलिंग आमतौर पर घर से बाहर रखना चाहिए और खुले स्थान पर रखना चाहिए।
माना जाता है कि शिवलिंग से हर समय चुंबकीय ऊर्जा का संचार होता है, जोकि सभी लोगों के द्वारा नियंत्रित या सहन नहीं किया जा सकता, इसलिए उस उर्जा को नियंत्रित करने के लिए शिवलिंग के ऊपर हमेशा एक जलधारा रखनी चाहिए। इससे शिवलिंग से निकालने वाली ऊर्जा नियंत्रित होती है।

शिवलिंग की पूजा के नियम-

शिवलिंग पर जलीय पदार्थ को धारा बनाकर अर्पित करना चाहिए. ठोस पदार्थों को दोनों हाथों से अर्पित करना चाहिए. शिवलिंग पर कुछ भी अर्पित करने के बाद अंत में जल अर्पित जरूर करें. शिवलिंग पर तामसिक चीजें अर्पित नहीं करनी चाहिए. शिवलिंग पर कोई भी द्रव्य अर्पित करते समय एक खास मंत्र का उच्चारण करें. मंत्र है- 'ऊं नमः शंभवाय च,मयोभवाय च, नमः शंकराय च, मयस्कराय च, नमः शिवाय च, शिवतराय च'.

शिवलिंग पर क्या चढ़ाएं-क्या ना चढ़ाएं?

शिवजी की पूजा में जल और बेलपत्र का विशेष महत्व होता है. इन दोनों चीजों से शिवजी की विधिवत पूजा की जा सकती है. इसके अलावा कच्चा दूध, सुगंध, गन्ने का रस, चंदन से भी अभिषेक किया जा सकता है. शिवलिंग पर कभी भी सेमल, जूही, कदंब और केतकी के फूल अर्पित ना करें.

भूलकर भी न करें ये गलती-

कभी भी घर में अकेले शिवलिंग की स्थापना नहीं करनी चाहिए. उनके साथ  माता गौरी और गणेश जी की भी प्रतिमा होनी चाहिए. शिवलिंग को हमेशा खुली जगह पर स्थापति करें. इस बात का ध्यान रखें कि शिवलिंग पर हमेशा जलधारा बहती रहे. घर में शुवलिंग की स्तापना के बाद साफ सफाई को विशेष ध्यान रखना चाहिए. क्योकि शिव जी को साफ सफाई बहुत पसंद है.

Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.