जानिए शपथ ग्रहण से पहले क्या बोले योगी आदित्यनाथ, 37 साल बाद फिर रचेगा इतिहास
योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी विधायक दल का सर्वसम्मति से नेता चुने जाने के बाद कहा कि वह उन्हें फिर से मिली जिम्मेदारी को बिना रुके, बिना थके पूरी ईमानदारी से निभाएंगे। मंत्रिमंडल में पश्चिम से पूरब तक अगड़े, पिछड़े, दलित और अति दलित वर्ग को प्रतिनिधित्व देने की चर्चा है। वहीं युवाओं को मौका देकर पार्टी नई लीडरशिप का रोडमैप भी तैयार करेगी। वहीं महिलाओं की संख्या भी बढ़ाई जा सकती है।
आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह सहित भाजपा के सभी मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में होंगे। महंत योगी आदित्यनाथ दूसरी बार मुख्यमंत्री जो बन रहे हैं। न्योता अखिलेश, सोनिया, राहुल, प्रियंका और अन्य नेताओ को भी है, लेकिन वो आएंगे या नहीं, ये तय नहीं है। योगी आदित्यनाथ के साथ मंत्रिमंडल में 45 से 47 मंत्री शपथ ले सकते है। इनमें करीब 24 से अधिक कैबिनेट, 10 से अधिक राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और करीब 12 से अधिक राज्यमंत्री शामिल हो सकते है। इनमें 15 से अधिक नए चेहरे भी हो सकते हैं। मंत्रिमंडल में पश्चिम से पूरब तक अगड़े, पिछड़े, दलित और अति दलित वर्ग को प्रतिनिधित्व देने की चर्चा है। वहीं युवाओं को मौका देकर पार्टी नई लीडरशिप का रोडमैप भी तैयार करेगी। वहीं महिलाओं की संख्या भी बढ़ाई जा सकती है।
योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी विधायक दल का सर्वसम्मति से नेता चुने जाने के बाद कहा कि वह उन्हें फिर से मिली जिम्मेदारी को बिना रुके, बिना थके पूरी ईमानदारी से निभाएंगे। योगी ने अपने संबोधन में कहा, ‘आज पार्टी ने मुझे फिर से जिम्मेदारी दी है।’ ‘मैं फिर से वचन देता हूं कि हम बिना डिगे, बिना थके, बिना रुके प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप उत्तर प्रदेश की 25 करोड़ जनता को जनार्दन मानकर उनकी सेवा के लिए पूरी ईमानदारी और तत्परता के साथ समर्पित भाव से काम करेंगे। हमारा पूरा विधायक दल इस अभियान का साक्षी बने और एक टीम के साथ तौर पर काम करता दिखे। हम शासन में आते हैं तो मालिक बनने की भूल कभी ना करें। हम सेवक बनकर काम करें। हमारी भूमिका व्यवस्था के संरक्षक के रूप में है।’
अपनी बात आगे बढ़ते हुए योगी ने कहा, ‘पार्टी ने 2017 में मुझ पर विश्वास किया था। तब मैं विधायक भी नहीं था। एक सामान्य सांसद था। मेरे पास कोई प्रशासनिक अनुभव नहीं था। हम तो अनगढ़ लोग थे। हमें कोई जानकारी नहीं थी। एक सांसद अपनी बात संसद में रख सकता है लेकिन प्रशासनिक व्यवस्था कैसे संभालना है, बिना भेदभाव के सरकारी योजनाओं का लाभ सभी तक कैसे पहुंचाया जाए यह एक बड़ी जिम्मेदारी होती है और इस दिशा में मुझे प्रधानमंत्री और गृह मंत्री का एक अभिभावक के तौर पर मार्गदर्शन समय-समय पर मिलता रहा। पार्टी की जो व्यवस्था होगी उसके तहत हम पूरी ईमानदारी और तत्परता के साथ अपने कर्तव्य का निर्वहन करेंगे। उत्तर प्रदेश में प्रत्येक व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाना बहुत बड़ा काम है। पहले कुशासन को सुशासन तक लाना था अब सुशासन को और सुदृढ़ कैसे बनाएं, हमारा जोर इसपर रहेगा। पार्टी ने लोक संकल्प पत्र चुनाव से पहले जारी किया है। अन्नदाता किसानों, माताओं और बहनों और युवाओं समेत समाज के सभी वर्गों के कल्याण के लिए अभी बहुत कुछ हासिल करना बाकी है।’