जानिए क्या जवाब दिया मोदी ने, जब उनसे पूछा गया, 'दो बार पीएम बन चुके है और क्या चाहिए?'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष के एक बड़े नेता से जुड़ा किस्सा सुनाया। प्रधानमंत्री ने बताया कि एक दिन विपक्ष के एक ‘‘बहुत बड़े नेता’’ उनसे मिलने आए थे और उन्होंने उनसे कहा था कि ‘‘मोदी जी ये क्या करना है। दो दो बार आपको देश ने प्रधानमंत्री बना दिया। अब क्या करना है।’’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि भले ही वह दो बार देश के प्रधानमंत्री बन गए हों लेकिन उनका इरादा ‘‘आराम’’ करने का नहीं है, बल्कि उनका सपना सरकारी योजनाओं का शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल करना है और इसके लिए वह नए संकल्पों और नई ऊर्जा से जुट जाने की तैयारी में हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को गुजरात के भरूच में लोगों से बात कर रहे थे। 'उत्कर्ष समारोह' में शामिल होते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष के एक बड़े नेता से जुड़ा किस्सा सुनाया। प्रधानमंत्री ने बताया कि एक दिन विपक्ष के एक ‘‘बहुत बड़े नेता’’ उनसे मिलने आए थे और उन्होंने उनसे कहा था कि ‘‘मोदी जी ये क्या करना है। दो दो बार आपको देश ने प्रधानमंत्री बना दिया। अब क्या करना है।’’ वैसे राजनीतिक रूप से हमारा विरोध भी करते रहे हैं मगर मैं उनका आदर करता हूं। तो कुछ बातों के कारण उनको थोड़ा सा राजी-नाराजगी थी तो एक दिन मिलने आए। कहा कि मोदी जी ये क्या करना है... दो-दो बार देश ने आपको प्रधानमंत्री बना दिया... अब क्या करना है...? उनको लगता था कि दो बार प्रधानमंत्री बन गया तो बहुत कुछ हो गया। उनको पता नहीं है कि मोदी किसी अलग मिट्टी का है। ये गुजरात की धरती ने उसको तैयार किया है।' प्रधानमंत्रीमोदी ने कहा, 'मेरा सपना है सैचुरेशन... शत-प्रतिशत लक्ष्य की तरफ हम आगे बढ़ें। और अब सरकारी मशीनरी को भी इसकी आदत डालनी है।'
मोदी ने आगे कहा, '2014 में जब आपने हमें सेवा का मौका दिया था तो देश की करीब-करीब आधी आबादी शौचालय की सुविधा से, टीकाकरण की सुविधा से, बिजली कनेक्शन की सुविधा से, बैंक अकाउंट की सुविधा से वंचित थी। सभी के प्रयासों से अनेक योजनाओं को शत प्रतिशत सैचुरेशन के करीब ला पाए हैं। देश ने संकल्प लिया है शत प्रतिशत लाभार्थियों तक पहुंचने का। जब शत प्रतिशत पहुंचते हैं तब सबसे पहला मनोवैज्ञानिक परिवर्तन आता है वो बहुत महत्वपूर्ण है। उसमें देश का नागरिक याचक की अवस्था से बाहर निकल जाता है।' उन्होंने कहा, 'मैंने पहले भी कहा कि ऐसे काम कठिन होते हैं, राजनेता भी उन पर हाथ लगाने से डरते हैं। लेकिन मैं राजनीति करने के लिए नहीं, देशवासियों की सेवा करने के लिए आया हूं। देश ने संकल्प लिया है, शत-प्रतिशत लाभार्थियों तक पहुंचने का।'
प्रधानमंत्री ने यह किस्सा सुनाते समय किसी नेता के नाम का जिक्र नहीं किया, लेकिन उनका ये बयान बीते महीने एनसीपी प्रमुख शरद पवार से दिल्ली में मुलाकात के बाद आया है। शिवसेना नेता संजय राउत और उप मुख्यमंत्री अजित पवार के परिवार के सदस्यों पर ईडी की कार्रवाई के बाद पवार की मुलाकात प्रधानमंत्री मोदी से हुई थी। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि इस बैठक में पवार ने इन मुद्दों को उठाया था।
प्रधानमंत्री ने आह्वान किया, एक बार फिर हम सभी को जरूरतमंदों तक पहुंचने और उनका हक दिलाने की जरूरत है। यह एक मुश्किल काम है और कई राजनेता ऐसा करने से दूर रहते हैं, लेकिन मैं यहां लोगों की सेवा करने के लिए आया हूं राजनीति करने नहीं। मोदी ने पूर्व सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा, 2014 से पहले देश में लागू की गई सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का सीमित कवरेज और प्रभाव था। 2014 के बाद एनडीए सरकार ने इन योजनाओं को विस्तार दिया। अब करीब 50 करोड़ जनता 5 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा ले रही है। करोड़ों लोगों को जीवन बीमा मिला, बुजुर्गों को पेंशन मिली।