जानिए, कौन कौन से फूल पत्तियों को नवरात्री पूजन में माता को अर्पण और शृंगार में प्रयोग करे
नौ दिनों तक मां की कृपा प्राप्त करने हेतु व्रत और पूजन के दौरान पुष्प अर्पित करने का विशेष महत्व बताया गया है। इन फूलो को माता के पूजन और उनके आशीर्वाद प्रसन्नता के लिए प्रयोग किया जा सकता है.
चैत्र मास की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से आरंभ होने वाली चैत्र नवरात्रि को बासंती नवरात्रि भी कहा जाता है। नौ दिन की पूजा का ये विशेष अनुष्ठान मां आदिशक्ति भवानी की पूजा करने के लिए बहुत ही खास होतर है। नौ दिन तक नौ स्वरूपा दुर्गा माता के शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री देवी स्वरूप की पूजा करने का विधान है।
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नौ दिनों तक मां की कृपा प्राप्त करने हेतु व्रत और पूजन के दौरान पुष्प अर्पित करने का विशेष महत्व बताया गया है। इन फूलो को माता के पूजन और उनके आशीर्वाद प्रसन्नता के लिए प्रयोग किया जा सकता है. पत्र पुष्प शिव जी को अर्पित माता को अपामार्ग प्रिय है,
सभी प्रकार के लाल फूल सुगन्धित सफ़ेद फूल चमेली गुलाब गुड़हल गेंदा केसर केसर बेला श्वेत और लाल फूल श्वेत कमल पलाश तगर अशोक चंपा मौलसिरी कुंड लोध लाल कनेर शीशम अपराजिता शंखपुष्पी
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इन पत्तियों को माता के पूजन और उनके आशीर्वाद प्रसन्नता के लिए प्रयोग किया जा सकता है
शमी
अशोक
कर्णिकार
कनियर या अमलतास
गुमा
दोपहरिया
अगस्त
मदन
सिंदुवार
शल्लकी
माधव
कुशकी
मंजरिया
बिल्बपत्र
केवड़ा
कदम्ब
भटकटैया
कमल के फूल
जय माता दी !!
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