जानिए क्यों सोनिया और राहुल, ED के सवालों पर कांग्रेस के इस नेता पर ठीकरा फोड़ रहे है
जांच एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक कई सवालों पर राहुल और सोनिया ने कांग्रेस के दिवंगत नेता का नाम लिया है। दोनों ने ईडी अफसरों से कहा है कि वाईआईएल और एजेएल के बीच सभी वित्तीय लेन-देन की जिम्मेदारी मोतीलाल वोरा की थी।
‘ये तो मोतीलाल वोरा जी को पता था।’ ये जवाब नेशनल हेराल्ड केस में ईडी के तमाम सवालों पर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने दिया। अब सवाल ये है कि पार्टी के दिवंगत नेता और ट्रेजरार रहे मोतीलाल वोरा का नाम आखिर सोनिया और राहुल क्यों ले रहे हैं? क्या ये ईडी के शिकंजे से बचने की कवायद है? इन सवालों के बारे में तो जांच एजेंसी ही बेहतर बता सकती है, लेकिन खास बात ये है कि मोतीलाल वोरा अब दुनिया में रहे नहीं। ऐसे में जांच एजेंसी उनसे ये पूछ नहीं सकती कि मामले में उनकी भूमिका क्या रही और लेन-देन इस तरह क्यों किया गया।
प्रवर्तन निदेशालय ED ने नेशनल हेराल्ड मामले में पहले 5 दिन तक राहुल गांधी से पूछताछ की थी। अब सोनिया से पूछताछ चल रही है। जांच एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक कई सवालों पर राहुल और सोनिया ने कांग्रेस के दिवंगत नेता का नाम लिया है। यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड YIL और एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड AJL के बीच लेन-देन के बारे में पूछने पर कांग्रेस के दोनों नेताओं का यही जवाब होता है। दोनों ने ईडी अफसरों से कहा है कि वाईआईएल और एजेएल के बीच सभी वित्तीय लेन-देन की जिम्मेदारी मोतीलाल वोरा की थी। बता दें कि महज 50 लाख रुपए देकर वाईआईएल ने एजेएल के सारे शेयर ले लिए और उसपर चढ़ा 90 करोड़ का कर्ज माफ कर दिया था।
सोनिया गांधी से ईडी की पूछताछ में एक बार फिर कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा का नाम उछला है। नैशनल हेरल्ड न्यूजपेपर से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के दूसरे दिन ईडी के कुछ सवालों के जवाब में सोनिया गांधी ने 'नहीं मालूम' में उत्तर दिया है। ईडी के सूत्र बताते हैं कि सोनिया ने पूछताछ में मोतीलाल वोरा का नाम लिया। एजेएल और यंग इंडियन के बीच हुए सौदे को लेकर ये सवाल थे। इस सौदे के तहत एजेएल की 800 करोड़ रुपये की संपत्तियों को यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड को ट्रांसफर किया गया था। इस कंपनी में सोनिया और राहुल प्रमोटर हैं। इनकी कंपनी में 38-38 फीसदी हिस्सेदारी है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने पूछताछ के दौरान बताया है कि सौदे के वक्त मोतीलाल वोरा ट्रेजरर थे। कांग्रेस, एजेएल और यंग इंडियन के बीच ट्रांजैक्शन के ब्योरे के बारे में सिर्फ उन्हें ही पता है। इसके पहले राहुल गांधी भी ईडी से पूछताछ में मोतीलाल वोरा का नाम ले चुके हैं। यही स्टैंड कांग्रेस के अन्य नेताओं का भी रहा है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और ट्रेजरर पवन कुमार बंसल से भी जब एजेंसी ने पूछताछ की थी तब उन्होंने यही बात कही थी।
वाईआईएल के शेयर होल्डर्स में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस थे। वोरा और फर्नांडिस का निधन हो चुका है। ऐसे में ईडी अब सोनिया और राहुल से पूछताछ कर रही है। ईडी के अफसर जानना चाहते हैं कि कांग्रेस से वाईआईएल और फिर एजेएल तक रकम किस तरह पहुंची। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि कुछ रकम कैश और कुछ चेक के जरिए दी गई थी। ईडी ये भी जानना चाहता है कि एजेएल की जो संपत्ति गांधी परिवार ने वाईआईएल के तहत ले ली, उसका क्या इस्तेमाल हो रहा है। इसके अलावा जांच एजेंसी ये भी जानना चाहती है कि वाईआईएल कौन से चैरिटी के काम कर चुका है और कर रहा है। क्योंकि यूपीए सरकार के दौर में वाईआईएल को इसी वास्ते इनकम टैक्स छूट दी गई थी।
हालांकि, राहुल के साथ पूछताछ में मोतीलाल वोरा का नाम चर्चा में आने पर दिवंगत नेता के बेटे अरुण वोरा की प्रतिक्रिया आई थी। उन्होंने पिता के नाम पर कोई शेयर होने से साफ इनकार किया था। उन्होंने बताया था कि नैशनल हेरल्ड के संबंध में उन्हें किसी तरह की कोई जानकारी नहीं है। उनकी इस मामले में पिता के साथ न तो कभी किसी तरह की बात हुई न उन्होंने ही कोई जानकारी दी। अरुण वोरा यह भी बोले थे कि राहुल गांधी ऐसे आरोप नहीं लगा सकते हैं। इस तरह के आरोप बेबुनियाद हैं। एजेएल वही कंपनी है जिसके पास नैशनल हेरल्ड (अंग्रेजी), नवजीवन (हिंदी) और कौमी आवाज (उर्दू) के प्रकाशन का अधिकार था। इसकी नींव देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने रखी थी। इस कंपनी को देश के कई राज्यों में सरकार की ओर से जमीन आवंटित की गई थीं।