LS-Election-2024 यूपी से होगी मिशन 2024 की शुरुआत, बैक टू बेसिक की राह पर चलेगी बीजेपी

मिशन 2024 को लेकर यूपी में सियासत तेज हो गई है. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यूपी बीजेपी की कमान संभाल ली है। बताया जा रहा है कि गृह मंत्री अपने दौरे पर चुनावी तैयारियों व संगठन में कसावट लाने का संदेश देंगे। पिछले लोकसभा चुनाव में हारी हुई सीटों पर उनका विशेष जोर है। इसके लिए वह इन सीटों के बड़े नेताओं के साथ वन टू वन चर्चा भी कर सकते हैं।

LS-Election-2024 यूपी से होगी मिशन 2024 की शुरुआत, बैक टू बेसिक की राह पर चलेगी बीजेपी

लोकसभा के चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आते जा रहे हैं सभी राजनीतिक दल अपने अपने हिसाब से चुनावी तीर कमान संभाल कर मैदान में उतर रहे हैं। इस कड़ी में जहां कांग्रेस पार्टी ने नफरत और मोहब्बत को अपना सबसे बड़ा हथियार बनाकर चुनावी मैदान में उतर कर आगाज किया है। वहीं भारतीय जनता पार्टी ने भी अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर में भक्तों के लिए दर्शन की तारीख बता सियासी राह पर अपना इशारा स्पष्ट कर दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जिस तरीके से चुनाव नजदीक आ रहे हैं उसी तरह राजनैतिक पार्टियां अपने चुनावी एजेंडे स्पष्ट करती जा रही है।  

मिशन 2024 को लेकर यूपी में सियासत तेज हो गई है. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यूपी बीजेपी की कमान संभाल ली है।  जहां 20 जनवरी को जेपी नड्डा जौनपुर और गाजीपुर में रैली करेंगे तो वहीं 30 जनवरी को सहारनपुर में अमित शाह रैली करेंगे। इस दौरान वह अंबेडकर नगर के दौरे पर भी जा सकते हैं। बताया जा रहा है कि गृह मंत्री अपने दौरे पर चुनावी तैयारियों व संगठन में कसावट लाने का संदेश देंगे। पिछले लोकसभा चुनाव में हारी हुई सीटों पर उनका विशेष जोर है।  इसके लिए वह इन सीटों के बड़े नेताओं के साथ वन टू वन चर्चा भी कर सकते हैं।  भाजपा ने मिशन 80 यानी 2024 में लोकसभा की सभी सीटें जीतने का लक्ष्य बनाया है।  इसे लेकर अब केंद्र के मंत्री यूपी के अलग-अलग जिलों में प्रवास भी करेंगे। 

दरअसल बीजेपी को यह पता है कि दिल्ली की सत्ता तक पहुंचने की राह यूपी से होकर ही गुजरती है।  2014 और 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी को सबसे अधिक सीटें उत्तर प्रदेश से भी मिली थी। यही वजह है मिशन 2024 के एक साल पहले से बीजेपी एक्टिव हो गई है। 

राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि जिस तरीके से काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और उज्जैन के महाकाल महालोक का भव्यतम तरीके से शुभारंभ किया वह न सिर्फ देश बल्कि पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना। इसी तरह राम मंदिर के तारीख की घोषणा करके भी स्पष्ट तौर पर संदेश दिया जा चुका है। राजनीतिक विश्लेषक देवेश राजपूत कहते हैं कि केंद्र सरकार तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्धन अभियान (प्रसाद) योजना के तहत देश के अलग-अलग राज्यों के तीर्थ स्थलों का काया कल्प कर रही है। इस योजना के तहत नॉर्थ ईस्ट के कई मंदिर और तीर्थ स्थलों का भी पुनरुद्धार और कायाकल्प किया जा रहा है। इसमें अरुणाचल प्रदेश का परशुराम कुंड भी शामिल है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले साल 23 मई को कुंड में ऋषि परशुराम की 51 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमा की नींव रखी थी। प्रसाद योजना के तहत परशुराम कुंड के लिए केंद्र सरकार ने 3787.74 लाख रुपये परशुराम कुंड जीर्णोद्धार और विकास के लिए जारी किए हैं। अरुणाचल प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हीरोन रिमझे कहते हैं कि इस साल नवंबर तक यहां का पूरा काम हो जाएगा। 

सियासी जानकारों का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी अपनी सरकारों में कराए जाने वाले विकास के कार्य और हिंदुत्व के मुद्दे को पीछे रख भी नहीं सकती। भारतीय जनता पार्टी के एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि पार्टी हिंदुत्व और विकास की बात शुरुआत से करती आई है। वह कहते हैं कि हमारे आस्था के प्रतीकों, मंदिरों और संत महात्माओं की धरती को अगर हमारी सरकारें सुव्यवस्थित करके वापस उसको उसी तरह लेकर आ रही है तो इसमें बुराई क्या है। पार्टी के उक्त नेता का कहना है कि अन्य राजनैतिक दलों के लिए ये सब राजनीतिक मुद्दे हो सकते हैं लेकिन भारतीय जनता पार्टी से जुड़े एक एक व्यक्ति के लिए हमारी सनातन परंपरा और आस्था के प्रतीक हैं। जिन को सजाना संवारना और बचाना हर भारतीय का कर्तव्य है।