जन्माष्टमी पर घर ला आ रहे हैं लड्डू गोपाल, तो जान लें पूजा से जुड़े जरूरी नियम
मान्यता है कि जिस घर में लड्डू गोपाल रहते हैं वहां खुशहाली के साथ धन, वैभव और ऐश्वर्य की आता है. ऐसे में अगर आप भी इस जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल को घर लाना चाहते हैं तो कुछ नियमों को जानना जरूरी है. अगर आपके घर में बालगोपाल पहले से ही हैं तो भी इन नियमों को मानना जरूरी है. आइए जानते हैं बाल गोपाल से जुड़े जरूरी नियम
हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है. मान्यता है कि इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था.
जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण के बाल रूप लड्डू गोपाल की पूजा की जाती है. इस दिन पूरे विधि-विधान से बाल गोपाल की पूजा होती है. इस साल जन्माष्टमी 6 और 7 सितंबर को मनाई जाएगी. ऐसे में कई लोग अपने घर में बाल गोपाल लाने की सोच रहे होंगे.
मान्यता है कि जिस घर में लड्डू गोपाल रहते हैं वहां खुशहाली के साथ धन, वैभव और ऐश्वर्य की आता है. ऐसे में अगर आप भी इस जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल को घर लाना चाहते हैं तो कुछ नियमों को जानना जरूरी है. अगर आपके घर में बालगोपाल पहले से ही हैं तो भी इन नियमों को मानना जरूरी है. आइए जानते हैं बाल गोपाल से जुड़े जरूरी नियम...
1. रोज कराएं स्नान
लड्डू गोपाल श्रीकृष्ण का बाल स्वरूप हैं, ऐसे में उनका भी एक छोटे बच्चे की तरह ख्याल रखना होता है. उन्हें भी नियमित रूप से स्नान कराना चाहिए. लड्डू गोपाल को शंख में दूध, दही, गंगाजल और घी डालकर रोजाना स्नान कराना चाहिए.
2. रोज बदलें कपड़े
स्नान कराने के बाद रोजाना लड्डू गोपाल के वस्त्र बदलें. एक बच्चे की तरह अच्छे से तैयार करें. उन्हें चंदन का टीका लगाए. उनका श्रृंगार करें. कान की बाली, कलाई में कड़ा, हाथों में बांसुरी और मोरपंख लगाना ना भूलें. लड्डू गोपाल को हमेशा मौसम के अनुसार ही वस्त्र पहनाएं. जैसे- ठंड़ी के मौसम में गर्म कपड़े ही पहनाएं.
3. चार बार लगाएं भोग
माना जाता है कि जिस तरह एक छोटे बच्चों को बार-बार भूख लगती है, ठीक वैसे ही लड्डू गोपाल को भी भूख लगती है. यही वजह है कि उन्हें भी बच्चे की समय-समय पर भोजन कराना अनिवार्य है. ऐसे में बाल गोपाल को रोजाना 4 बार अलग-अलग भोग लगाएं. ध्यान रहे कि भोग में सात्विक भोजन ही शामिल करें. बाल गोपाल को उनका मनपंसद माखन-मिश्री का भोग लगाएं. इसके अलावा बूंदी के लड्डू, खीर और हलवे का भी भोग लगा सकते हैं.
4. नियमित रूप से करें पूजा
लड्डू गोपाल की नियमित रूप से पूजा करें. उनकी आरती उतारें. दिन में चार बार बाल गोपाल की आरती करना अनिवार्य है.
5. झूला झुलाने ना भूलें
संध्या आरती के बाद लड्डू गोपाल भोग लगाएं. इसके बाद लोरी गाते हुए झूला झुलाएं. रात को लड्डू गोपाल को सुलाने के बाद ही सोएं. झूले में लगे परदे को बंद करना ना भूले.
6. घर पर अकेला ना छोड़ें
लड्डू गोपाल को घर का सबसे छोटा सदस्य माना जाता है इसलिए उनका ख्याल भी आपको एक बच्चे की तरह ही रखना होता है. जैसे घर के छोटे बच्चे को कभी अकेला नहीं छोड़ते हैं वैसे ही बाल गोपाल को कभी अकेला न छोड़ें. अगर आप लंबे समय के लिए कहीं जा रहे हैं, तो उन्हें साथ लेकर जाएं. ऐसा संभव ना होने की स्थिति में अपने पड़ोसी या रिश्तेदार को घर की चाभी और लड्डू गोपाल की जिम्मेदारी सौंप कर जाएं.