लखीमपुर कांड- बेटियों को भेड़ियों की तरह झपट्टा मारकर ले गए दरिंदे, जानिए दोनों लड़कियों की मां की आंखोदेखी
बुधवार शाम करीब छह बजे अनुसूचित जाति की दो सगी बहनों के शव पेड़ से लटके मिले। मृतक लड़कियों की मां का आरोप है कि बुधवार दोपहर 3 युवक उसकी बेटियों को उठाकर ले गए और फिर हत्या कर शव पेड़ से लटका दिए। महिला ने कहा, बेटियों को उनके चंगुल से छुड़ाने के लिए वो उनसे भिड़ी तो उसे धक्का दे दिया और भेड़ियों की तरह बाइक पर टांग ले गए।
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के निघासन थाना इलाके के एक गांव में बुधवार शाम करीब छह बजे अनुसूचित जाति की दो सगी बहनों के शव पेड़ से लटके मिले। मृतक लड़कियों की मां का आरोप है कि बुधवार दोपहर 3 युवक उसकी बेटियों को उठाकर ले गए और फिर हत्या कर शव पेड़ से लटका दिए। यह घटना निघासन थाना इलाके के तमोलीन गांव की है. शव मिलने के बाद लोगों ने सड़क को जाम कर दिया और आरोपियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी की मांग को लेकर पुलिस मुर्दाबाद के नारे भी लगाए. इस दौरान एसपी संजीव सुमन से भी भीड़ की बहस भी हो गई।
लड़कियों की मां ने पड़ोस के गांव के रहने वाले तीन युवकों पर उसकी बेटियों को अगवा कर उनकी हत्या करने का आरोप लगाया है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।
दोनों लड़कियां दलित समुदाय की थीं। इस मामले में चार लोगों को हिरासत में लिया गया है। इसमें एक नामजद और तीन अज्ञात हैं। इन पर पॉक्सो एक्ट के तहत रेप और हत्या की धाराएं लगाई गई हैं। दोनों नाबालिग लड़कियों का शव लखीमपुर मुख्यालय के पोस्टमार्टम हाउस पहुंच गया है जहां डॉक्टरों का पैनल पोस्टमार्टम करेगा। पैनल में महिला डॉक्टर भी शामिल होंगी। पूरे पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी. पुलिस को इस मामले में परिजनों की तरफ से तहरीर का इंतजार है ।
मृतक लड़कियों की मां ने इस घटना को लेकर जो बयान दिया, उसे सुनकर आप हैरान हो जाएंगे। दोनों मृत बहनों की मां ने बताया, 15 साल और 17 साल की अपनी दोनों बेटियों के साथ बुधवार की दोपहर को वह घर के बाहर बैठी हुई थी। कुछ देर बाद बेटियों को बाहर छोड़कर वो कपड़े डालने के लिए घर के अंदर चली गईं और उसी वक्त बाइक सवार तीन युवक वहां पहुंच गए। मृतक दोनों दलित बहनों की मां ने कहा, 'हम जैसे ही अंदर गए, तभी पीली शर्ट और सफेद शर्ट पहने दो लड़के उनकी बेटियों को घसीटने लगे जबकि नीली शर्ट पहने युवक ने गाड़ी स्टार्ट की और फिर तीनों लोग लड़कियों को लेकर फरार हो गए। महिला ने कहा, बेटियों को उनके चंगुल से छुड़ाने के लिए वो उनसे भिड़ी तो उसे धक्का दे दिया और भेड़ियों की तरह बाइक पर टांग ले गए। मां के शोर मचाने पर इकट्ठा हुए ग्रामीणों ने तलाश शुरू की तो 48 मिनट बाद 5 बजकर 48 मिनट पर गांव से करीब 700 मीटर की दूरी पर गन्ने के खेत में लगे खैर के पेड़ में दुपट्टे से लटके दोनों के शव मिले।
घटना के करीब पौन घंटे बाद बेटियों का खेत में फंदे से लटकते हुए शव देख मां-बाप पछाड़ खाकर जमीन पर गिर गए। मृतका की मां ने बताया कि बताया कि पड़ोसी गांव के तीनों आरोपी पड़ोस के एक घर में अक्सर आते-जाते थे और घर के आसपास चक्कर काटते थे। उसे उम्मीद न थी कि ऐसा भी हो सकता है। अनुसूचित जाति के परिवार का घर गांव के उत्तरी छोर पर घर है, जहां से गन्ने के खेत शुरू हो जाते हैं। गांव की बस्ती थोड़ी दूरी पर है। बुधवार की शाम को बेटियों का पिता धान काटने गया था। घर पर उसकी बीमार पत्नी और दो नाबालिग बेटियां थीं। वह दोनों बेटियों को पढ़ा-लिखाकर शिक्षक बनाना चाहती थी। घर की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए दो भाई दिल्ली में मजदूरी करते हैं। बताया कि बड़ी बेटी हाईस्कूल तो छोटी बेटी आठवीं में पढ़ती थी।
इस घटना को लेकर एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि आईजी रेंज लखनऊ लक्ष्मी सिंह मौके पर हैं। पीड़ित परिवार की तहरीर के आधार पर केस दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने कहा, 'दोनों बच्चियों के शव का पोस्टमार्टम करवाया जाएगा। ' बता दें कि इस मामले के बाद यूपी में राजनीति भी गरमा गई है और समाजवादी पार्टी प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमलावर हो गई है।
इस बीच समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर राज्य सरकार को घेरा. अखिलेश यादव ने इस घटना की तुलना हाथरस कांड से करते हुए ट्वीट किया, 'निघासन पुलिस थाना क्षेत्र में दो दलित बहनों को अगवा करने के बाद उनकी हत्या और उसके बाद पुलिस पर पिता का ये आरोप बेहद गंभीर है कि बिना पंचनामा और सहमति के उनका पोस्टमॉर्टम किया गया. लखीमपुर में किसानों के बाद अब दलितों की हत्या ‘हाथरस की बेटी’ हत्याकांड की जघन्य पुनरावृत्ति है.'
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने कहा, 'लखीमपुर में दो बहनों की हत्या की घटना दिल दहलाने वाली है. परिजनों का कहना है कि उन लड़कियों का दिनदहाड़े अपहरण किया गया था. रोज अखबारों व टीवी में झूठे विज्ञापन देने से कानून व्यवस्था अच्छी नहीं हो जाती. आखिर उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ जघन्य अपराध क्यों बढ़ते जा रहे हैं? कब जागेगी सरकार?'