Maghi Purnima के पुण्य योग में लाखों श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी-हरिद्वार में लगाई आस्था की डुबकी, कल्पवास आज हो जाएगा खत्म
अंतिम स्नान पर्व माघी पूर्णिमा पर रविवार को लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में पुण्य की डुबकी लगाई। हर-हर महादेव और हर-हर गंगे के उद्घोष से पूरा मेला गुंजायमान रहा। माघी पूर्णिमा स्नान से एक दिन पहले शनिवार को ही लाखों की संख्या में श्रद्धालु संगम की रेती पर पहुंच गए थे।
Maghi Purnima 2023 माघ मेला के अंतिम स्नान पर्व माघी पूर्णिमा स्नान पर आज सुबह चार बजे से ही पवित्र संगम में लाखों की संख्या में एकत्र हुए भक्त आस्था और पुण्य की डुबकी लगा रहे हैं। अंतिम स्नान पर्व माघी पूर्णिमा पर रविवार को लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में पुण्य की डुबकी लगाई। हर-हर महादेव और हर-हर गंगे के उद्घोष से पूरा मेला गुंजायमान रहा। डुबकी लगाने के लिए शनिवार की रात संगम पर लाखों श्रद्धालु पहुंच गए। माघ मेले के पांचवें स्नान पर्व पर हर तरफ से रेला उमड़ पड़ा। संगम समेत गंगा के घाटों पर आधी रात से ही डुबकी लगने लगी।
माघी पूर्णिमा स्नान से एक दिन पहले शनिवार को ही लाखों की संख्या में श्रद्धालु संगम की रेती पर पहुंच गए थे। प्रयागराज मेला प्राधिकरण का अनुमान है कि लगभग पांच-छह लाख श्रद्धालु पावन संगम में पुण्य की डुबकी लगाएंगे। इसके मद्देनजर ही मेला क्षेत्र में तैयारी और व्यवस्था की गई है। स्नान घाटों पर बोरियों से लेकर कांसा को दुरुस्त किया गया है। पांटून पुलों तथा सड़कों पर चकर्ड प्लेटों को भी व्यवस्थित कर दिया गया है।
माघी पूर्णिमा शनिवार की रात 9.30 बजे ही लग गई थी। रविवार की रात 11:58 बजे तक पूर्णिमा रहेगी। ऐसे में उदया तिथि में रविवार को ही माघी पूर्णिमा स्नान की मान्यता है। इस बार माघी पूर्णिमा पुष्य नक्षत्र में आरंभ हो रही है। रविवार को दिन में 10:45 से 12:12 बजे तक रवि पुष्य योग है। ऐसे में आयुष्मान , सौभाग्य और सर्वार्थ सिद्धि योग से युक्त माघी पूर्णिमा में पुण्य की डुबकी हर कामनाओं को पूर्ण करने वाली है।
कल्पवासियों के सामान आदि ले जाने वाले वाहन भी मेला क्षेत्र में पहुंच गए थे। रविवार को स्नान, दान और ध्यान के बाद कल्पवासियों की विदाई होगी। कल्पवासियों को लौटने के दौरान प्रमुख चौराहों पर जाम की स्थिति न बने इसके लिए अतिरिक्त मजिस्ट्रेटों की ड्यूटी लगाई गई है। पांटून पुलों को आने-जाने के लिए अलग कर दिया गया है। संगम समेत कुल 17 स्नान घाटों को व्यवस्थित कर दिया गया है।श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की दिक्कत न हो इसके लिए उच्चाधिकारियों ने बैठक कर मातहत अफसरों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।