प्यार, धोखा, क़त्ल फिर लाश के 20 टुकड़े, श्रद्धा-आफताब के इश्क की खूनी दास्तान से जुडी बड़ी बाते

दिल्ली में करीब 5 महीने पहले अपनी 26 वर्षीय लिव-इन पार्टनर श्रद्धा वाकर की हत्या और फिर शव को गायब करने का आरोपी आफताब अमीन पूनावाला को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

प्यार, धोखा, क़त्ल फिर लाश के 20 टुकड़े, श्रद्धा-आफताब के इश्क की खूनी दास्तान से जुडी बड़ी बाते

श्रद्धा विकास वॉकर हत्याकांड ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. दहला देने वाले श्रद्धा हत्याकांड में पुलिस की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है वैसे-वैसे एक के बाद एक नए खुलासे हो रहे हैं. लड़की अपने आशिक से शादी की जिद करती थी. लड़का हमेशा उसे बहला देता था. इसी बात को लेकर दोनों के बीच झगड़े होने लगे और अचानक एक दिन लड़की कहीं गायब हो गई. 6 महीने बाद जब लड़की का पता चला तो हर कोई सन्न रह गया. 

दिल्ली में करीब 5 महीने पहले अपनी 26 वर्षीय लिव-इन पार्टनर श्रद्धा वाकर की हत्या और फिर शव को गायब करने का आरोपी आफताब अमीन पूनावाला को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने आरोपी आफताब पर हत्या का केस दर्ज कर लिया है और श्रद्धा के शव को खोजा जा रहा है.आरोपी 28 साल का है और मुम्बई का रहने वाला है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आफताब ने श्रद्धा की हत्या कर उसकी शव के 35 टुकड़े किये थे और दिल्ली के अलग-अलग इलाके में फेंक दिए थे.

युवक आफताब अमीन पूनावाला ने सहमति संबंधों में रह रही युवती श्रृद्धा वाकर की हत्या कर उसके शव के करीब 35 टुकड़े कर दिए. उसने शव के टुकड़े घर के बाथरूम में किए और टुकड़ों को धोकर पॉलिथीन में पैक कर फ्रीज में रख दिया। वह पिट्टू बैग में शव एक टुकड़े को रखता था और जंगल में फेंक कर आता. इस तरह वह करीब 22 दिन शव के टुकड़ों को फेंकता रहा. वह 22 दिनों तक शव के साथ घर में रहा। वह हर रात दो बजे टुकड़ों को महरौली के जंगलों में फेंकने जाता था. महरौली पुलिस ने करीब छह महीने बाद जब आरोपी युवक को गिरफ्तार किया है तो उसने ये सनसनीखेज खुलासा किया। पुलिस ने युवती के शव को करीब 13 टुकड़े जो गाल कर सिर्फ हड्डियां बची हैं उनको बरामद कर लिया है. आरोपी युवक का कहना है कि दोनों एक-दूसरे पर संदेह करते थे. उसे शव को ठिकाने लगाने का आइडिया विदेशी क्राइम सीरियल डेक्सटर से आया था.

मामला कुछ ऐसा था कि 26 साल की श्रद्धा वाकर मुंबई के एक मल्टीनेशनल कंपनी में कॉल सेंटर में काम करती थी. वहीं श्रद्धा की आफताब अमीन से मुलाक़ात हुई. पहले दोनों के बीच दोस्ती हुई और फिर ये दोस्ती कब मोहब्बत में बदल गई, पता ही नहीं चला. वो दोनों एक दूसरे बेहद चाहते थे. दोनों ने साथ-साथ जिंदगी बिताने का फैसला कर लिया. और वे लिव-इन रिलेशन में रहने लगे. जब परिवार को इस रिश्ते के बारे में जानकारी हुई तो उन्होंने विरोध करना शुरू कर दिया. इस विरोध के बाद श्रद्धा और आफताब ने अचानक मुम्बई को छोड़ दिया था. इसके बाद वो महरौली के छतरपुर इलाके में रहने लगे. लड़की अपने आशिक से शादी की जिद करती थी. लड़का हमेशा उसे बहला देता था. इसी बात को लेकर दोनों के बीच झगड़े होने लगे और अचानक एक दिन लड़की कहीं गायब हो गयी.

जांच में सामने आया है कि कुछ समय बाद ही इनमें झगड़ा हो गया। ये एक-दूसरे पर संदेह करते थे। इस कारण इनमें झगड़ा होता रहता था. इनको लगा कि वह बाहर घूमने जाएंगे तो सब ठीक हो जाएगा। ये हिमाचल प्रदेश घूमने के बाद दिल्ली आ गए। 15 मई को इन्होंने छतरपुर, महरौली में किराए पर कमरा लिया। तीसरे दिन ही 18 मई को इनमें झगड़ा हो गया और आफताब ने एक हाथ से श्रद्धा का मुंह दबाया। जब श्रद्धा चिल्लाने लगी तो आरोपी ने दूसरे हाथ से उसकी गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद उसने शव को बाथरूम में रखा.

उसने शव के चापर से करीब 35 टुकड़े किए और फिर फ्रीज में रख दिए. वह रात दो बजे फ्रीज से एक शव का एक टुकड़ा निकलता और महरौली के जंगल में फेंक आता. इधर जब श्रद्धा सोशल मीडिया पर सक्रिय नहीं दिखी तो उसके दोस्तों ने अनहोनी की आशंका को लेकर पिता विकास वाकर को बताई। श्रद्धा वाकर के पिता ने बताया कि वह परिवार सहित महाराष्ट्र के पालघर में रहते हैं. जब वह 8 नवंबर को छतरपुर स्थित श्रद्धा के फ्लैट पर पहुंचे, जहां बेटी किराये पर रहती थी तो फ्लैट के दरवाजे पर ताला बंद मिला. विकास वाकर ने इसकी आठ नवंबर को महरौली पुलिस को शिकायत की.

टेक्निकल सर्विलांस की मदद से दिल्ली पुलिस आफताब की तलाश में जुट गई। इसके बाद पुलिस ने एक गुप्त सूचना के आधार पर आफताब को धर दबोचा। पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने बताया कि श्रद्धा उस पर लगातार शादी का दबाव बना रही थी, जिसको लेकर उनके बीच में अक्सर झगड़ा होना शुरू हो गया था। महरौली पुलिस ने महरौली दर्ज कर आफताब को छतरपुर से गिरफ्तार कर लिया। शुरू में वह पुलिस को ये कहकर गुमराह करता रहा कि झगड़ा होने के बाद श्रद्धा छोड़कर चली गई है. पुलिस ने उससे सख्ती से पूछताछ की तो उसने सच उगल दिया। आफताब को किसी तरह का पछतावा नहीं है. एडिशनल डीसीपी दक्षिण दिल्ली अंकित चौहान के अनुसार, दोनों अक्सर झगड़ते थे और यह विवाद कई बार आपे से बाहर हो जाता था। 18 मई को हुई घटना में आरोपी आफताब ने अपना आपा खो दिया और श्रद्धा का गला घोंट दिया।

आरोपी आफताब को पता था कि शव को घर में रखने से बदबू आएगी। इस कारण वह घर में हमेशा अगरबत्ती जलाकर रखता था। वह पूरे घर में अगरबत्ती जलाता था। इसके अलावा उसे रूम फ्रेशनर भी इस्तेमाल करता था। इस तरह उसने करीब 22 दिन में काफी रूम फ्रेशनर खाली कर दिए थे। सूत्रों के अनुसार, आफताब रोज उसी कमरे में सोता था, जहां उसने श्रद्धा की हत्या कर शव को काटा था। फ्रिज में रखने के बाद वह उसका चेहरा देखता था। आफताब ने शरीर के अंगों को ठिकाने लगाने के बाद फ्रिज की सफाई की थी। आफताब शेफ की ट्रेनिंग ले चुका है, इसलिए उसे इस बात की जानकारी है कि कैसे टुकड़े किए जाते हैं. आरोपी से पूछताछ के बाद पुलिस ने कहा कि हमने शव के कुछ टुकड़े बरामद किए हैं, लेकिन अभी कह नहीं सकते की वो इंसान की बॉडी का पार्ट है या नही. जिस हथियार से बॉडी को काटा गया है वो अभी बरामद नहीं हुआ है. 

श्रद्धा के मां-बाप का कई साल पहले ही अलगाव हो चुका था. जब श्रद्धा की मां को पता चला कि वह आफताब पूनावाला के साथ रिलेशनशिप में है तो उन्होंने ऐसा न करने के लिए समझाया. लेकिन वह नहीं मानी और आरोपी आफताब के साथ लिव इन में रहने चली गई. सूत्रों के मुताबिक शुरू में तो दोनों के बीच अच्छा समय बीता लेकिन उसके बाद आफताब मारपीट करने लगा. मां से फोन पर होने वाली बातचीत में श्रद्धा अक्सर बताती थी कि आफताब उसके साथ मारपीट करता है. 

वर्ष 2020 में बीमारी से श्रद्धा की मां की मौत हो गई. इसके बाद उसके पिता ने श्रद्धा को वापस घर लौटने के लिए समझाया लेकिन वह तब भी नहीं मानी और मारपीट के बावजूद आफताब पूनावाला के साथ बनी रही. श्रद्धा के दोस्तों के जरिए पिता को बेटी के बारे में जानकारी मिलती रहती थी. कई दोस्त फेसबुक के जरिए श्रद्धा की गतिविधियां देखकर उसका हाल-चाल बताते रहते थे.  

एक दिन श्रद्धा के दोस्त ने उसके भाई को बताया कि 2 महीने से श्रद्धा का फोन बंद आ रहा है. जब यह बात श्रद्धा के पिता को पता चली तो उन्होंने खुद बेटी को कॉल करके उसका हालचाल लेना चाहा लेकिन दूसरी ओर से फोन स्विच ऑफ आया. इसके बाद किसी अनहोनी की आशंका के साथ वे पहले मुंबई के पुलिस स्टेशन में पहुंचे और बेटी की गुमशुदगी की शिकायत दी.  

श्रद्धा अपने परिवार की मर्जी के खिलाफ, अपने पिता की मर्जी के खिलाफ आफताब के साथ रहने को गई थी. श्रद्धा ने अपने कथित प्यार की वजह से मां और बाप दोनों को छोड़ दिया था लेकिन एक पिता अपनी बेटी को कभी खुद से अलग नहीं कर पाया. अगर श्रद्धा के पिता उसका पता नहीं लगाते तो शायद श्रद्धा की मर्डर मिस्ट्री हमेशा के लिए मेहरौली के जंगलों में दफन होकर रह जाती और आरोपी फिर किसी ओर लड़की को फांसने के लिए प्लान बना रहा होता.