लसिका क्या है | What is Lymph
लसीका एक द्रव होता है जो लसीका तंत्र में घूमता रहता है. ये तब बनना शुरू होता है जब लिम्फ (लसीका) केशिकाओं के माध्यम से अंतरालीय द्रव (सभी शरीर के ऊतकों के अंतर में निहित द्रव) के रूप में एकत्र हो हो जाता है. इसमें लाल रक्त कणिकाएँ कम पाई जाती है और श्वेत रक्त कणिकाएँ अधिक पाई जाती हैं. इसमें फाइब्रिनोजेन की मात्रा कम होती है लेकिन फिर भी ये कभी कभी थक्का बनाने लगता है.
Difference between Blood and Lymph in Hindi | रुधिर और लसीका में क्या अंतर है !!
# लसीका और रुधिर दोनों तरल पदार्थ अर्थात द्रव होते हैं. जिसमे लसीका स्वेत और रुधिर लाल होता है.
# लसीका में श्वेत रक्त कणिकाएँ अधिक पाई जाती हैं और रक्त अर्थात रुधिर में कम पाई जाती हैं.
# लसीका में लाल रक्त कणिकाएँ कम पाई जाती हैं और रुधिर में लाल रक्त कणिकाएँ अधिक पाई जाती हैं.
# लसीका पुरे लसीका तंत्र में घूमती रहती है और रक्त पुरे शरीर की नसों से प्रसारित होता है.
# लसीका में फाइब्रिनोजेन की मात्रा कम पाई जाती है जबकि रुधिर में फाइब्रिनोजेन की मात्रा अधिक पाई जाती है.
# लसीका थक्के कम बनाती है क्यूंकि उसमे फाइब्रिनोजेन की मात्रा कम होती है लेकिन रुधिर आसानी से थक्के बना लेती है क्यूंकि इसमें फाइब्रिनोजेन की मात्रा अधिक होती है.
# रुधिर अलग अलग रंग के होते है अलग अलग जीवों में लेकिन लसीका सदैव स्वेत होता है.
# रक्त श्वेत रक्त कणिकाएं, लाल रक्त कणिकाएं, प्लेटलेट्स , प्लाज्मा की रचना करता है जबकि लसीका केवल श्वेत रक्त कणिकाएं और तरल पदार्थ की ही रचना करता है.
# रक्त, रक्त वाहिकाओं के अंदर circulate होता है जबकि लसीका, लसीका वाहिकाओं के अंदर circulate होता है।